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बल्लभगढ़ फ्लाईओवर पर सितंबर में भरेंगे फर्राटा

शहरवासियों को अभी बल्लभगढ़ में हाईवे पर बनाए जा रहे छह लेन फ्लाईओवर का कुछ और दिन इंतजार करना होगा। एनएचएआई को इसका निर्माण कार्य जुलाई के अंत पूरा करना था, लेकिन इसके निर्माण में आई कुछ अड़चनों के...

बल्लभगढ़ फ्लाईओवर पर सितंबर में भरेंगे फर्राटा
हिन्दुस्तान टीम,फरीदाबादMon, 24 Jul 2017 07:27 PM
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शहरवासियों को अभी बल्लभगढ़ में हाईवे पर बनाए जा रहे छह लेन फ्लाईओवर का कुछ और दिन इंतजार करना होगा। एनएचएआई को इसका निर्माण कार्य जुलाई के अंत पूरा करना था, लेकिन इसके निर्माण में आई कुछ अड़चनों के चलते अब इस फ्लाईओवर का निर्माण कार्य दो महीने देरी से पूरा हो पाएगा। एनएचएआई ने इसकी अंतिम तारीख सितंबर महीने की तय की है। तब तक शहरवासियों को बल्लभगढ़ से गुजरते वक्त जाम की समस्या झेलने के लिए तैयार रहना होगा। एनएचएआई ने हाईवे छह लेन निर्माण के साथ जाममुक्त सफर बनाने के उद्देश्य से शहर के मुख्य चौराहों पर फ्लाईओवर बनाए जाने का मसौदा तैयार किया था। इसके चलते हाईवे छह लेन निर्माण के साथ ही शहर में फ्लाईओवर के निर्माण की कवायद शुरू कर दी गई थी। सबसे पहले बाटा मोड पर फ्लाईओवर शुरू करके जनता को सौंपा। इसके बाद ओल्ड फरीदाबाद, बड़खल, एनएचपीसी और अजरौंदा फ्लाईओवर वाहनों के लिए खोले गए। एनएचएआई ने करीब दो साल पहले बल्लभगढ़ में फ्लाईओवर का निर्माण कार्य शुरू कराया था, लेकिन काम रफ्तार नहीं पकड़ सका। अजरौंदा फ्लाईओवर शुरू होने के साथ ही बल्लभगढ़ में फ्लाईओवर के निर्माण में तेजी से काम शुरू किया गया। इसके साथ ही एनएचएआई ने जुलाई 2017 की डेडलाइन तय कर दी। इस फ्लाईओवर के पीछे खास बात यह है कि हरियाणा सीमा में हाईवे पर यह पुल सबसे लंबा होगा, जिसकी लंबाई 400 मीटर होगी। थर्मल राख पर लगी रोक से निर्माण में हुई देरी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फ्लाईओवर निर्माण में सैनिक कॉलोनी के समीप से थर्मल राख का इस्तेमाल किया गया। डंपरों से राख का उठान कराया। गर्मियों के दिनों में तेज हवा चलने से लदान के वक्त थर्मल राख के उड़ने से इलाके में प्रदूषण फैलने की समस्या सामने आई। स्थानीय लोगों के विरोध को देखते हुए जिला प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड ने करीब डेढ़ महीने पहले थर्मल प्लांट की राख उठान पर रोक लगा दी। इसके चलते फ्लाईओवर के निर्माण में थर्मल राख का इस्तेमाल होना बंद करना पड़ा। इससे फ्लाईओवर का निर्माण कार्य में देरी होती चली गई। ---------------------- बदलना पड़ा सिंथेटिक फाइबर का डिजाइन रिलायंस कंपनी के अधिकारी सचिंद्र सिंह ने बताया कि फ्लाईओवर के निर्माण के दौरान साइडों से मिट्टी या थर्मल राख न खिसके, इसे लेकर दोनों हिस्सों में लगाए जाने वाले सिमेंटिड पैनल को सिंथेटिक फाइबर जाली से रोका जाता है। बल्लभगढ़ फ्लाईओवर में थर्मल राख के हिसाब से छोटे छेदों वाली सिंथेटिक फाइबर जाली का डिजाइन तैयार कराया गया था। लेकिन राख पर लगी रोक से सड़क निर्माण कंपनी के इंजीनियरों में खलबली मच गई। एनएचएआई के तकनीकी प्रबंधक धीरज सिंह ने बताया कि अब दोबारा से मिट्टी को लेकर बड़े छेदों की सिंथेटिक फाइबर जाली का डिजाइन तैयार करवा लिया है। मिट्टी की व्यवस्था करके फ्लाईओवर का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। ---------------- फ्लाईओवर का निर्माण कार्य तेज एनएचएआई के परियोजना निदेशक मोहम्मद सफी : थर्मल राख बंद होने से फ्लाईओवर के निर्माण में देरी हो गई। अब सितंबर के मध्य तक बल्लभगढ़ फ्लाईओवर का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। आगरा से दिल्ली की ओर आने वाली दिशा में फ्लाईओवर का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। ------------- बल्लभगढ़ फ्लाईओवर पर एक नजर फ्लाईओवर की लागत : लगभग 70 करोड़ फ्लाईओवर की लम्बाई: 400 मीटर फ्लाईओवर के नीचे से क्रॉसिंग : दो (सोहना रोड और बस अड्डा के लिए) ---------------- शुरू हो चुके हैं फ्लाईओवर बाटा मोड, अजरौंदा चौक, ओल्ड फरीदाबाद चौक, बड़खल चौक और एनएचपीसी चौक। ----------------- यहां बनाए जा रहे हैं व्हीकल अंडरपास मेवला महाराजपुर मोड, वाईएमसीए चौक और कैल गांव के समीप बाईपास रोड चौराहा।

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