
80 फार्म हाउस तोड़े गए, पर यह कुछ भी नहीं; फरीदाबाद में 6497 पर चलेगा बुलडोजर
संक्षेप: फरीदाबाद के अरावली वन क्षेत्र में वन विभाग और नगर निगम की संयुक्त टीम द्वारा की जा रही कार्रवाई के तहत अब तक एक प्रतिशत ही अवैध कब्जों को हटाया जा सका।
फरीदाबाद के अरावली वन क्षेत्र में वन विभाग और नगर निगम की संयुक्त टीम द्वारा की जा रही कार्रवाई के तहत अब तक एक प्रतिशत ही अवैध कब्जों को हटाया जा सका। ऐसे में वन विभाग के सामने 26 दिनों में सभी चिन्हित 6497 निर्माणों को हटाना बड़ी चुनौती है।

वन विभाग को 17 जुलाई को अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश करनी है। सोमवार को वन विभाग ने अवैध कब्जों को हटाने के लिए निशानदेही की। मंगलवार से इन फार्म हाउस को जमींदोज करने का काम शुरू होगा।मसुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अरावली वन क्षेत्र में बने बैंक्वेट हॉल, फार्म हाउस, रिजॉर्ट और अन्य अवैध निर्माणों को हटाने की कार्रवाई चल रही है। इस कार्रवाई को चलते 13 दिन हो गए हैं और अब तक 80 फार्म हाउस की तोड़े जा सके हैं।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई धीमी होने का मुख्य कारण फार्म संचालक सहित अन्य लोगों द्वारा इसका विरोध किया जाना है। लोगों द्वारा बार-बार विरोध किए जाने से अवैध निर्माणों के खिलाफ चल रही कार्रवाई बाधित हो रही है।
चार फार्म हाउस की निशानदेही की गई
वन विभाग और नगर निगम की संयुक्त सोमवार को भी अवैध निर्माणों को तोड़ने के लिए पहुंची थी, लेकिन निर्माणों की निशानदेही के अभाव में कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया जा सका। पूरा दिन अवैध कब्जों की निशानदेही में बीत गया। बता दे कि वन विभाग की टीम ने सूरजकुंड रोड स्थित अरावली वन क्षेत्र में बने जन्नत वैली फार्म हाउस, ईडन गार्डन, केके उज्ज्वला फार्म और योगी फार्म हाउस की निशानदेही की।
जिला कार्यकारी वन अधिकारी राजकुमार ने कहा कि अवैध कब्जों को हटाने के लिए सोमवार को चार फार्म हाउस की निशानदेही की गई। मंगलवार को हटाया जाएगा। इसके अलावा सभी बड़े फार्म हाउस, बैंक्वेट हॉल को तोड़ा जा चुका है। अब छोटे-छोटे निर्माण रह गए हैं, जिन्हें तोड़ने में अत्यधिक समय नहीं लगेगा।
पीएलपीए के तहत दिए हैं आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब भूमि संरक्षण अधिनियम (पीएलपीए) के तहत अरावली वन क्षेत्र में अवैध निर्माणों को हटाने का आदेश दिया है। इस आदेश के तहत, फरीदाबाद में अरावली क्षेत्र में अवैध रूप से बनाए गए फार्महाउस, बैंक्वेट हॉल, बाउंड्री वॉल और गेट आदि को तोड़ा जा रहा है। पीएलपीए ने समस्त अरावली क्षेत्र को वन माना गया है।





