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VIDEO: ऑनलाइन दाखिला फॉर्म भरना छात्रों के लिए बना सिरदर्द

कॉलेजों में ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरना छात्रों के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। फॉर्म भरने के दौरान अगर किसी प्रकार की गलती हो जाती है, तो ठीक कराने के लिए स्थानीय स्तर पर कोई समाधान नहीं है। इसे सिर्फ...

VIDEO: ऑनलाइन दाखिला फॉर्म भरना छात्रों के लिए बना सिरदर्द
वरिष्ठ संवाददाता ,फरीदाबादMon, 12 Jun 2017 08:53 PM
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कॉलेजों में ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरना छात्रों के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। फॉर्म भरने के दौरान अगर किसी प्रकार की गलती हो जाती है, तो ठीक कराने के लिए स्थानीय स्तर पर कोई समाधान नहीं है। इसे सिर्फ सरकारी और गैर सरकारी कॉलेज के नोडल अधिकारी ही उच्च शिक्षा विभाग में मेल कर ठीक कराया जा सकता है। उधर, छात्रों के लिए दो टोल टोल फ्री नंबर जारी किए गए हैं। लेकिन इसके माध्यम से छात्रों का समाधान नहीं हो पा रहा है।

उच्च शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अत्यधिक दबाव होने से इसकी रफ्तार काफी धीमी हो गई है। हाई स्पीड इंटरनेट होने के बावजूद कॉलेज प्रबंधन को एक आवेदन फॉर्म को अपलोड करने में न्यूनतम 30 से 35 मिनट लग रहा है। इस दौरान अगर कम्प्यूटर को रिफ्रेस या इंटर कुछ भी कर दिया गया तो आवेदन फॉर्म जमा नहीं हो पा रहा है। इससे कॉलेजों में तैनात विशेषज्ञों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इससे छात्र सहित कॉलेज प्रबंधन का भी सिर दर्द बढ़ गया है। 

दरअसल, प्रदेश सरकार डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए कई कई रणनीति तैयार की गई हैं। इसके तहत प्रत्येक कॉलेजों में ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिसे अनिवार्य कर दिया गया है। जिसकी कमान यूनिवर्सिटी के हाथों में है। आवेदन फॉर्म के संबंध में कॉलेज प्रबंधन को कुछ भी जानकारी नहीं मिल रही है।

इंटरनेट और पोर्टल की स्पीड है धीमी 
राजकीय महिला कॉलेज में आवेदन फॉर्म भरने के लिए करीब 10 कम्प्यूटर लगे हैं। इनमें भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और निजी कंपनियों के इंटरनेट कनेक्शन लगे हैं। इसके अलावा दो निजी कंपनियों का डाटा कार्ड भी हैं। छात्रों को ऑनलाइन फॉर्म भरने के दौरान किसी प्रकार की दिक्कत न हो। बताया जा रहा है उच्च शिक्षा विभाग के पोर्टल धीमे होने के कारण एक फॉर्म भरने के करीब 35 मिनट लग रहे हैं। एक वरिष्ठ प्रोफसर का कहना है कि इंटरनेट में भी लगातार दिक्कतें आ रही हंै। कनेक्शन स्वत: कट जाता है। 

साइबर कैफे संचालकों की है चांदी
कॉलेज में दाखिले के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरना अनिवार्य करने के बाद साइबर कैफे संचालकों की चांदी हो गई है। फॉर्म भरने के दौरान कुछ साइबर संचालक नाम, पता, आधार कार्ड, बैंक का खाता सहित कई जरुरी जानकारियां गलत भर देते हैं। इसेठीक कराने के लिए कॉलेज के चक्कर काटने पड़ रहे हंै। सेक्टर 16 स्थित एक साइबर कैफे संचालक नीतिन गौड़ का कहना है कि एक साथ चार छात्र ही फॉर्म को भर सकते हंै। प्रयास रहता है कि जल्द-जल्दी आवेदन फॉर्म भरा जाए। ताकि अधिक से अधिक छात्र आवेदन फॉर्म भर सकें। प्रत्येक साइबर कैफे में रोजाना 30-40 आवेदन फॉर्म भरे जा रहे हैं। छात्रों का कहना है कि एक फॉर्म भरने के लिए 60 से 100 रुपये देना पड़ता है। 

दयानंद कॉलेज की प्रचार्या डॉ. वंदना: उच्च शिक्षा विभाग की ओर से सहयोग नहीं मिल रहा है। कई छात्रों के आवेदन फॉर्म भरने के दौरान गलती हो गई है। इसे ठीक कराने के लिए उच्च शिक्षा विभाग की ओर से आज तक दिशानिर्देश जारी नहीं किया गया है। इससे काफी दिक्कतें आ रही हैं। 

क्या कहते हैं छात्र
जोसेंद्र सिंह : फॉर्म को भरने में मुझे करीब 30 मिनट का समय लगा। कॉफी मशक्कत के बाद आवेदन फॉर्म को अपलोड किया गया। डेविट कार्ड के माध्यम से कई बार फीस जमा करने का प्रयास किया, इसके बावजूद फीस जमा नहीं हो सकी। इससे चिंता बढ़ गई है। 

करण पांडे : पिछले आधे घंटे से फॉर्म भरकर अपलोड करने का प्रयास कर रहा हूं। लेकिन पोर्टल पर दबाव ज्यादा होने के कारण फॉर्म अपलोड नहीं हो पा रहा है। ऐसे में क्या करुं समझ में नहीं आ रहा है।

मनीषा : बदरपुर स्थित एक साइबर कैफे से आवेदन फॉर्म भरा था। इस अफरा तफरी में नाम के स्पेलिंग में गलती हो गई है। कई बार टोल फ्री नंबर पर फोन किया गया। लेकिन वहां किसी से भी संपर्क नहीं हो सका।

नेहा चौघरी : फॉर्म भरने के बाद काफी देर तक इंतजार करती रही। फॉर्म अपलोड नहीं हो रहा था इसके बाद मैंने कम्प्यूटर को रिफ्रेस कर दिया। इसके बाद मैंने अपना आईडी पासवर्ड डालने के बावजूद कुछ नहीं आ रहा। कम्प्यूटर स्क्रीन ब्लैक आ रहा है। 

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