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दुर्गा पूजा पंडालों में महाष्टमी पर संधि पूजा में श्रद्धालुओं ने मां भवानी की सेवा में रात गुजारी

फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता दुर्गा पूजा पंडालों में रविवार की रात्रि में महाष्टमी पर...

दुर्गा पूजा पंडालों में महाष्टमी पर संधि पूजा में श्रद्धालुओं ने मां भवानी की सेवा में रात गुजारी
Newswrapहिन्दुस्तान टीम,फरीदाबादSun, 22 Oct 2023 11:11 PM
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फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता
दुर्गा पूजा पंडालों में रविवार की रात्रि में महाष्टमी पर श्रद्धालुओं ने संधि पूजा के लिए पूरी रात पंडालों में गुजारी। कालाबाड़ी मंदिरों में दिन में संधि पूजा की गई और मध्यरात्रि में मां काली की पूजा की गई। महिलाएं अपने घरों से भोग तैयार करके पंडाल पहुंची और माता को भोग लगाया। इस काल में मां चामुंडा ने राक्षस महिषासुर का वध किया।

सेक्टर-29 में स्वामी विवेकानंद एसोसिएशन के दुर्गा पूजा महोत्सव में बंगाली समुदाय के लोगों ने श्रद्धाभाव से महाअष्टमी की पूजा की। पंडित तरुण भट्टाचार्य ने विधि-विधान से पूजा अर्चना करवाई। मंत्रोच्चारण और ढाक की थाप के साथ मां की विधिवत संधि पूजा कराई। संधि पूजा में श्रद्धालुओं ने मां को शंख, लाख, लोहे की चूड़ी छुआने के बाद सिंदूर, आलता, चांदी, सोना भेंट किया गया। पंडित ने बताया कि संधि पूजा के काल में मां चामुंडा ने राक्षस महिषासुर का वध किया। महिलाएं अपने घरों से माता का भोग बनाकर पंडाल में लाई। सेक्टर-16 में दुर्गा कालीबाड़ी में दुर्गा पंडाल में दुर्गा पूजा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही। पश्चिम बंगाल से बुलाए गए बैंड पर बंगाली समुदाय के लोगों ने जमकर मस्ती की। अशोका इंक्लेव में सार्वजनिक दुर्गा पूजा समिति के पंडाल में बंगाली गायकों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। फरीदाबाद दुर्गा बाड़ी मंदिर में बंगला बैंड पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।

पंडालों में मां दुर्गा की सेवा में जुटे श्रद्धालुगण

कालीबाड़ी मंदिर के अध्यक्ष डॉक्टर प्राणजीत भौमिक ने बताया कि यह माना जाता है की मां दुर्गा हमारी बेटी है और इन दिनों अपने चार बच्चों के साथ अपने मायके आती है इसीलिए हम इन चार दिनों तक उसी प्रकार से उत्सव के माहौल में खुशियां मानते हैं, तरह तरह के व्यंजन और पकवान बनाकर खाते हैं एवं नए-नए पोषक पहनते है। मंदिर के मुख्य पुरोहित राजीब नियोगी ने बताया कि महाअष्टमी पूर संधि पूजा का महत्व यह है कि यह उस समय को चिह्नित करता है जब अष्टमी तिथि नवमी तिथि बन जाती है। मंदिर के वरिष्ठ सदस्य अभिजीत गांगुली, अचिंतो पंडित ने बताया कि श्रद्धालुओं ने खिचड़ी प्रसाद का आनंद लिया और यह व्यवस्था सोमवार को भी रहेगी। मंदिर के सांस्कृतिक सचिव गोराचांद मुख़र्जी जी ने बतायाकि मंदिर में पश्चिम बंगाल से आये हुए कलाकार नीलाद्रि नाथ एवं आकाश विस्वास की बांग्ला गायन का आनंद उठया सकते हैं। संयुक्त सचिव सांतनु देब सरकार ने मंदिर परिसर में आने वाले समस्त दर्शनार्थियों के प्रति तहे दिल से आभार व्यक्त किया एवं मंदिर में आने वाले सभी लोगों के सुभिधावों की विशेष ध्यान रखने की आश्वासन दिया।

दुर्गा पंडालों में धुनुचि की सुगंध से महका इलाका

स्मार्ट सिटी के विभिन्न इलाको में आयोजित किए गए दुर्गा पूजा महोत्सव के पंडालों में बंगाली समुदाय के साथ अन्य श्रद्धालुओं ने भी श्रद्धा भाव से महाअष्टमी की पूजा की। इस दौरान पंडलों में महिलाओं ने लाल रंग की साड़ी पहनकर धुनुचि नृत्य किया। महिलाओं ने मां दर्गा के सामने ढोल-नगाड़ों के बीच जमकर नृत्य किया। धुनुचि की सुगंध से पूरा इलाका महक उठा। संध्या आरती के बाद मां के सामने युवक युवतियों ने नारियल की जटाओं पर लोबान सुलगाकर पारंपरिक धुनुचि नृत्य किया। पंडालों में कथक, कथकली, मोहनीट्टम जैसे शास्त्रीय नृत्यों के भी चित्र लगाए गए हैं। पंडालों में रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

