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मेवात के गांवों में पीने के पानी का संकट

सरकार द्वारा मेवात इलाके की प्यास बुझाने के लिए रेनीवैल परियोजना लगाई हुई है, उसके बाद भी मेवात इलाके में पीने के पानी का संकट बना रहता है। यहां गर्मियों के मौसम में तो लोग दूरदराज के क्षेत्रों से...

मेवात के गांवों में पीने के पानी का संकट
हिन्दुस्तान टीम,फरीदाबादSun, 02 Jul 2017 07:14 PM
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सरकार द्वारा मेवात इलाके की प्यास बुझाने के लिए रेनीवैल परियोजना लगाई हुई है, उसके बाद भी मेवात इलाके में पीने के पानी का संकट बना रहता है। यहां गर्मियों के मौसम में तो लोग दूरदराज के क्षेत्रों से पीने के पानी का इंतजाम करते हैं। हथीन में पड़ने वाले मेवात के ज्यादातर गांवों में पीने के पानी की भारी किल्लत है। कांग्रेस सरकार ने रहीमपुर में रेनीवैल परियोजना शुरू कर गांव कोंडल में बड़ा बूस्टर बनाया था जहां पानी को जमा किया जाता है। इसका उद्घाटन खुद कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी ने किया था। इस परियोजना के जरिए पूरे मेवात में पीने के पानी की आपूर्ति की गई लेकिन फिर भी यहां के गांवों में पीने के पानी की भारी कमी बनी रहती है। मेवात में पड़ने वाले ज्यादातर गांवों में जमीनी पानी खारा हो चुका है । इस इलाके के लोग समय-समय पर विभाग में शिकायत दर्ज करवा कर या फिर जाम लगाकर अपनी आवाज उच्चाधिकारियों व सरकार तक पहुंचाने का काम करते हैं। इन गांवों में पानी संकट- गांव बूराका, उटावड़, आलीमेव, विनोदा गढ़ी, कलसाडा, रुपडाका, मलाई, खाईका, सांपनकी समेत 12 गांव ऐसे हैं जहां पीने के पानी का संकट है। लोग अवैध कनेक्शन कर लेते हैं विभाग के अधिकारियों के अनुसार एसई ललित अरोड़ा व जेई आरिफ अंसारी का कहना है मेवात में पानी की कोई कमी नहीं है। लोग पानी आपूर्ति करने वाली लाइनों में अवैध कनेक्शन कर लेते हैं जिससे आगे पानी नहीं पहुंच पाता है। इसके अलावा पीने के पानी को सिंचाई में इस्तेमाल भी करते हैं।

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