छात्रों की मूल्यांकन परीक्षाएं ऑफ़लाइन आयोजित करने की मांग
परेशानीछात्रों की मूल्यांकन परीक्षाएं ऑफ़लाइन आयोजित करने की मांग-राजकीय स्कूलों में ऑनलाइन परीक्षा से परेशानी-अवसर एप के जरिए ऑनलाइन आयोजित की जा...
फरीदाबाद। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों ने छात्र मूल्यांकन परीक्षाएं (सैट) ऑफलाइन मोड में आयोजित करने की मांग की है। शिक्षकों का कहना है कि ऑनलाइन परीक्षा में ज्यादातर छात्र शामिल नहीं हो पा रहे हैं। इसके चलते सैट परीक्षाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। इसलिए छात्रहित में सभी कक्षाओं के लिए परीक्षाएं ऑफलाइन तरीके से ली जाएं, जिससे कि छात्रों का मूल्यांकन हो सके।
इस बारे में हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन जिला फरीदाबाद ने निदेशालय को पत्र भेजने की तैयारी की है। वहीं जिला स्तर पर भी शिक्षा अधिकारियों से मिलकर इस बाबत मांग उठाई जाएगी।
सोमवार से हुआ था सैट का दौर शुरू
स्कूल शिक्षा निदेशालय की ओर से दिए गए आदेशानुसार जिले के स्कूलों में सैट का दौर सोमवार यानी 15 फरवरी से शुरू हुआ था। वहीं शुक्रवार तक कक्षा तीसरी से छठी की परीक्षाएं सम्पन्न हो चुकी हैं। जारी डेटशीट के मुताबिक, परीक्षा का दौर दो मार्च तक जारी रहेगा। इससे पहले जारी आदेशानुसार परीक्षाएं एक फरवरी से शुरू होनी थी। वहीं 12 फरवरी तक परीक्षाएं सम्पन्न होनी थी। लेकिन बीच में हुए किसान आंदोलन के बाद प्रदेश के विभिन्न जिलों में प्रभावित हुई इंटरनेट सेवाओं को देखते हुए परीक्षाएं स्थगित कर दी गई थी।
अवसर एप से ली जा रहीं परीक्षाएं
गौरतलब है फिलहाल छठी से 12वीं के स्कूल जिले में खुल चुके हैं। कोविड के चलते सैट परीक्षा का आयोजन इस बार ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों तरीके से करने की योजना बनाई गई थी। इसके तहत कक्षा तीसरी से नौंवी और 11वीं के छात्रों के लिए परीक्षाएं अवसर एप के जरिए ली जा रही हैं। जबकि दसवीं और बारहवीं के छात्रों के लिए परीक्षाएं ऑफलाइन कराने का फैसला लिया गया है। लेकिन शिक्षकों के मुताबिक कई छात्रों के पास स्मार्टफोन नहीं है और कई छात्र तकनीकी दिक्कतों के चलते एप से परीक्षा नहीं दे पाए। इसलिए परीक्षाएं ऑफलाइन लेने के आदेश देने चाहिए।
आधे से ज्यादा बच्चे परीक्षा से वंचित
चतर सिंह, प्रधान, हरियाणा प्राइमरी टीचर एसोसिएशन जिला फरीदाबाद
सरकारी स्कूलों में सैट ऑनलाइन लिया जा रहा है। प्राइमरी विंग की परीक्षाएं हो चुकी हैं। सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं है। करीब 60 फीसदी अभिभावकों के पास स्मार्टफोन है लेकिन इनमें से भी ज्यादातर ऑनलाइन पेपर नहीं करवा पाए हैं। शिक्षक पेपर ऑनलाइन करवाने का प्रयास करते हैं, तो साइट चलने में दिक्कत आती है। इसलिए शिक्षा विभाग से मांग करते हैं कि प्राइमरी स्कूलों में भी ऑफलाइन परीक्षा करवाने के आदेश दिए जाएं। छात्र हित में ये फैसला लेना जरूरी है। महासचिव रामेश्वर यादव व कोषाध्यक्ष महेन्द्र सिंह अधाना ने कहा कि छात्र व बच्चे परीक्षा को लेकर चिंतित हैं। उम्मीद है शिक्षा विभाग जल्द फैसला लेगा।