बाल विवाह एक सामाजिक कुप्रथा
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में जिला एवं सत्र न्यायाधीश व चेयरमैन मनीषा बत्रा और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट व सचिव डॉ. कविता कांबोज के मार्गदर्शन में उड़ान के तहत जागरूकता अभियान चलाया गया।...
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में जिला एवं सत्र न्यायाधीश व चेयरमैन मनीषा बत्रा और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट व सचिव डॉ. कविता कांबोज के मार्गदर्शन में उड़ान के तहत जागरूकता अभियान चलाया गया। इसके अंतर्गत एसडी कॉलेज में मुझे उड़ने दो बाल विवाह निषेध जागरूकता अभियान में स्लोगन प्रतियोगिता एवं हस्ताक्षर अभियान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन पैनल अधिवक्ता जगत सिंह रावत व नरेंद्र सिंह पी एल वी द्वारा किया गया। शिविर में अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. एमके अरोड़ा व मंच संचालन प्रतिभा सिंगला ने किया।
शिविर में पैनल अधिवक्ता जगत सिंह रावत ने छात्रों को बाल मित्र नालसा योजना 2015 के बारे में जागरूक किया। उन्होंने बताया कि बाल विवाह एक सामाजिक कुप्रथा है और एक कानूनी अपराध भी है। जिसमें दो वर्ष का कठोर कारावास व एक लाख रुपये तक का जुर्माना किया जा सकता है। बाल विवाह की शिकायत बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, जिला न्यायाधीश, प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट को व पुलिस में भी की जा सकती है। इसके अलावा उन्हें बाल विवाह के कारणों, दुष्परिणामों व रोकथाम के उपायों के बारे में भी जागरूक किया। उन्हें प्राधिकरण की संपूर्ण सेवाओं सहित हेल्पलाइन 01275298003 के बारे में भी जागरूक किया।
शिविर में प्राचार्य डॉ. एमके अरोड़ा ने कहा कि इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम काफी लाभकारी हैं। हमें बाल विवाह की रोकथाम के लिए आगे आना चाहिए। यह हम सबका कर्तव्य है। उन्होंने बाल विवाह की रोकथाम के लिए छात्रों को प्रेरित किया। प्रतिभा सिंगला ने भी बाल विवाह निषेध विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। इसके अलावा कॉलेज में बाल विवाह निषेध संबंधी स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। प्रतियोगिता में कॉलेज की छात्राओं ने भाग लिया। प्रथम स्थान पर प्रियंका विज्ञान संकाय, द्वितीय स्थान पर आरती विज्ञान संकाय, तीसरे स्थान पर शिल्पी और मोनिका शर्मा विज्ञान संकाय की छात्राएं विजेता रहीं। उन्हें प्राधिकरण की तरफ से पैनल अधिवक्ता व प्राचार्य ने मेडल देकर सम्मानित किया गया। उन्हें कानूनी पुस्तकें व पंपलेट भी भेंट किए गए।
शिविर में बाल विवाह निषेध समिति का गठन भी किया गया। समिति प्राधिकरण से जुड़कर बाल विवाह को रोकने के लिए जागरूकता फैलाने में सहयोग करेगी। शिविर में बाल विवाह रोकने के संकल्प संबंधी हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया। शिविर में डॉ शशि मंगला, प्रतिभा सिंगला, महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्षा डॉ रूचि शर्मा, डॉ. एसएस सैनी, डॉ. अंजू कक्कड़, डॉ. दलीप तिवारी, डॉ. वनिता सपरा, डॉ. रमन सैनी, डॉ. साबिर, कुमारी कनिका आदि प्राध्यापक मौजूद रहे।