दुर्गा पूजा पंडालों में रही बंगाली संगीत की धूम

दुर्गा पूजा पंडालों में बंगाली संस्कृति .. सांस्कृतिक कार्यक्रमों .. धूम रही। पश्चिम बंगाल .. बुलाए .. बैंड .. पंडाल में लोगों .. मंत्रमुग्ध .. दिया। इसके अलावा गायकों ने...आज .. रात,...आज हुई दिन ताके, ..ए आमार गुरु दक्षिणा,.. मेरी दूनिथा तुमसे ही..,जैसे बंगाली भाषा .. गीतों .. दुर्गा पूजा .. पंडालों में धूम मचा दी। दुर्गा पंडालो में बच्चों .. ड्रैस, खेलकूद्र गायन, नृत्य व पेंटिंग प्रतियोगिताएं आयोजित .. गई। .. पंडालों में शाम .. पूजा आरती .. बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों .. धूम रही। रामायण .. नाटक प्रस्तुत ..ए गए। सांस्कृतिक कार्यक्रम में बंगाली भाषा .. गायकों ऐसा समा बांधा .. श्रद्धालु मंत्रमुग्ध .. गए।

श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र बने कालीबाड़ी मंदिर

बंगाली समुदाय ही नहीं बल्कि स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए भी कालीबाड़ी मंदिर इन दिनो आस्था के प्रमुख केंद्र बने हुए है। पंडालों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। इन पंडालों में प्रतिदिन शहर भर के बड़े अधिकारी, राजनेता, डॉक्टर और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का यहां तांता लगा रहता है। शारदीय नवरात्रों में यहां पांच दिन का मेला लगता है। दूर-दराज के इलाकों से यहां श्रद्धालुगण पहुंचते हैं। पंचमी से दशमीं तक यहां दुर्गा पूजा के विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं।

सुख-समृद्धि के लिए की महाष्टमी में महागौरी की पूजा

नवरात्रे के आठवें दिन श्रद्धालुओं ने आदिशक्ति मां दुर्गा के आठवें रूप महागौरी की पूजा-अर्चना की। श्रद्धालुओं ने अष्टमी की पूजा कर कन्याओं को भोजन कराया और नवरात्र व्रत की शांति की। मंदिरों में माता को सिंदूर अर्पण कर सुहागिनों ने मां से सुख-समृद्धि की कामना की, अष्टमी पर मंदिरों में श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रही। मंदिरों में सुबह से श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगनी शुरू हो गई। मंत्रोच्चारण के बीच श्रद्धालुओं ने माता को प्रसाद चढ़ाकर मां की पूजा की। विधिवत रूप से मां की पूजा-अर्चना कर भक्तों ने कन्याओं को भोज कराया। कन्याओं को स्वादिष्ट भोजन कराने के बाद उन्हें उपहार देकर विदा किया। अष्टमी के दिन व्रतधारियों ने कन्याओं को भोजन कराकर व्रत का परायण किया।

अनुष्ठान में शामिल हुए अन्य श्रद्धालुगण

श्रीलक्ष्मीनारायण दिव्यधाम में चल रहे अनुष्ठान में अन्य श्रद्धालुगण भी रविवार को शामिल हुए। पूजा के बाद स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने कहा कि देवी के आठवें रूप महागौरी की पूजा-अर्चना से सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। मां दुर्गा का यह रूप नारी के सुलभ गुणों से प्रेरित है। अपनी तपस्या से मां ने गौर वर्ण प्राप्त किया। इसलिए इन्हें महागौरी, धन, ऐश्वर्य प्रदायनी, चैतन्यमयी माता के नाम से जाना जाता है। उत्पत्ति के समय माता की आयु आठ वर्ष की होने के कारण इनकी पूजा नवरात्र के आठवें दिन की जाती है। मां की पूजा से भक्त को सदा सुख और शांति की प्राप्ति होती है। अपने भक्तों के लिए माता अन्नपूर्णा है। इसलिए महागौरी की अराधना के लिए निर्धारित आठवें दिन मां की पूजा कर कन्याओं को भोज कराया जाता है।

मां महागौरी की भव्य पूजा पर निकाली गई कलश यात्रा

एनएच-एक में अष्टमी पूजन पर महारानी वैष्णोदेवी मंदिर में मां महागौरी की भव्य पूजा अर्चना की और कलश यात्रा निकाली। श्रद्धालुओं ने मां के हवन यज्ञ में आहुति डाली और मां के सामने जयकारे लगाते हुए अपनी अरदास की। महारानी वैष्णोदेवी मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया। मंदिर में पहुंचकर भक्तों ने मां महागौरी की पूजा की तथा उनके समक्ष अपनी मनोकामना रखी। मंदिर संस्थान के प्रधान जगदीश भाटिया ने आए हुए सभी श्रद्धालुओं का स्वागत किया तथा उन्हें नवरात्रों की शुभकामनाएं दीं। अष्टमी के शुभ अवसर पर कंजक पूजन का भी आयोजन किया गया। इसमें उद्योगपति आर के बत्तरा, मंदिर संस्थान के चेयरमैन प्रताप भाटिया, नीरज अरोरा , सुरेंद्र गेरा , फकीरचंद कथूरिया, प्रीतम धमीजा, अनिल ग्रोवर, बलजीत एवं बलबीर व राहुल ने मां के समक्ष अपनी हाजिरी लगाई तथा पूजा अर्चना में हिस्सा लिया।

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