अरावली में जनवरी माह में कब्जे हटाएगा वन विभाग
फरीदाबाद में अरावली पहाड़ियों में चल रहे अवैध निर्माण को हटाने के लिए वन विभाग की टीम ने सोमवार को तोड़फोड़ की योजना बनाई थी, लेकिन पुलिस की अनुपस्थिति के कारण लौटना पड़ा। अब 3 जनवरी को तोड़फोड़ होगी।...

फरीदाबाद। अरावली पहाड़ियों में चल रहे बैक्वेंट हॉल और फार्म हाउस के अवैध कब्जे हटाने पहुंची वन विभाग की टीम सोमवार को बिना तोड़फोड़ के लौट गई। वन विभाग को पुलिस सहित अन्य आवश्यक स्टाफ न मिलने की वजह से बैरंग लौटना पड़ा। अब तीन जनवरी को तोड़फोड़ होगी। अरावली वन क्षेत्र और पंजाब भू-संरक्षण अधिनियम 1900 (पीएलपीए) के तहत नोटिफाइड एरिया में बने सभी अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलेगा। अरावली वन क्षेत्र में भूमाफिया सक्रिय है। उसने अरावली वन क्षेत्र के खोरी स्थित नगर निगम की करीब 80 एकड़ जमीन पर पांच हजार लोगों को बसा दिया था। अवैध रूप से बसी खोरी कॉलोनी को हटाने के लिए नगर निगम सुप्रीम कोर्ट चला गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वर्ष 2021 में तोड़फोड़ की गई थी। इससे नाराज खोरी के निवासियों ने एक एनजीओ के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में चला गया था और अरावली वन क्षेत्र में चल रहे बैक्वेंट हॉल, फार्म और शिक्षण संस्थानों के निर्माणों को भी अवैध बताया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने उन सभी को निर्माणों को चिन्हित कर तोड़फोड़ के आदेश दिए थे। इसके तहत करीब 500 अवैध निर्माण तोड़े गए थे। इसके लिए वन विभाग ने 27 व 30 दिसंबर और तीन जनवरी निर्धारित किए थे, लेकिन किन्हीं कारणों से अबतक तोड़ फोड नहीं हो पाई है। अब तीन जनवरी को तोड़फोड तय हुई है। इस संबंध में वन विभाग के रेंज ऑफिसर अफजल ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट को मार्च में तोड़फोड़ की रिपोर्ट सौंपनी है। इसके चलते तोड़फोड़ की योजना बनाई गई है। अभी नए पुलिस आयुक्त नियुक्ति हुई है। उनकी अनुमति से पुलिस प्राप्त होगी। इसके चलते सोमवार को तोड़फोड़ काे स्थगित करना पड़ा।
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