प्रेशर बनाने की कोशिश; AAP के तीखे हमलों पर चुनाव आयोग ने तोड़ी चुप्पी
- दिल्ली चुनाव के दौरान लगे पक्षपात करने वाले आरोपों पर आज चुनाव आयोग ने जवाब दिया। आयोग ने कहा कि हम पर बार-बार और जानबूझकर दबाव डालने की कोशिश की गई। हमारी कोशिश है कि सभी के साथ निष्पक्ष व्यवहार हो और किसी के साथ कोई पक्षपात न किया जाए।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में पक्षपात और उचित कार्रवाई न करने के आरोपों के बीच चुनाव आयोग ने दो टूक जवाब दिया है। इलेक्शन कमीशन ने कहा कि आयोग हम नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करते हैं। हम यह हमेशा सुनिश्चित करते हैं कि सभी के साथ निष्पक्ष व्यवहार हो और कोई पक्षपात न किया जाए। आयेग ने इशारों-इशारों में आम आदमी पार्टी को भी जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली में चुनाव आयोग को जानबूझकर बार-बार दबाव डालने की कोशिश की गई है।
आरोपों पर आ गया चुनाव आयोग का जवाब
चुनाव आयोग ने अपने एक्स हैंडल से दो सिलसिलेवार पोस्ट करते हुए हर आरोपों पर जवाब दिया। आयोग ने कहा कि दिल्ली में चुनाव आयोग को बदनाम करने के लिए बार-बार और जानबूझकर दबाव डालने की कोशिश की गई,मानो यह एक सदस्यीय संस्था हो,जबकि वास्तव में तीन सदस्यों का आयोग है। आयोग ने सामूहिक रूप से इस बात पर ध्यान दिया है और संवैधानिक मर्यादा बनाए रखने का फैसला किया। ईसी ने इन तीखे हमलों को समझदारी और धैर्य के साथ सहन करने और ऐसे आरोपों से प्रभावित नहीं होने का निर्णय लिया है।
बिना पक्षपात के करते हैं काम
इलेक्शन कमीशन ने आगे कहा कि दिल्ली में राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर हर बार 1.5 लाख से ज़्यादा अधिकारी कार्रवाई करते हैं। ये सभी अधिकारी कानूनी दायरे में रहकर काम करते हैं और मजबूत प्रक्रियाओं और नियमों का पालन करते हैं,जिससे ये सुनिश्चित होता है कि सभी के साथ निष्पक्ष व्यवहार हो और किसी के साथ कोई पक्षपात न किया जाए।
आप के निशाने पर चुनाव आयोग
आचार संहिता लगने के बाद से ही आम आदमी पार्टी लगातार चुनाव आयोग पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाती आ रही है। पार्टी का आरोप है कि उनकी शिकायत पर आयोग और दिल्ली पुलिस कार्रवाई करने की जगह उल्टे आ आदमी पार्टी पर ही ऐक्शन ले रही है। पार्टी का आरोप है कि खुलेआम गुंडागर्दी हो रही है और कोई ऐक्शन नहीं लिया जा रहा। आज भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम आतिशी ने कहा कि कालकाजी में साइलेंस पीरियड में रमेश बिधूड़ी के परिवार के लोग और कार्यकर्ता झुग्गियों के लोगों को धमका रहे थे। कानून के मुताबिक Silence Period में किसी भी अन्य विधानसभा का कोई भी व्यक्ति किसी दूसरी विधानसभा में नहीं जा सकता है। हमने दिल्ली पुलिस और चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की लेकिन पुलिस ने इनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया।