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कूड़े के ढेर और सीवर का पानी सेहत पर भारी

सफाई कर्मचारियों की हड़ताल खत्म होने के एक महीने बाद भी स्मार्ट सिटी फरीदाबाद अभी तक भी मलिन बस्ती जैसी बनी हुई है। जगह-जगह कूड़े के ढेर, सड़क और गलियों में बहता सीवर का गंदा पानी, सड़कों के किनारे से...

कूड़े के ढेर और सीवर का पानी सेहत पर भारी
हिन्दुस्तान टीम,फरीदाबादSun, 17 Jun 2018 07:17 PM
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सफाई कर्मचारियों की हड़ताल खत्म होने के एक महीने बाद भी स्मार्ट सिटी फरीदाबाद अभी तक भी मलिन बस्ती जैसी बनी हुई है। जगह-जगह कूड़े के ढेर, सड़क और गलियों में बहता सीवर का गंदा पानी, सड़कों के किनारे से उड़ती मिट्टी। विकास कार्यों के नाम पर गड्ढे खोदकर जगह-जगह लगाए गए मिट्टी के टीलों से उड़ती धूल लोगों की सेहत पर भारी पड़ रही है। लोग बीमार हो रहे हैं और बीमारी की आशंका से परेशान हैं। बार-बार शिकायत करने पर भी लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं होता है।

पार्षद ललिता यादव का कहना है कि उन्होंने सीवरलाइन की सफाई के लिए सुपरशॉकर मशीन की मांग की है। उनके वार्ड में ही नहीं बल्कि शहर के पश्चिमी इलाके डबुआ कॉलोनी, जवाहर कॉलोनी, पर्वतीय कॉलोनी में नंगला रोड की सड़कों पर सीवर का गंदा पानी बह रहा है। लोग बीमार हो रहे हैं। गंदगी जगह-जगह पड़ी है। बार-बार शिकायत के बाद भी नगर निगम के अधिकारी मनमर्जी से काम करवाते हैं।

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वायुसेना सड़क बनी गंदा नाला :

वायुसेना सड़क बीते तीन दिन से गंदा नाला बनी हुई है। सड़क पर जमा गंदा सीवर और नालों का पानी लोगों के लिए मुसीबत बना है। इस सड़क पर आगे नंगला चौक के पास बीते चार महीने से सड़क पर गंदा पानी जमा है। बाजार में व्यापारियों का काम ठप है। ग्राहक गंदे पानी के कारण बाजार में नहीं आता है। लोगों का कहना है तिपहिया समेत अन्य वाहन पानी से निकलते हैं तो दुकानों के बाहर खड़े दुकानदार के कपड़े खराब हो जाते हैं। लगातार पानी जमा होने से सड़क खराब हो चुकी है।

राम जुनेजा, प्रधान, व्यापार मंडल :

सैकड़ों बार नगर निगम को शिकायत कर चुके हैं। कोई सुनने वाला नहीं है। लगातार पानी जमा रहने से सड़क खराब हो गई है। लोग बीमार हो रहे हैं।

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सड़क के किनारों से उड़ती है धूल :

सर्वोच्च न्यायालय और राष्ट्रीय हरित अभिकरण के आदेशों का भी नगर निगम प्रशासन पर कोई असर नहीं है। न्यायालय के आदेश के बाद भी शहर की सड़कों के किनारे जमी मिट्टी नहीं उठाई है। हालांकि नगर निगम ने सड़कों की सफाई के लिए मशीन भी ली हैं, लेकिन मुख्य सड़कों के किनारे मिट्टी जस की तस है। लोगों का आरोप है कि सब कुछ दिखावा है। धरातल पर काम कुछ नहीं होता है। लोग धूल के कारण बीमार हो रहे हैं। जो मशीने सड़कें साफ करने के लिए मंगवाई गई हैं, वे पॉश इलाकों से बाहर नहीं निकल पा रही हैं।

प्रिया : शहर की सड़कों पर निकलना मुश्किल होता है। बदबू भरी धूल उड़ती रहती है। प्याली चौक से हार्डवेयर चौक तक तो बदबू से उल्टी तक हो जाती है।

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जगह-जगह गंदगी के ढेर

तीन दिन पहले जवाहर कॉलोनी आरडब्ल्यूए के लोगों ने शहर में सफाई करवाने के लिए नगर निगम प्रशासन को ज्ञापन दिया है। हड़ताल खत्म होने के बाद भी शहर में सफाई नहीं हुई है। ज्ञापन में आयुक्त से निवेदन किया गया है कि अन्य शहरों की तरह अपने शहर में भी प्रतिदिन सुबह झाड़ू लगवाई जाए। जिस प्रकार अन्य शहरों में प्रतिदिन सुबह सफाई कर्मचारी झाड़ू लगाते हैं। उसी प्रकार अपने शहर में भी सफाई अभियान चलाने के साथ प्रतिदिन झाड़ू लगाई जानी चाहिए। शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर जमा हैं। कई सफाई कर्मचारी कूड़ा उठाने के बजाए उसमें आग लगा देते हैं।

प्रवीन : पूरे इलाके में गंदगी है। सफाई नहीं होती है। नालिया साफ नहीं होती है। नालियों का गंदा पानी गलियों में बहता रहता है। बार-बार शिकायत करने पर सफाई नहीं होती है।

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प्याली चौक पर मिट्टी के ढेर पर उठे सवाल

प्याली चौक पर बीते 20 दिन से सीवरलाइन डालने के लिए खुदाई करके मिट्टी के ढेर लगा दिए गए थे, जहां से मिट्टी उड़ती रहती है। ठेकेदार नियमों को ताक पर रखकर काम करता है। लोगों ने इस पर सवाल उठाए हैं कि जब तीन महीने पहले इसी चौक पर दूसरी तरह सीवर लाइन डालने काम काम किया गया था, तब यह काम क्यों नहीं किया गया। सड़क को फिर से तोड़ा गया है। आखिर क्यों बार-बार पैसा बर्बाद किया जाता है? सड़क पर बनाए गए मिट्टी के टीले से यातायात प्रभावित होता है। घंटों लोग जाम में फंसे रहते हैं।

संजय : करीब तीन महीने पहले भी इस चौक पर ऐसा ही काम किया गया था। एक बार सड़क खोदकर रख देते हैं और फिर भूल जाते हैं। घंटों लोग जाम में फंसते हैं। धूल से लोग बीमार हो रहे हैं।

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रमन शर्मा, अधीक्षक अभियंता: मेरी जानकारी में ये अधिकांश समस्याएं नहीं हैं। मैं इन्हें अभी दिखवाता हूं और अगर किसी कर्मचारी या अधिकारी की लापरवाही सामने आई तो कार्रवाई होगी।

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