बारिश में तालाब बन जाता है सेहतपुर का प्राथमिक विद्यालय
फरीदाबाद के सेहतपुर स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालय में बारिश के कारण जलभराव से कक्षाएं नहीं लग पा रही हैं। 715 से अधिक विद्यार्थी प्रभावित हैं। विद्यालय के प्रबंधन ने बारिश में कक्षाएं...
फरीदाबाद। गांव सेहतपुर स्थित राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालय केवल नाम के लिए ही आदर्श है। बारिश में विद्यालय परिसर तालाब के रूप में परिवर्तित हो जाता है। पानी कक्षाओं में भी घुस जाता है। जलभराव के चलते कक्षाएं लगा पाना संभव नहीं हो पाता है। अभिभावक एवं विद्यालय प्रबंधन बारिश के दौरान कक्षाओं वरिष्ठ माध्यमिक में चलाने की मांग कर चुके हैं। राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालय सेहतपुर में 715 से अधिक विद्यार्थी पहली से पांचवीं कक्षा में पढ़ाई करते हैं। विद्यालय सड़क से काफी नीचा होने के चलते यहां बारिश का पानी भर जाता है। पानी भरने की वजह से कक्षाएं लगा पाना संभव नहीं हो पाता है। बारिश के पानी के साथ गांव की गंदगी भी विद्यालय परिसर में आकर एकत्र हो जाती है। पानी को निकलने में दो से तीन दिन का समय लग जाता है। इस दौरान विद्यालय प्रबंधन को कक्षाएं तीन जर्जर कमरों में लगानी पड़ती है। इसके अलावा पिछले सप्ताह शुक्रवार को तेज बारिश हुई थी, उसका पानी अभीतक भरा हुआ है और अब डेंगू व मलेरिया का सीजन चल रहा है। ऐसे यह पानी मच्छरों के लिए उपयुक्त है। बच्चे और विद्यालय स्टाफ तेजी से डेंगू एवं मलेरिया की चपेट में आ सकते हैं।
वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय है ऊंचाई पर
सेहतपुर का वरिष्ठ माध्यमिक एवं प्राथमिक विद्यालय दोनों एक ही परिसर में हैं। वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को कुछ वर्ष पूर्व एलएंडटी ने बनाया बनाया था और यह विद्यालय ऊंचाई पर बना हुआ है। यहां पर बारिश का पानी नहीं भरता है, बल्कि बारिश के दौरान विद्यालय से निकलने वाला पानी प्राथमिक कक्षाओं में भरता है। इस समस्या के समाधान के लिए प्राथमिक विद्यालय प्रबंधन ने वरिष्ठ माध्यमिक की प्रधानाचार्य से बारिश के दिनों में कक्षाएं चलाने अनुमति मांगी थी।उन्होंने स्पष्ट मना कर दिया। समाज सेवी शिव दत्त शर्मा ने बताया कि कई बार वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की प्रधानाचार्य के साथ बैठक करके उनसे सिर्फ बारिश के दौरान कक्षाएं लगाने की अनुमति देने की अपील कर चुके हैं।
करंट आने का रहता है डर
प्राथमिक विद्यालय के एक स्टाफ ने बताया कि बारिश के दौरान कमरों में भी जाने से डर लगता है। पानी भरा रहने से कमरों में सीलन आ जाती है। इससे करंट लगने का भी रहता है। इसके चलते पानी खाली होने के बाद अध्यापक कमरों में जाते हैं।
मेरे संज्ञान में मामला नहीं है। इस संबंध में यदि कोई अपनी समस्या लेकर आता है तो उसका समाधान अवश्य ढूंढा जाएगा। इसके अलावा यदि नए भवन की आवश्यकता होगी तो उसे भी बनवाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।
-अजीत सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी
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