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आर्थिक तंगी ने ली चार भाई बहनों की मौत

पुल आउट पेज एक की प्रस्तावित लीड मां-बाप की आमदनी खत्म होते ही टूटता चला गया परिवार फरीदाबाद। दयाराम वशिष्ठ हरियाणा पर्यटन विभाग के राजहंस होटल से फूड एंड ब्रेबेज के कैप्टन जेजे मैथ्यूस व राजहंस...

आर्थिक तंगी ने ली चार भाई बहनों की मौत
हिन्दुस्तान टीम,फरीदाबादSat, 20 Oct 2018 10:52 PM
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हरियाणा पर्यटन विभाग के राजहंस होटल से फूड एंड ब्रेबेज के कैप्टन जेजे मैथ्यूस व राजहंस होटल में ही हेल्पर उनकी पत्नी एगनेश मैथ्यूज के सेवानिवृत्ति के बाद परिवार की आमदनी का जरिया खत्म हो गया था। एक साल पहले सेवानिवृत्त हुए जेजे मैथ्यूस की इसी वर्ष अप्रैल में मौत हो गई। अभी परिवार इस दुख से उभर भी नहीं पाया था कि इसी वर्ष छह माह पहले सेवानिवृत्त हुई एगनेश मैथ्यूज की भी जुलाई में मौत हो गई। फिर यह परिवार एक के बाद एक आपदाओं से घिरता चला गया। आखिरकार पांच सितारा होटल की चकाचौंध में रहने वाला परिवार एक साथ बेसहारा होता चला गया। अभी जेजे मैथ्यूस की मौत को परिवार भुला भी नहीं सका था कि परिवार के लोगों को राजहंस की ओर से मिला सरकारी आवास छोड़ना पड़ा। इसके बाद उन्होंने दयालबाग के सी ब्लॉक में अग्रवाल अपार्टमेंट में किराए पर मकान लिया। जेजे मैथ्यूस की बड़ी बेटी मीना मैथ्यूस बीमार होने के कारण उनका समय समय पर डायलिसिस करना पड़ता था। इसी बीच फरवरी के महीने में जेजे मथ्यूस का छोटा बेटा संजू मैथ्यूस सड़क दुर्घटना में घायल हो गया। जिसकी परिवार के लोग बैड पर ही सेवा करते थे। इस हादसे से परिवार पूरी तरह टूट गया। उसके इलाज पर दिल्ली ट्रॉमा सेंटर लाने व ले जाने पर भारी भरकम पैसा खर्च होने लगा। जानकारों की मानें तो जो भी विभाग से सेवानिवृत्ति में पैसा मिला, वह सब इलाज में खर्च होता चला गया। इन हालातों के बीच जुलाई के महीने में जेजे मैथ्यूस की पत्नी एग्नस मैथ्यूस भी अपने तीन बेटियों और दो बेटा को अनाथ छोड़कर इस संसार से चली गई। इसके बाद से परिवार के लोगों को हाल और भी बुरा हो गया। मम्मी-पापा की मौत के बाद बच्चे सदमे से उभर भी नहीं सके थे कि परिवार में सबसे छोटा बेटा संजू मैथ्यूस की मौत हो गई। इन सबके बाद परिवार के सदस्य बेहाल होते चले गए। करीब तीन सप्ताह पहले सबसे बड़ी बेटी मीना मैथ्यूस की हालत बिगड़ गई। जहां उसका इलाज शहर के क्यूआरजी अस्पताल में कराया गया। इस दौरान यह परिवार एक-एक पैसे का मोहताज होता चला गया। आखिर उन्हें इलाज का भी कुछ पैसा उधार करना पड़ा, जिसका जिक्र सुसाइड नोट में किया गया। -----------सभी ने आत्महत्या की सहमति जताईसुसाइड नोट में परिवार के सभी लोगों ने आत्महत्या करने पर अपनी सहमति जताई थी। इसका खुलासा सुसाइड नोट में सभी की ओर से किए गए हस्ताक्षरों से लगाया जा सकता है। परिवार के एक साथ चार लोगों की ओर से आत्महत्या किए जाने की घटना ने बुराडी कांड की याद दिला दी। सुसाइड नोट भी यह भी लिखकर अंतिम इच्छा जताई थी कि उनका अंतिम संस्कार बुराड़ी में ही किया जाए। सुसाइड नोट में सेक्टर-28 चर्च के फादर की ओर से की गई मदद का भी जिक्र किया गया है। फादर रवि कोटा ने बताया कि 22 अगस्त 2018 को इनका रजिस्ट्रेशन किया गया था। इससे पहले इनका कहीं भी रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया था। फादर रवि कोटा व आरपी जोशी ने बताया कि इन बच्चों के पिता व माता का अंतिम संस्कार भी दिल्ली के बुराड़ी कब्रिस्तान में ही हुआ है। इसक चलते इन्होंने सुसाइड नोट में इस कब्रिस्तान का जिक्र किया है।