ग्रेटर फरीदाबाद की सोसाइटियां नगर निगम के अधीन होंगी
ग्रेटर फरीदाबाद के सेक्टर-75 से 89 के बीपीटीपी ब्लॉक जल्द ही नगर निगम के अधीन होंगे। लोगों में खुशी का माहौल है और उन्हें उम्मीद है कि सुविधाएं बेहतर होंगी। बिल्डर ने सभी आवश्यक सेवाएं प्रदान की हैं,...

फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। ग्रेटर फरीदाबाद के सेक्टर-75 से 89 के बीपीटीपी ब्लाॅक जल्द ही नगर निगम अधीन होंगे। इस संबंध में जिला नगर योजनाकार के निदेशक अमित खत्री को भेजा गया है। उधर बिल्डर भी हैंडओवर करने की बात से सहमत है। इस फैसले से लोगों में खुशी का माहौल है। लोगों को उम्मीद है कि क्षेत्र में सुविधा बढ़ेंगी। सेक्टर-75 से 89 के बीच बीपीटीपी बिल्डर ने वर्ष 2004 में प्रोजेक्ट लॉन्च किया था। वर्ष 2012 से कब्जा मिलना शुरू हुआ है। वर्तमान में यहां प्लाट, फ्लैट और इंडिपेंडेट फ्लोर्स की कीमत लाखों में है। लोगों का कहना है ब्लाक के अधिकांश हिस्सों में जरूरी सुविधाओं का अभाव है।
पेयजल और टूटी सड़कों की मरम्मत को लेकर बिल्डर तथा लोगों के बीच कई महीनों से विवाद चल रहा है। इसको लेकर कई बार लोग जिला प्रशासन से शिकायत कर चुके हैं। विरोध प्रदर्शन भी हो चुके हैं। लेकिन स्थाई समाधान नहीं हो सका है। -------------------- कैबिनेट मंत्री के सामने उठा था मुद्दा इन सेक्टरों के कई ब्लाॅक में सीवर, पेयजल, बिजली और टूटी सड़कों की समस्या है। बीते दिनों कैबिनेट मंत्री राव नरबीर की अध्यक्षता में सेक्टर-12 स्थित एचएसवीपी कन्वेंशन हाल में आयोजित ग्रीवेंस की बैठक में ग्रेटर फरीदाबाद के लोगों ने समस्या को उजागर किया था। जिसके बाद मंत्री ने आदेश दिए कि संबंधित क्षेत्र का निरीक्षण कर अधूरे कार्यों को पूरा कराया जाए। लोगों का कहना है कि एरिया नगर निगम और बिजली निगम के अंतर्गत आने के बाद सेक्टर की स्थिति बदलेगी। बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। सभी सेवाएं मानकों के अनुरूप बीपीटीपी के बिजनेस डेवलपमेंट अध्यक्ष रोहित मोहन का कहना है कि हमारी कंपनी ने सभी आवश्यक सेवाएं हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मानकों के अनुसार दी हैं। मौके पर सभी जरूरी सुविधाएं भी हैं। कंपलीशन सर्टिफिकेट के लिए आवेदन भी कर दिया है। यह सेवाएं 10-12 साल पहले पूरी हो चुकी हैं। नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग ने एचएसवीपी और अधिकारियों के माध्यम से इन कामों का निरीक्षण भी करा लिया है। कंपनी इन सेवाओं को संबंधित आरडब्ल्यूए और अधिकारियों को औपचारिक रूप से सौंपने के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए लंबित मेंटेनेंस शुल्क, जो करोड़ों रुपये में है, का निपटारा करना आवश्यक है। यह बकाया राशि हैंडओवर प्रक्रिया को सुरक्षित और सुचारू बनाने के लिए जरूरी है। ------ सेक्टर-75 से 89 में अधूरे आधारभूत ढांचा और समस्याओं के संबंध में कैबिनेट मंत्री को शिकायत की गई थी। जिसके बाद उन्होंने जल्द कालोनी में अधूरे कार्यों के पूरा कराकर नगर निगम को सौंपने के आदेश दिए। अधिकारियों से जानकारी मिली है कि जल्द कालोनी निगम को नगर निगम के अंतर्गत किया जाएगा। विभाग की ओर से अप्रूवल के लिए चंडीगढ़ पत्र भेजा गया है। -विनोद नागर, आरडब्ल्यूए प्रधान, सेक्टर-75 --------------- सेक्टर-75 से 89 के बीच अधूरे कार्यों को पूरा कराकर नगर निगम को टेकओवर करना है। इसकी प्रक्रिया चल रही है। फाइल टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अधिकारियों को भेजी गई है। - देंवेद्र पाल, वरिष्ठ नगर योजनाकार
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