दिल्ली में इंटरनेशनल ड्रग रैकेट का भंडोफोड़, स्टूडेंट वीजा पर अफ्रीका से आकर तस्करी, 2 गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह अफ्रीका के लड़कों को पढ़ाई के बहाने स्टूडेंट वीजा पर भारत भेजकर तस्करी करवाते थे। इनके निशाने पर ज्यादातर कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र होते थे।

दिल्ली पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह अफ्रीका के लड़कों को पढ़ाई के बहाने स्टूडेंट वीजा पर भारत भेजकर तस्करी करवाते थे। इनके निशाने पर ज्यादातर कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्र होते थे।
एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि युगांडा के 33 साल के हम्फ्री मुवोंग और नाइजीरिया के 36 साल के चुक्वू एबुका उमेह को गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से एक करोड़ रुपए से अधिक की 700 ग्राम हाई क्वालिटी हेरोइन जब्त की गई है।
अधिकारी ने बताया कि दोनों आरोपी कथित तौर पर अफ्रीका में रहने वाले नाइजीरियाई नागरिक डागरी जीन मार्क के निर्देश पर काम करने वाले एक बड़े गिरोह का हिस्सा थे। उन्होंने बताया कि मार्क अफ्रीकी लड़कों को शिक्षा के नाम पर भारत लाता था और फिर उन्हें ड्रग तस्करी में लगा देता था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मार्क पहले भारत में रहता था। उसने तिलक नगर से मादक पदार्थों के वितरण का एक मजबूत नेटवर्क बनाया था।
पुलिस ने बताया कि गिरोह ने कथित तौर पर अवैध गतिविधियों के लिए स्टूडेंट वीजा का दुरुपयोग किया। दिल्ली-एनसीआर और पंजाब में निजी विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के नाम पर अफ्रीकी लड़कों को भारत लाया।
डीसीपी क्राइम विक्रम सिंह ने बताया कि 3 अप्रैल को न्यू महावीर नगर के कृष्णा पार्क एक्सटेंशन में 20 घंटे तक चले निगरानी अभियान के बाद दोनों आरोपियों को पकड़ा गया। उनके पास से 700 ग्राम हेरोइन बरामद की गई। आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि दोनों मार्क के निर्देश पर काम कर रहे थे।
डीसीपी ने कहा कि पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर मुवोंग को 2023 में एनडीपीएस अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था और वह जमानत पर बाहर था। मुवोंग और उमेह 2019 से भारत में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपराध शाखा थाने में एनडीपीएस अधिनियम की धारा 21, 61 और 85 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि गिरोह के अन्य गुर्गों का पता लगाने और कार्टेल के पूरे नेटवर्क को खत्म करने के लिए जांच की जा रही है।