गैलरी से पुलिस ने किया सुसाइड नोट बरामदगैलरी में से पुलिस ने एक सुसाइड नोट बरामद किया है, जिसमें लिखा है कि हम मम्मी, पापा और छोटे भाई संजू के बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। इसके चलते हम चारों भाई-बहनों ने जान देने का फैसला किया है। इस सुसाइड नोट में पूरे लेन देन का जिक्र करते हुए साफ कहा है कि पूछताछ के नाम पर किसी को भी परेशान न किया जाए।-----------------चारों शवों के पोस्टमार्टम का आज फैसला होगाशनिवार को बीके अस्पताल में मृतकों के पोस्टमार्टम नहीं किए जा सके हैं। डॉक्टरों का कहना है कि शव पूरी तरह सड़ चुके हैं, इनका यहां पोस्टमार्टम संभव नहीं। ऐसी दशा में रविवार को पोस्टमार्टम के बारे में निर्णय लिया जाएगा। अगर यहां संभव नहीं हो सका तो रविवार को रोहतक में ले जाकर पोस्टमार्टम किया जाएगा।मामला पूरी तरह आत्महत्या का है: सूरजकुंड एसएचओएसएचओ विशाल कुमार ने बताया कि आर्थिक तंगी व तनाव के चलते परिवार के चारों सदस्यों ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है। किसी तरह का कोई शक नहीं है। जहां तक कमरे में खून मिलने की बात है कि मौत के कई दिन बाद शव से गंदा खून निकल-निकलकर जमा होता रहा।--किसी से नहीं थी परिवार के लोगों की जान-पहचानपरिवार के सदस्य इतने तनाव में थे कि उन्होंने आत्महत्या जैसा घातक कदम उठाया। दरअसल, परिवार के सदस्य इतने गहरे सदमे में थे कि वे किसी से मिलना पसंद नहीं करते थे। यहां तक कि उनकी किसी से कोई न तो खास जान-पहचान थी न ही नाते-रिश्तेदारी। इसके चलते वे घर ही घर में रहना पसंद करते थे। परिवार के मददगार रहे आरपी जोशी का कहना है कि सबसे छोटा संजू इन्हें सबसे प्यारा था। परिवार के सभी लोग उसका पूरा ख्याल रखते थे। प्रत्येक सप्ताह उसे ट्रॉमा सेंटर दिखाने ले जाते थे। बावजूद इसके वह उसे वह बचा नहीं सके। इसके चलते यह परिवार टूटता चला गया। ---------पुलिस को सूचना : सुबह 8 बजकर 30 मिनट परमौके पर पहुंची पुलिस: सुबह 8 बजकर 35 मिनट परएफएसएल टीम मौके पर पहुंची:9 बजकर 30 मिनट परशव बीके अस्पताल के लिए किए रवाना: 2 बजकर 30 मिनट परपुलिस चौकी पहुंचे फायद व मददगार:2 बजकर 35 मिनट परस्टाफ ने भी शादी में मदद का दिलाया था भरोसाफरीदाबाद। होटल राजहंस यूनियन के सचिव ठाकुर सिंह ने चारों बच्चों की ओर से आत्महत्या को अंजाम दिए जाने की घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि राजहंस का स्टाफ आपस में एक दूसरे की बहुत मदद करता है। समय-समय पर एक दूसरे के दुख दर्द में काम आता रहता है। अपने स्टाफकर्मी जेजे मैथ्यूस की मौत के बाद भी स्टाफ ने इस परिवार की काफी मदद की। उनके चले जाने के बाद खुद उन्होंने जेजे मैथ्यूस की पत्नी स्टाफकर्मी होने के नाते खूब समझाया था कि वह अपने बच्चों का रिश्ता तय करे, शादी में उनकी हर संभव मदद की जाएगी। लेकिन उन्हें आज अफसोस है कि परिवार के सदस्यों ने इस तरह का कदम उठाया। इस साल जनवरी में हाउस कीपिंग विभाग में तैनात एग्नस मैथ्यूस सेवानिवृत हुई थीं तथा जून के महीने में इन्होंने कमरा खाली किया था। इसके बाद से ये अपने परिवार के साथ दयालनगर में रहती थीं। लेकिन परिवार के सदस्य किसी से बातचीत नहीं करते थे।

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