हथीन इलाके में पानी का भारी संकट
एक ओर जहां लोग चिलचिलाती धूप व गर्मी की मार झेल रहे हैं वहीं दूसरी ओर उपमंडल हथीन के ज्यादातर गांवों के लोग पीने के पानी का संकट झेल रहे हैं। ग्रामीणों को या तो दूर दराज से पानी की व्यवस्था करनी पड़...
एक ओर जहां लोग चिलचिलाती धूप व गर्मी की मार झेल रहे हैं वहीं दूसरी ओर उपमंडल हथीन के ज्यादातर गांवों के लोग पीने के पानी का संकट झेल रहे हैं। ग्रामीणों को या तो दूर दराज से पानी की व्यवस्था करनी पड़ रही है या फिर टैंकरों से पानी खरीदकर अपनी प्यास बुझा पा रहे हैं। समस्या इतनी गंभीर बनी हुई है कि आए दिन लोग धरने व प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। हैरानी की बात तो यह है कि 8 जून को चरमराई पेयजल आपूर्ति से नाराज लोग वार्ड नंबर 11 के एसडीओ कार्यालय पर प्रदर्शन भी कर चुके हैं, बावजूद इसके अभी तक पानी की इस समस्या का समाधान नहीं।
हिन्दुस्तान संवाददाता ने पेयजल समस्या को लेकर हथीन व पेयजल संकट से जूझ रहे आसपास इलाके के गांवों में जाकर जलापूर्ति का जायजा लिया। जहां चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। पेयजल समस्या के निदान के लिए लोग जनस्वास्थ्य विभाग कार्यालय के चक्कर काटते रहते हैं, लेकिन उन्हें अभी तक कहीं से भी कोई समाधान होता नजर नहीं आया। आखिर लोगों को प्यास बुझाने के लिए अपनी जेब ढीली करनी पड़ रही है। उन्हें टैंकरों से खरीदने वाले पानी पर निर्भर रहना पड़ रहा है।
हथीन के जयंति मोड़, लखनाका, धीरनकी, रूपडाका, मीठाका, अंधरोला, कोड़ल, उटावड़, अंधोप, आली ब्राह्मण, आलीमेव, सौंध, फिरोजपुर राजपूत सहित ऐसे कई गांव हैं जहां पीने के पानी की भारी कमी है। यहां हम आपको बता दें कि कौंडल वही गांव है, जहां सोनिया गांधी ने कांग्रेस की अध्ययक्षा रहते हुए रैनिवेल परियोजना का उद्घाटन किया था। लेकिन आज कुछ ही वर्षों में पेयजल की स्थिति विकराल बनती चली गई। रैनिवेल परियोजना से जलापूर्ति के बावजूद इलाकों में पेयजल संकट गहरा गया है।
रेनीवैल परियोजना- सरकार की तरफ से हथीन के गांवों में पीने के पानी का इंतजाम रेनीवैल परियोजना से किया हुआ है। जिसका मुख्य बुस्टर कोंडल में बनाया हुआ है। यहीं से हथीन व मेवात के इलाके को पानी दिया जा रहा है। मुख्य बुस्टर से अलग-अलग स्थानों पर बनाए गए छोटे-छोटे बुस्टरों को जोडा गया है जहां से पीने के पानी की सप्लाई की जाती है।
अवैध कनेक्शन बने हैं पेयजल संकट का मुख्य कारण
विभाग की तरफ से गांवों में पीने के पानी की समस्या का कारण अवैध कनैक्शन बताए जाते हैं। बताया जाता है कि लोगों ने मुख्य लाइन से ही पानी के अवैध कनेक्शन कर लिए। जिसका खामियाजा अंतिम छोर के उपभोक्ताओं को झेलना पड़ रहा है। पानी की प्रैशर नहीं होने से ऊंचाई वाले स्थानों पर पानी नहीं चढ़ पाता है। विभाग अवैध कनेक्शन करने वालों के खिलाफ केवल खानापूर्ति करता है।
प्रभावित ग्रामीणों सकील अहमद, उमर मोहम्मद, हनान खान, मुफीशा, जमीला, जसमीदा सहित अन्य लोगों का कहना है कि विभाग की तरफ से उनके गांवों में पूरा पानी पहंुचाने की कोई व्यवस्था नहीं हैं। अगर विभाग चाहे तो इस समस्या का समाधान कर सकता है। जिस गांव में थोडी बहुत उंचाई है वहां तो पानी बिल्कुल नहीं पहुंचता है।
जनस्वास्थ्य विभाग के एसडीओ एके गुप्ता का कहना है अवैध कनेक्शन करने वालों के खिलाफ समय-समय पर कार्यवाही की जाती रहती है। उनका प्रयास रहता है कि हर गांव को पर्याप्त मात्रा में पानी मिले। अगर कहीं कोई समस्या आती है तो उसे तुरंत ठीक करवा दिया जाता है।