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जाती हैं सड़कें -सिमेंटेड सड़कें भी एक साल से अधिक नहीं चली -शहर में दस खतरनाक सड़कें...

जाती हैं सड़कें 
-सिमेंटेड सड़कें भी एक साल से अधिक नहीं चली 
-शहर में दस खतरनाक सड़कें...
1/ 4जाती हैं सड़कें -सिमेंटेड सड़कें भी एक साल से अधिक नहीं चली -शहर में दस खतरनाक सड़कें...
जाती हैं सड़कें 
-सिमेंटेड सड़कें भी एक साल से अधिक नहीं चली 
-शहर में दस खतरनाक सड़कें...
2/ 4जाती हैं सड़कें -सिमेंटेड सड़कें भी एक साल से अधिक नहीं चली -शहर में दस खतरनाक सड़कें...
जाती हैं सड़कें 
-सिमेंटेड सड़कें भी एक साल से अधिक नहीं चली 
-शहर में दस खतरनाक सड़कें...
3/ 4जाती हैं सड़कें -सिमेंटेड सड़कें भी एक साल से अधिक नहीं चली -शहर में दस खतरनाक सड़कें...
जाती हैं सड़कें 
-सिमेंटेड सड़कें भी एक साल से अधिक नहीं चली 
-शहर में दस खतरनाक सड़कें...
4/ 4जाती हैं सड़कें -सिमेंटेड सड़कें भी एक साल से अधिक नहीं चली -शहर में दस खतरनाक सड़कें...
हिन्दुस्तान टीम,फरीदाबादTue, 31 Jul 2018 07:40 PM
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फरीदाबाद। वरिष्ठ संवाददाता स्मार्ट सिटी फरीदाबाद की सड़कें बारिश में खतरनाक हो गई हैं। घाटिया निर्माण सामग्री के चलते तारकोल नहीं बल्कि सीमेंटेंड सड़कें भी उखड़ गई हैं। तारकोल की सड़कों में गहरे गड्ढे बन गए हैं। ऐसे में बारिश और जलभराव के कारण सड़कें वाहन चालकों के लिए खतरनाक हो गई हैं। ये स्थिति तब है जबकि नगर निगम सड़कों की मरम्मत पर करीब 54 करोड़ रुपये सालाना खर्च करता है। राष्ट्रीय राजमार्ग हो या फिर शहर के अंदर की सड़कें। करोड़ों रुपये की लागत से बनी अधिकांश सड़कें बदहाल हो गई हैं। शहर की सीमेंटेड सड़कें उखड़ चुकी हैं। प्याली चौक से डबुआ वाली सड़क करीब दस माह पूर्व बनाई गई थी। जोकि उखड़ गई है। ‘हिन्दुस्तान ने शहर में सड़कों की पड़ताल की कि तो पाया कि बारिश में ये सड़कें अधिक खतरनाक हो जाती हैं। जिनमें बारिश में पानी जमा हो जाता है, इन जगहों पर लोगों को घंटों जाम का झाम झेलना पड़ता है। इन सड़कों के बार-बार टूटने का कारण घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग किया जाना है। बीते दिनों कई सड़कों में घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल पर नगर निगम आयुक्त ठेकेदारों पर कार्रवाई कर चुके हैं। ----------------दृश्य-एक: हार्डवेयर से डबुआ जाने वाली सड़क हार्डवेयर से डबुआ जाने वाली सड़क भी शहर की व्यस्तम सड़क हैं। प्रेस कॉलोनी के सामने इस सड़क पर गहरे गड्ढे हैं, जो प्रतिदिन दुर्घटनाओं का कारण बनता है। इस सड़क पर अंधेरे में गुजरना खतरे से खाली नहीं। इसके कारण अधिकांश दुपहिया वाहन चालक चोटिल हो चुके हैं। बारिश में इन गड्ढों में पानी जमा हो जाता है। इस सड़क पर औद्योगिक सेक्टर बसे होने के साथ ही गुरुग्राम को भी जोड़ती है। सड़क इससे जुड़ती है। इस सड़क पर आते ही वाहनों की रफ्तार धीमी रहती है, जिसके कारण सड़क पर जाम लगा रहता है। दृश्य-दो: प्याली चौक करीब सात लाख की आबादी की सड़कों का प्रमुख चौराहा प्याली चौक इन दिनों जर्जर है। चौक के चारों ओर सड़कों में गहरे गड्ढे हैं, लोगों का अरोप है कि बीते चार साल से यह इलाका पूरी तरह से उपेक्षित है। चौराहों को बारिश में तोड़ दिया गया है। चारों सड़कों को उखाड़ा गया है, जिन्हें ठीक नहीं किया गया। यहां बने गहरे गड्ढों में वाहन फंसे रहते हैं। दृश्य-तीन: औद्योगिक क्षेत्र एनआईटीशहर के सबसे पुराने औद्योगिक क्षेत्र बदहाल हैं। क्षेत्र की सड़कों में दो-दो फुट गहरे गड्ढे हैं। कई जगहों पर सड़क नहीं है, केवल उबड़खाबड़ गड्ढे हैं। व्हर्लपूल कंपनी के सामने वाहनों का गुजरना मुश्किल है। सामान से लदी छोटी गाड़िया दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है। लोगों को आरोप है कि बीते छह साल से सड़कों की मरम्मत नहीं हुई है। पूरी सड़क में 20 से अधिक गहरे गड्ढे हैं। कई बार दुपहिया चालक इससे गिर पड़ते है। वड़े वाहनों को भी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। इससे राहगीर की जान भी खतरे में रहती है। यह सड़क एनआईटी औद्योगिक क्षेत्र की प्रमुख सड़क है। दृश्य-चार, औद्योगिक सेक्टर-24एनआईटी औद्योगिक सेक्टर से सटी सेक्टर-24 की प्रमुख सड़क में गहरे गड्ढे हैं । उनमें गंदा पानी जमा है। यहां से गुजरते हुए सबसे ज्यादा परेशानी महिला मजदूरों को होती है। महिलाओं को मजबूरन घुटनों तक कपड़े ऊपर कर पानी से गुजरना पड़ता है। करोड़ों रुपये का राजस्व देने वाली औद्योगिक इकाईयों में काम करने वाले लोग इन सड़कों के कारण खासे परेशान हैं। --------------दृश्य-पांच: न्यू टाउन फरीदाबाद रेलवे स्टेशन सड़कन्यू टाउन फरीदाबाद रेलवे सड़क बीते छह साल से बदहाल है। सड़क पर पानी जमा रहता है। बारिश में यह सड़क और खतरनाक हो जाती है। पानी की समुचित निकासी नहीं है। सड़क में हर बार घटिया सामग्री का उपयोग करके बना दी जाती है। जो कुछ दिन बाद ही टूट जाती है। दृश्य-छह: वाईएमसीए राष्ट्रीय राजमार्गराष्ट्रीय राजमार्ग से सेक्टर-छह की ओर जाने वाली सड़क में गहरे गड्ढे हैं, जिसके चलते वाईएमसीए विश्वविद्यालय के छात्रों को खासी दिक्कत होती है। सड़क पर गड्ढों के कारण जाम रहता है। इस सड़क पर औद्योगिक सेक्टर-छह और चार रिहायशी सेक्टर हैं। दृश्य-सात: राष्ट्रीय राजमार्ग बाटा मेट्रो स्टेशनराष्ट्रीय राजमार्ग पर बाटा मेट्रो स्टेशन के सामने सड़क में गड्ढे हैं। बारिश में इनमें पानी भर जाता है। जिसके कारण राष्ट्रीय राजमार्ग पर घंटो लंबा जाम लगता है। सड़क पर पानी का बहाव नाले की ओर नहीं होने की बजाय विपरित दिशा है।दृश्य-आठ: राष्ट्रीय राजमार्ग अजरौंदा चौकराष्ट्रीय राजमार्ग पर अजरौंदा चौक के पास सड़कों में गहरे गड्ढे हैं। बारिश में इन गड्ढों पर पानी भर जाता है। ऐसे में राष्ट्रीय राजमार्ग पर घंटो लंबा जाम लगता है। जबकि नगर निगम और एनएचआईए सड़कों की मरम्मत करवाते हैं। दृश्य-नौ: हार्डवेयर चौकहार्डवेयर चौक शहर के व्यवस्तम चौक में से एक है। इस चौक से प्रतिदिन लाखों वाहन गुजरते हैं। इस चौक पर सड़क में गहरे गड्ढे हैं, जो सुबह-शाम जाम का कारण बनते हैं। बारिश में इन गड्ढों में पानी जमा हो जाता है। जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। दृश्य-10, डबुआ सब्जी मंडी सड़कजिले की सबसे बड़ी सब्जी मंडी डबुआ की सड़क में गायब है। वहां गहरे गड्ढे बने हैं। बारिश में इनमें पानी जमा होने से वाहन इनमें फंस जाते हैं। दुपहिया वाहन चालक चोटिल होते हैं। बारिश में पूरी सड़क नाला बन जाती है। -------रमन शर्मा, कार्यकारी मुख्य अभियंता, नगर निगम: बारिश में सड़कें खराब होती हैं, लेकिन सीमेंटेड सड़कों का उखड़ना गलत है। इसकी जांच होगी। घटिया सामग्री के कारण ही सड़क उखड़ी हैं।

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