ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News NCR फरीदाबादसावन का पहला सोमवार:::::सावन के पहले सोमवार को श्रद्धालुओं ने किया शिवालयों में भगवान शिव का जलाभिषेक

सावन का पहला सोमवार:::::सावन के पहले सोमवार को श्रद्धालुओं ने किया शिवालयों में भगवान शिव का जलाभिषेक

फरीदाबाद। लगातार दूसरे वर्ष वैश्विक महामारी कोविड के नियमों की पाबंदियों के साथ सावन...

सावन का पहला सोमवार:::::सावन के पहले सोमवार को श्रद्धालुओं ने किया शिवालयों में भगवान शिव का जलाभिषेक
हिन्दुस्तान टीम,फरीदाबादMon, 26 Jul 2021 11:10 PM
ऐप पर पढ़ें

फरीदाबाद। लगातार दूसरे वर्ष वैश्विक महामारी कोविड के नियमों की पाबंदियों के साथ सावन का पहला सोमवार मनाया गया। सावन के पहले सोमवार को श्रद्धालुओं ने शिवालयों में जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक और रूद्राभिषेक किया। कुछ श्रद्धालुओं ने कोरोना के मद्देनजर मंदिरों में जाने के बजाए अपने घरों में ही पूजा-अर्चना की। जबकि कुछ लोग बगैर मास्क पहने ही मंदिर पहुंच गए। लेकिन मंदिर कमेटियों ने सख्ती बरती और भीड़ नहीं होने दी।

अरावली में श्रीगोपाल गौशाला के महाकाल मंदिर, गुरु गोरक्षनाथ मंदिर, श्रीलक्ष्मीनारायण दिव्यधाम, जवाहर कॉलोनी के श्रीराममंदिर, सैनिक कॉलोनी के शिवालय और तिकोना पार्क के शिवालय समेत शहर के कोने-कोने में श्रद्धालुओं ने मंदिरों में जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक और रूद्राभिषेक किया। श्रीगोपाल गौशाला में श्रीमहाकाल मंदिर में महंत अनिल शास्त्री ने भगवान शिव का अभिषेक कराया। यहां बारी-बारी से शहर के गणमान्य व्यक्तियों के परिवारों से भगवान का अभिषेक कराया गया। गंगाजल, दूध, दही, घी, शक्कर, शहद, और गन्ने के रस से महादेव का अभिषेक किया गया। श्रद्धालुओं ने बेलपत्र, नीलकमल, कनेर, समीपत्र, दूब, कुशा, कमल, राई और फूल, धतूरा, भांग और श्रीफल चढ़ाकर भगवान भोलेनाथ की आरती की। गौशाला समिति के अध्यक्ष रमेश गुप्ता ने पूजा की शुरूआत की। पुराना फरीदाबाद रेलवे स्टेशन के निकट बड़े मंदिर में महंत यतिन गौड़ ने बारह ज्यार्तिलिंग का अभिषेक करवाया। जवाहर कॉलोनी श्रीराम मंदिर में महंत अमित शास्त्री ने मंदिर कमेटी के प्रधान राम जुनेजा ने जलाभिषेक की शुरूआत कराई।तिकोना पार्क के शिवालय में मंदिर कमेटी के प्रधान जगदीश भाटिया ने जलाभिषेक करके पूजा की शुरूआत की।

घरों में आटे का शिवलिंग बनाकर किया अभिषेक

श्रद्धालुओं ने घर में ही आटे का शिवलिंग बनाकर भगवान का गंगाजल व दूध से अभिषेक किया और धतुरा बेलपत्र आदि चढ़ाए। श्रद्धालुओं ने अपने घर में ही श्रीगणेश, भगवान शिव, माता पार्वती, कार्तिकेय और नंदी की पूजा की। ज्योतिषाचार्य परमानंद शास्त्री बताते हैं कि सावन के पवित्र महीने में भगवान शिव की पूजा से शनि व पितृ दोष खत्म हो जाते हैं। सावन की पूजा घर में रहकर भी की जा सकती है।

सोमवार का व्रत रखा और कथा सुनी

सावन के पहले सोमवार को कुछ श्रद्धालुओं ने व्रत रखा और कथा पढ़ी व सुनी। बुजुर्ग त्रिवेणी, सुखवीरी देवी व मायादेवी बताती है कि एक पौराणिक कथा के अनुसार देवी सती ने अपने पिता दक्ष के घर में योगशक्ति से शरीर त्याग किया था, देवी सती ने महादेव को हर जन्म में पति के रूप में पाने का प्रण किया था। अपने दूसरे जन्म में देवी सती ने पार्वती के नाम से हिमाचल और रानी मैना के घर में पुत्री के रूप में जन्म लिया। पार्वती ने सावन महीने में निराहार रह कर कठोर व्रत किया और भगवान शिव को प्रसन्न कर उनसे विवाह किया। इसलिए सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा का महत्व माना जाता है।

लगातार दूसरी बार नहीं गए कांवड लेने

कोविड नियमों की पाबंदी के कारण लगातार दूसरे वर्ष भी कांवड़ लेने श्रद्धालुगण नहीं जा सके। आम तौर पर पहले सोमवार को ही श्रद्धालुगण कांवड लेने हरिद्वार जाते हैं। ज्योतिषाचार्य केके शास्त्री बताते हैं कि जो श्रद्धालुगण कांवड लाने का संकल्प ले चुके हैं। ऐसे श्रद्धालुओं ने शिव परिवार को पंचामृत यानी गाय के दूध, दही, शहद, शक्कर, घी व जलधारा से स्नान कराकर, चंदन, फूल, रोली, वस्त्र अर्पित करके पूजा की। श्रद्धालुओं ने शिव को सफेद फूल, बेल पत्र, सफेद वस्त्र और श्री गणेश को सिंदूर, गुड़ व पीले वस्त्र भी चढ़ाए। ऐसे श्रद्धालुगण चौदस के दिन भी जलाभिषेक करेंगे।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें