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ईद की खुशियों पर कोरोना का साया होने से कारोबारियों को करोड़ों का घाटा

फरीदाबाद/ बल्लभगढ़। ईद-उल फितर की खुशियों पर इस बार कोरोना का कहर है। लॉकडाउन...

ईद की खुशियों पर कोरोना का साया होने से कारोबारियों को करोड़ों का घाटा
हिन्दुस्तान टीम,फरीदाबादMon, 10 May 2021 11:50 PM
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फरीदाबाद/ बल्लभगढ़। ईद-उल फितर की खुशियों पर इस बार कोरोना का कहर है। लॉकडाउन के चलते समस्त कारोबारियों की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। खासकर रेडिमेड कपड़ा, ज्वैलरी, आर्टिफिशियल ज्वैलरी व जूते के कारोबारियों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। ईद-उल फितर पर कारोबारी की तैयारी को लेकर व्यापारी एक से दो माह पहले से तैयारियां शुरू कर देते हैं, लेकिन इस बार कोरोना का कहर इस कद्र है कि व्यापारी अपने घर से बाहर निकलने को तैयार नहीं है। मीठी ईद को लेकर जहां एक ओर मुस्लिम समाज के लोग काफी समय से खुशियां मनाने के लिए तैयारियां कर लेते हैं, वहीं कारोबारी भी इस त्यौहार पर हर वर्ष अच्छी खासी सेल को लेकर बेहद उत्साहित रहता है। लेकिन इस बार कोरोना की लहर ने सभी कारोबारियों को घर से बाहर नहीं निकलने के लिए मजबूर कर दिया है। इस कारण ईद के मौके से जुड़ा प्रत्येक कारोबार पूरी तरह बंद रहा है। इस त्यौहार से रेमिडेट कपड़ा, जूता व आर्टिफिशियल ज्वैलरी का कारोबार ज्यादा होता है। इसी कारण व्यापारी इस त्यौहार में पैसा कमाने के लिए लाखों रुपये के सामान का स्टॉक कर लेते हैं, लेकिन इस बार कोरोना ने यह स्टॉक बाहर नहीं निकलने दिया है।

व्यापारी बोले, कोरोना ने सब बर्बाद कर दिया

रेडिमेड कपड़ा व्यापारी, प्रेम खट्टर :

ईद-उल फितर को मीठी ईद भी कहा जाता है। इस त्यौहार पर काफी दिन पहले से कारोबार शुरू हो जाता है। सुबह 8 बजे से लेकर देर रात तक कारोबार होता है। इस बार जो तैयारियां पहले से कर रखी थी, उस पर पूरी तरह पानी फिर चुका है। कोरोना ने ईद पर होने वाले पूरे कारोबार को खत्म कर दिया है।

आर्टिफिशियल ज्वैलर्स, बब्लू :

इस बार कोरोना ने ईद उल फितर के त्यौहार पर होने वाले कारोबार को पूरी तरह खत्म कर दिया है। लाखों रुपये की ज्वैलरी कारोबार के लिए रखी हुई थी, लेकिन कोरोना ने पूरी तरह बर्बाद कर दिए हैं। ईद के मौके पर आर्टिफिशियल ज्वैलरी का कारोबार बेहद अच्छा होता है।

मनीष मित्तल, जूता व्यापारी :

ईद-उल फितर पर चप्पल, सैंडल, जूती आदि का कारोबार अच्छा होता है। त्यौहार के मौके के लिए इनको कई महीने से तैयार किया जाता है, जो इस बार भी किए गए। लेकिन कोरोना ने पूरा कारोबार ठप्प कर दिया।

अक्षय तृतीय पर इस बार सोने का कारोबार नहीं रहेगा

14 मई को आने वाले अक्षय तृतीया पर इस बार अनसूझे मुहुर्त पर विवाह-शादी भी बेहद कम होने की उम्मीद है। कोरोना के चलते इस बार सरकार के नियमों के चलते शादी-विवाह में मात्र 11 लोग ही शामिल हो सकते हैं। ऐसे में लोग शायद ऐसी स्थिति में अपने बच्चों की शादी नहीं करें। बाजार भी पूरी तरह बंद हैं। ऐसे में जिसने अपने बच्चों की शादी करनी होगी तो वह बाजार बंद होने से खासा परेशान होगा। अक्षय तृतीय पर सोना खरीदना बेहद शुभ होता है। इसलिए ज्वैलर्स भी कारोबार की तैयारियां धनतेरस से करनी शुरू कर देते हैं। लेकिन इस बार अक्षय तृतीय पर न शहनाई बजेगी और न ही सोने का कारोबार होगा।

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