ED ने अमानतुल्ला खान की जमानत का किया विरोध, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच को कर सकते बाधित
ईडी ने आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को जमानत देने का विरोध किया है। इसके पीछे की वजह जांच में बाधा डालने की आशंका जताई है।
प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच को बाधित कर सकते हैं और अगर उन्हें जमानत दी गई तो न्याय से भाग सकते हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी ने मामले में खान की जमानत याचिका का विरोध करते हुए विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने के समक्ष यह दलील दी। प्रवर्तन निदेशालय ने न्यायाधीश को बताया कि मामले में जांच महत्वपूर्ण चरण में है और ऐसी संभावना है कि खान, जो एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं, जमानत मिलने पर गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं और मामले में सबूत नष्ट कर सकते हैं।
एजेंसी ने अदालत को बताया कि अगर उनके आवेदन को स्वीकार कर लिया गया तो राजनेता न्याय से भाग भी सकते हैं। न्यायाधीश ने दलीलें सुनीं और मामले को आगे की बहस के लिए 14 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया। ईडी ने 2 सितंबर को दिल्ली के ओखला इलाके में खान के आवास पर तलाशी लेने के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत उन्हें गिरफ्तार किया था। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा था कि तलाशी के दौरान उनसे सवाल पूछे जाने के बाद उन्होंने खान को गिरफ्तार किया, लेकिन वह "जवाब देने से बचते रहे।
खान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच दो प्राथमिकियों पर आधारित है पहली वक्फ बोर्ड में कथित अनियमितताओं के संबंध में केंद्रीय जांच ब्यूरो का मामला और दिल्ली पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई द्वारा दर्ज कथित आय से अधिक संपत्ति का मामला। उन्हें 2 सितंबर को ईडी ने दिल्ली वक्फ बोर्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। वह ओखला में 36 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदने के सिलसिले में गिरफ्तार है। स्पेशल जज राकेश सयाल ने ईडी और बचाव पक्ष के वकील की दलीलें सुनने के बाद उनकी न्यायिक हिरासत 21 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दी थी।