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सालभर में करोड़ों खर्च, फिर भी स्वच्छता रैंकिंग गिरी

फरदीाबाद। स्वच्छता सर्वेक्षण में एक बार फिर स्मार्ट सिटी को मायूसी हाथ लगी है।...

सालभर में करोड़ों खर्च, फिर भी स्वच्छता रैंकिंग गिरी
हिन्दुस्तान टीम,फरीदाबादSat, 20 Nov 2021 11:30 PM
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फरदीाबाद। स्वच्छता सर्वेक्षण में एक बार फिर स्मार्ट सिटी को मायूसी हाथ लगी है। शनिवार को घोषित हुए स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 के परिणाम में स्मार्ट सिटी देश के दस लाख की आबादी वाले 48 शहरों में 41वें स्थान पर रही। पिछले वर्ष स्मार्ट सिटी को इन शहरों में 38वां स्थान मिला था। सालभर में करोड़ों के खर्च के बाद भी इस बार शहर तीन पायदान नीचे चला गया।

स्मार्ट सिटी को 55 फीसदी अंक मिले हैं। हालांकि राहत की बात यह है कि केंद्र सरकार की तरफ से पहली बार शुरू किए गए प्रेरक सम्मान श्रेणी में स्मार्ट सिटी को सिल्वर अवार्ड मिला है।  यह अवार्ड कूड़े के प्रबंधन को लेकर दिया गया है। केंद्र सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण के परिणामों के लिहाज से स्मार्ट सिटी पिछले तीन साल से निरंतर पिछड़ती जा रही है। देश में दस लाख  से ज्यादा आबादी वाले 48 शहरों में स्मार्ट सिटी को वर्ष 2019 में 34, वर्ष 2020 में 38 और 2021 में 41वां स्थान मिला है। बिगड़ती इस हालत के बावजूद नौकरशाही कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रही। हालांकि, आए दिन बैठकों का दौर चलता है। स्मार्ट सिटी को साफ सुथरा रखने के लिए नगर निगम सालाना करीब 150 करोड़ रुपए खर्च करता है। इसके बाद भी स्वच्छ्ता सर्वेक्षण-2021 में नगर निगम को दस लाख से ज्यादा आबादी वाले देश के 48 शहरों में 41वां स्थान मिला है।

सिल्वर अवार्ड मिला : सर्वेक्षण के परिणाम में स्मार्ट सिटी को प्रेरक सम्मान में सिल्वर अवार्ड मिला है। यह अवार्ड पहली बार केंद्र सरकार ने शुरू किया है। इसमें गीला, सूखा और खतरनाक कूड़े को अलग करने,  गीले कूड़े को लेकर व्यवस्था, गीले और सूखे कूड़े की रिसाइक्लिंग करना, निर्माण सामग्री मलबे के लिए प्लांट लगाने, कूड़े को सही ढंग से निस्तारण करने की व्यवस्था,सफाई व्यवस्था का स्तर आदि की जांच की जाती है।

स्मार्ट सिटी को साफ करने के लिए ठोस योजना नहीं

केंद्र सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण के अलग-अलग श्रेणी हैं। सर्वेक्षण 6000 अंक का होता है। लोगों को दी जा रही सुविधा की श्रेणी 2400 अंक, लोगों को मिल रही सुविधा को लेकर लोगों से बातचीत 1800 अंक और शहर को साफ करने के लिए निगम की योजना 1800 अंक का होता है। नगर निगम की योजना को लेकर सिर्फ 300 अंक मिले हैं, जो सबसे कम है। करीब 40 फीसदी लोगों ने सफाई व्यवस्था पर असंतोष जाहिर किया।

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