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दुर्गा पूजा महोत्सव::::::काली बाड़ी मंदिरों में बंगाली समुदाय ने की संधि और महाष्टमी की पूजा

दुर्गा पूजा महोत्सव::::::काली बाड़ी मंदिरों में बंगाली समुदाय ने की संधि और महाष्टमी की पूजादुर्गा पूजा महोत्सव::::::काली बाड़ी मंदिरों में बंगाली...

दुर्गा पूजा महोत्सव::::::काली बाड़ी मंदिरों में बंगाली समुदाय ने की संधि और महाष्टमी की पूजा
हिन्दुस्तान टीम,फरीदाबादSat, 24 Oct 2020 11:00 PM
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फरीदाबाद। दुर्गा महोत्सव में शनिवार को महाष्टमी और संधि पूजा की हुई। मध्यरात्रि में मां काली की पूजा की गई। कालीबाड़ी मंदिरों में बंगाली समुदाय के साथ स्थानीय लोगों ने भी श्रद्धा भाव से महाष्टमी की पूजा की। कालीबाड़ी मंदिरों में श्रद्धालुओं ने श्रद्धा और उत्साह के साथ मां दुर्गा के चरणों में 108 कमल के फूल चढ़ाकर और 108 दीपों को प्रज्जवलित करके पूजा-अर्चना की।

सेक्टर-29 स्थित काली मंदिर में पंडित तरुण भट्टाचार्य ने विधि-विधान से पूजा अर्चना करवाते हुए कहा कि संधि पूजा अष्टमी और नवमी के मिलन के समय की जाती है। इस काल में ही मां चामुंडा ने राक्षस महिषासुर का वध किया। उन्होंने बताया कि त्रिमंग देवी दुर्गा शक्ति की अधिष्ठाती हैं। दशभुजाधारी आदिशक्ति मां दुर्गा सिंह पर सवार है और असुर वध करती है। उनके साथ पद्महस्ता लक्ष्मी, वाणी पाणि सरस्वती, मूषक वाहक गणेश और मयूर वाहक कार्तिकेय के अलवा महिषासुर उसका भैंसा, ढाल-तलवार व सिंह की प्रतिमाएं है। ढोल नगाड़ों के बीच की गई पूजा में अध्यात्मिक महौल बढ़ गया। महिलाओं ने अपने घरों से माता का भोग बनाकर माता को भोग लगाकर पूजा की। हार्डवेयर चौक के निकट कालीबाड़ी मंदिर में बंगाली समुदाय के लोगों ने देर रात तक नगाड़ों की थाप के बीच मां दुर्गां की आरती की। सेक्टर-16 के कालीबाड़ी मंदिर में पुलिस आयुक्त केपी सिंह ने भी मां दुर्गा के दर्शन किए।

शनिवार को अष्टमी नवमी में महागौरी और सिद्धिदात्री मां की पूजा

या देवि सर्वभूतेषु लक्ष्मी रुपेण संस्थिता,

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:

शारदीय नवरात्रा महोत्सव में शनिवार को आदिशक्ति मां दुर्गा के आठवें और नौवे स्वरूप महागौरी व सिद्धिदात्री माता की पूजा की गई। व्रतधारियों ने कन्याओं को भोजन कराकर अष्टमी व नवमी की पूजा की। श्रद्धालुओं ने घरों में और मंदिरों में देवी के सभी स्वरूपों की विधि-विधान से हवन-यज्ञ करते पूजा अर्चना की। व्रतधारियों ने सुबह ही पूजन के बाद कन्याओं को जिमाया(भोजन कराया) और अपने व्रत पूर्ण किए। श्रीलक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में चल रहे नवरात्रा अनुष्ठान के दौरान स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने कहा कि शास्त्रों के मुताबिक अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, इशित्व और वशित्व ये आठ सिद्धियां होती हैं। महागौरी और मां सिद्धिदात्री का स्वरूप भक्तों को ये सिद्धियां देने में समर्थ है। भगवन शंकर ने भी देवी से इन सिद्धियों को प्राप्त किया था। इनकी अनुकम्पा से भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण भगवान शिव को अर्द्धनारीश्वर भी कहते हैं। आदिशक्ति दुर्गा के नौ स्वरूप पावन है। मां की पूजा से भक्त को सदा सुख और शांति की प्राप्ति होती है और मां अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती है। श्रद्धालुओं ने कोविड नियमों का पालन करते हुए मंदिर में देवी मां के दर्शन किए और प्रसाद चढ़ाया।मंदिरों में पुजारियों ने मंत्रोच्चारण के बीच श्रद्धालुओं ने माता को प्रसाद चढ़ाकर मां की पूजा कराई। वायुसेना मार्ग स्थित श्रीराम मंदिर में अष्टमी का हवन करते हुए मंदिर के प्रधान राम जुनेजा ने श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया। एनएच-पांच में श्रीराधेश्वर मंदिर में महंत मुनिराज जी महाराज ने अनुष्ठान किया।

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