माह-ए-रमजान के लिए बाजार सजकर तैयार
अगर आज चांद दिखा तो मुकद्दस माह-ए-रमजान गुरुवार से शुरू होगा। त्योहार के मद्देनजर मस्जिदों को सजाया और संवारा गया है। मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में रौनक बढ़ गई है। अपने-अपने इलाकों में लोग स्वयं ही अपने...
अगर आज चांद दिखा तो मुकद्दस माह-ए-रमजान गुरुवार से शुरू होगा। त्योहार के मद्देनजर मस्जिदों को सजाया और संवारा गया है। मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में रौनक बढ़ गई है। अपने-अपने इलाकों में लोग स्वयं ही अपने स्तर पर साफ-सफाई करने करवाने में जुटे हैं, क्योंकि नगर निगम के कर्मचारियों की हड़ताल के चलते पूरे शहर में गंदगी पसरी है। ऐसे में लोग स्वयं ही सफेदी छिड़कना और कूड़ा करवट हटाने में जुटे हैं।
मोलाना जमालुद्दीन बताते हैं कि सभी मुस्लिमों के लिए रोजे अनिवार्य हैं। इसलिए मुकद्स माह-ए-रमजान में सभी मुस्लिमों को रोजे रखने हैं। इस पूरे माह रोजेदार खुदा की इबादत करेंगे। इसके मद्देनजर सभी मस्जिदों में तैयारियों पूरी की गई। मस्जिदों में सहरी, इफ्तार, नमाज और कुरआन शरीफ पढ़ने की व्यवस्थाएं की गई हैं।
माह-ए-रमजान के मद्देनजर सजे बाजार
माह-ए-रमजान के मद्देनजर शहर के बाजार, एनएच-एक, पांच, पुराना फरीदाबाद, सराय ख्वाजा, बल्लभगढ़ आदि बाजार सज गए हैं। बाजार में सहरी-इफ्तार के सामान के अलावा कपड़ों की खरीदारी जोरों पर हैं। पुरुषों ने माह-ए-रमजान के लिए नए कुर्ते, पायजामा, टोपी, अतर, सुरमा व लूंगी आदि की खरीदारी की है। बाजारों में भी रोजा इफ्तार की सामग्री के लिए दुकानें सज गई हैं। गर्मी काफी अधिक होने के कारण इस बार रोजा रखना काफी कष्टप्रद होने की संभावना जताई जा रही है। मुस्लिम समुदाय के लोग इन दिनों माह-ए-रमजान के स्वागत और रोजों की तैयारी में जुटे हैं। घर और संस्थानों में साफ सफाई अंतिम दौर में हैं। सभी मस्जिदों को सफाई के साथ सजाने संवारने का काम चल रहा है।
नमाज और कुरआन शरीफ सुनने की व्यवस्था
अधिकांश लोगों का अधिकांश समय माह-ए-रमजान में अल्लाह की इबादत में गुजरेगा। किस मजिस्जद में नमाज अदा करनी है और कुरआन शरीफ कहां सुननी है?, लोगों द्वारा इसकी व्यवस्था की जा रही है। रमजान में तरावीह नमाज का विशेष महत्व है। तरावीह की नमाज में हाफिज कुरआन शरीफ सुनाते हैं। इसके लिए हाफिज-ए-कुरआन पहले ही तय कर दिए गए हैं। शहर की करीब 140 मस्जिदों में तैयारी पूरी की गई हैं।
लंबा होगा रोजा संतुलित लें आहर
रोजे इस बार लंबे होंगे। लेकिन मुस्लिम समुदाय का उत्साह देखते ही बनता है। बाजारों में रोजेदारों में व्यापक उत्साह देखा जा रहा है। रमजान के दिनों में गर्मी होगी और करीब 15 घंटे के लंबे रोजे होंगे। डॉ. तरुण गोयल के मुताबिक रोजेदार सहरी और इफ्तार के समय में संतुलित आहार लें। अंकुरित अनाज, जौ व दाल की खिचड़ी, पानी, नींबू पानी, खस का शरबत, मट्ठा, ज्वार-बाजरा, मल्टी ग्रेन आटे की ब्रेड, दूध, दही व छाछ आदि।। इफ्तार में इन्हें अवश्य लें:-खजूर, तरबूज, खरबूज, आम, केला, खीरा, बंध गोभी, सलाद पत्ता, शिमला मिर्च, टमाटर, लौकी, तरोई आदि
मौलाना जमालुद्दीन: उम्मीद है बुधवार को चांद दिखाई देगा और गुरुवार को पहला रोजा होगा। शहर की सभी मस्जिदों में रोजेदारों के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं।