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औद्योगिक नगरी में गुड़ी पाड़वा त्योहार परंपरागत तरीके से मनाया

फरीदाबाद। गांधी कॉलोनी में रविवार को महाराष्ट्र मित्र मंडल द्वारा गुड़ी पाड़वा का त्यौहार मनाया गया। इस मौके पर लोगों ने तिलक लगाकर एक दूसरे को नववर्ष की शुभकामनाएं दीं। साथ ही गुड़ी बांधकर पूजन अर्चन...

औद्योगिक नगरी में गुड़ी पाड़वा त्योहार परंपरागत तरीके से मनाया
हिन्दुस्तान टीम,फरीदाबादSun, 18 Mar 2018 08:17 PM
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फरीदाबाद। गांधी कॉलोनी में रविवार को महाराष्ट्र मित्र मंडल द्वारा गुड़ी पाड़वा का त्यौहार मनाया गया। इस मौके पर लोगों ने तिलक लगाकर एक दूसरे को नववर्ष की शुभकामनाएं दीं। साथ ही गुड़ी बांधकर पूजन अर्चन भी की। घरों में लोगों ने गुड़ी माता का पूजन अर्चन किया। इस दौरान पूरनपोली नामक मीठा व्यंजन बनाने की परंपरा है, जिसे घी और शक्कर के साथ खाया जाता है। इस दिन खास तौर से श्रीखंड तथा लजीज पकवान भी बनाए गए। घरों में गुड़ी बांधा गया। इसके बाद लोगों ने परंपरागत ढंग से पूजन किया। गुड़ी पड़वा का पर्व चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है। इसे वर्ष प्रतिपदा या उगादि भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि गुड़ी पड़वा यानि वर्ष प्रतिपदा के दिन ही ब्रह्मा जी ने संसार का निर्माण किया था। इसलिए इस दिन को नव संवत्सर यानि नए साल के रूप में मनाया जाता है। शहर में रहने वाले मराठी परिवार के सदस्य व महाराष्ट्र मित्र मंडल से जुड़े सुधाकर पांचाल के अनुसार गुड़ी पड़वा को हिंदू नववर्ष की शुरुआत माना जाता है, यही कारण है कि हिंदू धर्म के सभी लोग इसे अलग-अलग तरह से पर्व के रूप में मनाते हैं। सामान्य तौर पर इस दिन हिंदू परिवारों में गुड़ी का पूजन कर इसे घर के द्वार पर लगाया जाता है और घर के दरवाजों पर आम के पत्तों से बना बंदनवार सजाया जाता है। गुड़ी पड़वा के दिन नीम की पत्तियां खाने का भी विधान है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर नीम की कोपलें खाकर गुड़ खाया जाता है। इसे कड़वाहट को मिठास में बदलने का प्रतीक माना जाता है। इस मौके पर मौजूद च्चतामणि, विलास पांचाल, लक्ष्मण, सुधाकर, सुरेंद्र चौहान, अक्षय, किरण, भारती, वंदना ने एक दूसरे को गुडी पड़वा की शुभकामनाएं दीं।

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