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गंगाघाट और कुंभ की मेले में झलक दिखेगी

32वां सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला परिसर पूरी तरह से उत्तर-प्रदेश की कला- संस्कृति से सराबोर रहेगा। मेला परिसर में पहली बार बनारस के गंगाघाट, अयोध्या, मथुरा, ताजमहल, श्रीगोरखनाथ मंदिर और प्रयाग के कुंभ की...

गंगाघाट और कुंभ की मेले में झलक दिखेगी
हिन्दुस्तान टीम,फरीदाबादSun, 03 Dec 2017 07:10 PM
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32वां सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला परिसर पूरी तरह से उत्तर-प्रदेश की कला- संस्कृति से सराबोर रहेगा। मेला परिसर में पहली बार बनारस के गंगाघाट, अयोध्या, मथुरा, ताजमहल, श्रीगोरखनाथ मंदिर और प्रयाग के कुंभ की झलक दिखाई देगी। साथ ही उत्तर-प्रदेश मेले के लिए सात प्रवेशद्वार बनाएगा, जो पांच अस्थाई और दो स्थाई होंगे। सभी प्रवेश द्वार उत्तर-प्रदेश की लोककला संस्कृति से ओतप्रोत होंगे। इसके लिए उत्तर-प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने मेला परिसर में अधिक स्थान दिए जाने की मांग की है।

रविवार को उत्तर-प्रदेश पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव अविनाश अवस्थी और हरियाणा पर्यटन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजय वर्द्धन ने अपने अधिकारियों की टीम के साथ मेला परिसर का दौरा किया। उत्तर-प्रदेश अपने सभी पर्यटन स्थलों की झांकिया मेला परिसर में दिखाएगा। उत्तर-प्रदेश के अधिकारियों ने हरियाणा के अधिकारियों से मेला परिसर में अधिक स्थान उपलब्ध कराने की गुजारिश की। ताकि पूरे उत्तर-प्रदेश का मेला परिसर में समेटा जा सके। अधिकारियों ने कहा कि उत्तर-प्रदेश बड़ा प्रदेश है, जहां कम से कम चार प्रदेशों ब्रज, अवध, बुंदेलखंड व प्रयाग क्षेत्र की लोककला संस्कृति के मद्देनजर मेला परिसर को सजाया जाएगा। साथ ही उत्तर-प्रदेश करीब पांच सौ हस्तशिल्प और लोककलाकारों समेत पर्यटन दल मेले में भेजना चाहता है। मेला प्राधिकरण ने इस पर सहमति दी है। इस मौके पर उत्तर-प्रदेश पर्यटन विभाग के महानिदेशक अखंड प्रताप सिंह, मेला प्रशासक पार्थ गुप्ता, मुख्य अभियंता केके यादव, अनुज गुप्ता, धरमवीर व मेला अधिकारी राजेश जून आदि मौजूद रहे।

दो से 18 फरवरी तक चलेगा हस्तशिल्प मेला

भारतीय लोककला और हस्तशिल्प कला को बढ़ावा देने के लिए सूरजकुंड में प्रतिवर्ष फरवरी के पहले पखवाड़े में हस्तशिल्प मेला लगाया जाता है। इस बार यह मेला दो फरवरी से शुरू होगा। जिसमें देश-विदेश के हस्तशिल्पी अपने हुनर का प्रदर्शन करेंगे। केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर हरियाणा पर्यटन निगम मेले का आयोजन करता है। इस बार मेले का थीम स्टेट उत्तर-प्रदेश और भागीदार देश किर्गिस्तान को चुना गया है।

हस्तशिल्प कलाओं की भरमार होगी

मेला परिसर में आगरा और वाराणसी की पत्थर शिल्प, बरेली, सहारनपुर, अमरोहा की लकड़ी शिल्प, मथुरा, रामपुर आदि की कागज शिल्प, लखनऊ, बिजनौर, फैजाबाद व आजमगढ़ की मिट्टी के बर्तनों की शिल्पकला, लखनऊ आगरा मेरठ की रत्न और स्वर्णकला, बरेली, गाजीपुर, मेरठ, पीलीभीत की बांस शिल्प, भदोही, शाहजहांपुर, वाराणसी बाराबंकी के हथकरघा, मुरादाबाद, मथुरा लखनऊ व हाथरस की धातु शिल्प, मेरठ की कैंची, लखनऊ वाराणसी की रजत शिल्प, कन्नोज व जोनपुर का इत्र और फिरोजाबाद की शीशा शिल्प देखने और खरीदने को मिलेगी।

उत्तर-प्रदेश के चटोरे-जायके होंगे

मेला परिसर के खाद्य केंद्र में उत्तर-प्रदेश के विभिन्न इलाकों का खाना भी मिलेगा। करीब 10 स्टॉल लगेंगी। बाटी-चौखा, चने का साग-बाजरे की रोटी, लखनवी कवाब, मुरादाबादी बिरयानी, मेरठ की चटोरी-चाट और ब्रज का दूध पेड़ा भी मिलेगा।

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राजेश जून, मेला अधिकारी: उत्तर-प्रदेश और हरियाणा के अधिकारियों ने मेला परिसर का भ्रमण किया। उत्तर-प्रदेश के अधिकारियों ने मेला परिसर में अधिक स्थान की मांग की है, जिसे स्वीकार कर लिया गया है।

32वें सूरजकुंड मेले पर एक नजर

मेला क्षेत्रफल: 80 एकड़

शिल्पकार 1008

लोककलाकार 800

थीम स्टेट उत्तर-प्रदेश

भागीदार देश किर्गिस्तान

----------अशोक कुमार

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