जमानत दिलाने वाले डॉक्टर के खिलाफ जांच शुरू
फरीदाबाद के नीमका जेल में बंद कैदियों को फर्जी जमानत दिलाने के मामले में एसजीएम नगर थाना की पुलिस ने जांच शुरू की है। आरोपियों में डॉक्टर और अस्पताल के कर्मचारी शामिल हैं, जिन्होंने कैदियों के परिजनों...

फरीदाबाद, कार्यालय संवाददाता। नीमका जेल में बंद कैदियों को फर्जी तरीके से जमानत दिलाने के मामले में एसजीएम नगर थाना की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि आरोपियों को जल्द पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया जाएगा। मामले की जांच की जिम्मेदारी पुलिस चौकी एनआईटी तीन को सौंपी गई है। गौरतलब है कि शनिवार रात एसजीएम नगर थाना की पुलिस ने एक डॉक्टर समेत सात अन्य पर मुकदमा दर्ज किया था। आरोपियों में बीके अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी भी हैं। मुकदमा क्राइम ब्रांच सेक्टर-65 के प्रभारी राकेश की शिकायत पर दर्ज किया गया था।
सेक्टर-दो निवासी एक व्यक्ति की ने नवंबर-2024 को पुलिस आयुक्त कार्यालय में एक शिकायत दी थी। उसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि शहर स्थित कुछ डॉक्टर, अस्पताल के कर्मचारी नीमका जेल में बंद विचाराधीन/सजायाफ्ता कैदियों के परिजनों से संपर्क करते हैं। फिर उसका पिछले तारीख में ओपीडी कार्ड बनाकर विभिन्न लैब में रक्त आदि की जांच कराई जाती है। फिर फर्जी तरीके से जांच रिपोर्ट में गंभीर बीमारी अंकित कर, उसे अस्पताल में भर्ती किया जाता है। इसके बाद फर्जी मेडिकल रिपोर्ट तैयार कर, जेल में बंद उसके परिजनों के लिए जामनत की अर्जी लगाई जाती है। इसमें प्रति कैदी एक लाख रुपये लिए जाते हैं। शिकायत मिलने के बाद क्राइम ब्रांच सेक्टर-65 की टीम ने मामले की जांच की और आरोपियों से पूछताछ की। पूछताछ में आरोप सत्य पाए जाने पर एसीएम नगर थाना में मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

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