बाबा रामदेव के विरोध में चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर किया कार्य
कोरोना काल में मरीजों की मौत के लिए एलोपैथी के डाक्टरों को जिम्मेदार बताने...
कोरोना काल में मरीजों की मौत के लिए एलोपैथी के डाक्टरों को जिम्मेदार बताने का बयान देने वाले बाबा रामदेव के खिलाफ एलोपैथी के डॉक्टरों ने बुधवार को काली पटटी बांधकर काम किया। सुबह से लेकर शाम तक डाक्टर पटटी बांधकर ही कोरोनकाल में मरीजों का उपचार करते रहे। आईएमए के आह्वान पर डाक्टरों ने विरोध का फैसला किया। हालांकि प्रस्तावित कार्यक्रम के मुताबिक आईएमए को विरोध दर्ज करवाते हुए उपायुक्त को ज्ञापन सौंपना था, लेकिन इस कार्यक्रम में तब्दील करते हुए आईएमए ने एक दिन पहले ही उपायुक्त को ज्ञापन सौंप दिया।
निजी अस्पतालों में दिखा असर
बाबा रामदेव के खिलाफ डाक्टरों में भारी आक्रोष देखने को मिला। निजी अस्पतालों में सुबह से ही डाक्टरों ने काली पटटी बांध ली थी। इसके अलावा अन्य स्टाफ भी उनका साथ देते दिखे। किसी ने बाजू पर पूरी पटटी बांधी थी तो किसी ने हल्की पटटी का इस्तेमाल किया। डाक्टरों का कहना है कि काली पटटी देखने के बाद मरीज भी उनसे इसका कारण जानने की कोशिश करते रहे। हालांकि पूछने पर मरीजों को बताया कि उनका विरोध बाबा रामदेव के दिए गए बयानों को लेकर है।
एक दिन पहले दे दिया ज्ञापन
आईएमए फरीदाबाद के मीडिया प्रभारी डा सुरेश अरोड़ा ने बताया कि सोमवार को हरियाणा आईएमए की बैठक हुई थी। जिसमें बुधवार को बाबा रामदेव का विरोध करने का फैसला किया गया था। उन्होंने बताया कि इसी फैसले के तहत बुधवार को बाबा रामदेव का विरोध किया गया, लेकिन बाबा रामदेव के खिलाफ कार्रवाई को लेकर एक दिन पहले ही यानी मंलवार को उपायुक्त को ज्ञापन सौंप दिया गया।
कोरोना की वजह एकत्रित नहीं हुए डाक्टर
बाबा रामदेव के विरोध में सडक पर आकर विरोध करने से डाक्टर बचे। उन्होंने कोरोना की वजह से अपने क्लीनिक, अस्पताल में ही विरोध करने का फैसला किया। डाक्टरों का कहना है कि इस वक्त मरीजों को डाक्टरों की बेहद जरूरत है और डाक्टर का भी मुख्य पेशा मरीज का उपचार करना है, ऐसे में मरीजों को छोडना किसी भी डाक्टर के लिए संभव नहीं है।
आईएमए फरीदाबाद की प्रधान डा पुनीता हसीजा का कहना है कि बाबा रामदेव निरंतर माडर्न मेडिसिन के डॉक्टरों के खिलाफ कई तरह की वीडियो में अलग-अलग बयान देकर उनका अपमान कर रहे हैं। यह सरासर गलत है और सहन योग्य नहीं है। रामदेव कह रहे हैं कि एलोपैथी एक दिवालिया और बेकार साइंस है। उन्होंने ऐसा भी कहा है की मॉडर्न मेडिसीन के डॉक्टरों ने लाखों मरीजों को कोरोना का इलाज करते हुए मार दिया है। उनका कहना है कि इतने मरीज बिना ऑक्सीजन के नही मरे होंगे जितने इन्होंने ऑक्सीजन दे कर मार दिए। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव मरीजों को बुखार और दर्द की दवाई देने पर मॉडर्न मेडिसीन के डॉक्टरों को बेवकूफ कह कर संबोधित कर रहे हैं। बाबा कह रहे है कि हजारों डॉक्टर डबल डोज वैक्सिनेशन लेने के बावजूद भी अपने आप को नहीं बचा पाए तो वह मरीजों को क्या बचा पाएंगे।
प्रधान ने कहा कि बाबा कि इन सब बातों से ऐसा प्रतीत होता है कि वह सरकार की बनाई गई नीति और उनके इलाज की पद्धतियों में विश्वास नहीं रखते और वैक्सीनेशन की पॉलिसी में भी विश्वास नहीं करते। इससे प्रधानमंत्री और उनकी सरकार और सभी माडर्न मेडिसिन के डॉक्टरों का मजाक उडा रहे हैं।
यह है डाक्टरों की मांग
हम सभी डॉक्टर यह मांग करते हैं की सरकार को तुरंत उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और उनके खिलाफ एपिडेमिक एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज होना चाहिए। बाबा के इन कथनों से सभी डॉक्टरों का मनोबल टूटा है जिन डॉक्टरों की मरीजों का ईलाज करते समय कोरोना से मृत्यु हुई है उनके परिवारों में बहुत ही रोष है।