निगम संपत्ति की नीलामी कर अपनी आर्थिक तंगी दूर करेगा
फरीदाबाद। नगर निगम अगले महीने अपनी वाणिज्यिक साइटों की नीलामी करके धन जुटाएगा। वैश्विक...
फरीदाबाद। नगर निगम अगले महीने अपनी वाणिज्यिक साइटों की नीलामी करके धन जुटाएगा। वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण निगम अपना बकाया भी नहीं वसूल सका है। ऐसे में नगर निगम आर्थिक संकट से जूझ रहा है। यहां तक कि नगर निगम अपने कर्मचारियों को मई और जून का वेतन भी नहीं दे सका है। अन्य खर्चे भी पूरे नहीं हो पा रहे हैं। राज्य सरकार पहले ही नगर निगम के रोजमर्रा के खर्च के वहन करने में मौखिक रूप से हाथ उठा चुकी है।
ऐसे में नगर निगम के सामने फिल्हाल संपत्ति की नीलामी के अलावा कोई अन्य वैकल्पिक व्यवस्था दिखाई नहीं देती है। इसके मद्देनजर नगर निगम प्रशासन ने अपनी वाणिज्यिक साइटों की नीलमी की तैयारी शुरू कर दी है।
सूत्रों के मुताबिक आर्थिक संकट से जूझ रहा नगर निगम इस नीलामी से करीब 25 करोड़ रुपये की धनराशि जुटाएगा। नीलामी से मिलने वाली इस रकम से उसकी कुछ देनदारियां तत्काल पूरी की जाएंगी। नगर निगम की योजना शाखा फिलहाल साइटों का रिकॉर्ड खंगालने और उनकी कमियों को दुरुस्त करने में जुटी है। इनमें कुछ शैक्षणिक संस्थान के लिए तय की गई साइट भी शामिल हैं। नगर निगम के पास रिहायशी और वाणिज्यिक साइट हैं, लेकिन नीलामी में किन साइटों को शामिल किया जाएगा इसमें मंथन जारी है। नगर निगम आयुक्त डॉ.गरिमा मित्तल ने बताया कि कुछ साइटों की नीलामी की जाएगी। ये पहले से ही लंबित हैं।
सभी साइटों की होगी ई-नीलामी
सभी साइटों की ई-नीलामी होगी। नगर निगम प्रशासन इसकी तैयारी में जुटा है। नीलामी के भागीदारी के लिए नगर निगम मुख्यालय या फिर साइट के चक्कर नहीं काटने होंगे। नगर निगम की वेबसाइट पर नीलाम की जाने वाली साइटों का लेआउट प्लान, मूल कीमत और आरक्षित मूल्य आदि सब कुछ जानकारी उपलब्ध होगी। नीलामी में भाग लेने के लिए साइट की कीमत का पांच फीसदी रकम पहले जमा करानी होगी।
बकाया वसूली तेज करेगा नगर निगम
नगर निगम प्रशासन गृहकर, विकास शुल्क और सीएलयू आदि मदों की बकाया राशि की वसूली तेज करेगा। ताकि नगर निगम के खर्चों पर काबू पाया जा सके। शहर में करीब 125 करोड़ रुपये गृहकर बकाया है। उसे कोविड काल में नहीं वसूला जा सका है।
प्रतिमाह करीब 28 करोड़ का खर्च
नगर निगम का प्रतिमाह का खर्च ही करीब 28 करोड़ रुपये है। ऐसे में इस नीलामी से भी एक महीने का खर्च ही चल सकता है। नगर निगम प्रशासन ने परिस्थितियों से राज्य सरकार को अवगत कराया है और वेतन संबंधी फंड की मांग की है।