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खेलकूद प्रतियोगिता में समान आयुवर्ग के बीच होगा मुकाबला

शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित खेलकूद प्रतियोगिता में अब समान आयुवर्ग के खिलाड़ियों के बीच ही मुकाबला होगा। वे अपने से अधिक आयुवर्ग यानी अगल-अलग आयुवर्ग में नहीं खेल सकेंगे। स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ...

खेलकूद प्रतियोगिता में समान आयुवर्ग के बीच होगा मुकाबला
हिन्दुस्तान टीम,फरीदाबादSun, 11 Mar 2018 06:21 PM
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शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित खेलकूद प्रतियोगिता में अब समान आयुवर्ग के खिलाड़ियों के बीच ही मुकाबला होगा। वे अपने से अधिक आयुवर्ग यानी अगल-अलग आयुवर्ग में नहीं खेल सकेंगे। स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से इस संबध में दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है। शिक्षा निदेशालय की ओर से इसे तुरंत प्रभाव से लागू करने का निर्णय लिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से सोमवार को सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूल के प्रचार्यों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है।

स्कूल फेडरेशन ऑफ इंडिया ने अपने नियमों में बदलाव किया है। नई खेल नीति के तहत एक खिलाड़ी विभिन्न खेलों में हिस्सा ले सकेगा। लेकिन वह अपने से अधिक या कम आयुवर्ग में नहीं खेल सकेंगे। अभी तक अगर कोई खिलाड़ी अपने आयुवर्ग में हार जाता था तो वह अपने से अधिक आयुवर्ग में वहां मौजूद कोच से स्वीकृति लेकर खेल लेता था।

स्कूल को मेल से दी जाएगी जानकारी

खंड शिक्षा अधिकारी फरीदाबाद व बल्लभगढ़ के माध्यम से जिले के प्रत्येक सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में ई-मेल और कोच के माध्यम से जानकारी दे दी जाएगी। शिक्षा विभाग की ओर से अगस्त-सितंबर में आयोजित होने वाली प्रतियोगिता में इसे लागू कर दिया जाएगा। इसके बाद कोई भी खिलाड़ी अपने से अधिक आयुवर्ग में नहीं खेल सकेंगे।

जिला और राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में होते हैं 60 मुकाबले

शिक्षा विभाग की ओर आयोजित खेल प्रतियोगिता के दौरान व्यक्तिगत और टीम इवेंट के 60 खेलों के मुकाबले होते हैं। इनमें प्रथम और द्वितीय स्थान पर रहने वाले खिलाड़ी जिला और राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में हिस्सा लेते हैं। इस दौरान खिलाड़ियों को शिक्षा विभाग की ओर से तमाम सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं।

जन्म प्रमाण पत्र लाना अनिवार्य होगा

प्रतियोगिता के दौरान प्रत्येक छात्रों को नगर निगम की ओर से जारी जन्म प्रमाण लाना होगा। इसके आधार पर ही उन्हें मैच में हिस्सा लेने की स्वीकृति दी जाएगी। अगर उनके पास नहीं है, तो उन्हें किसी भी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने की स्वीकृति नहीं दी जाएगी।

अक्सर होता रहा है विवाद

मुकाबले के दौरान समान आयुवर्ग को लेकर अक्सर विवाद होते रहते है।ं वर्ष 2017 के दौरान आयोजित तीरंदाजी प्रतियोगिता के दौरान आयुवर्ग को लेकर विवाद हो चुका है। जिला उपायुक्त के हस्तक्षेप के बाद दोबारा मैच का आयोजन किया गया।

दो खेलों में हिस्सा लेना होगा अनिवार्य

शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित खेल प्रतियोगिता में अब दो खेलों में भाग लेना अनिवार्य होगा। विभाग की ओर से सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों दिशा-निर्देश जारी करने का निर्णय लिया है। अगर सरकारी स्कूल इसमें रूचि नहीं दिखाता है तो उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी हो सकती है। जबकि निजी स्कूल संचालक को विभाग की ओर से आयोजित प्रतियोगिता में भाग लेने का आग्रह किया जाएगा।

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सहायक शिक्षा शिक्षा अधिकारी बुद्धिराज धनकड़ : इस संबंध में स्कूल फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से दिशा-निर्देश जारी कर दिया गया है। इसे अगले मुकाबले में लागू कर दिया जाएगा। जिससे कि खिलाड़ियों को बेहतर मौका मिल सके।

इन खेलों का होता है मुकाबला

बैडमिंटन, वॉलीबॉल, कब्बड्डी, टेबल टेनिंस, क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी, योग, बेसबॉल, हैडबॉल, एथलेटिक, जिन्नास्टिक, जूडों, वेटलिफिटंग, बॉक्सिंग, तलवारबाजी, स्वीमिंग, बैडमिंटन आदि

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