Hindi Newsएनसीआर Newsdelhi yamuna flood monitoring high tech real time drone iot
दिल्ली में यमुना की बाढ़ निगरानी में हाई-टेक क्रांति, ड्रोन और IoT से होगी हर हलचल पर नजर

दिल्ली में यमुना की बाढ़ निगरानी में हाई-टेक क्रांति, ड्रोन और IoT से होगी हर हलचल पर नजर

संक्षेप: दिल्ली में यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर की निगरानी अब हाई-टेक तरीके से की जाएगी, जिसके लिए सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग ने ड्रोन और IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) जैसी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने की योजना बनाई है, ताकि बाढ़ जैसे हालात में समय पर और सटीक कार्रवाई की जा सके।

Tue, 16 Sep 2025 10:46 AMAnubhav Shakya लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली
share Share
Follow Us on

दिल्ली में यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर को लेकर अब कोई चूक नहीं होगी। दिल्ली का सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग (I&FC) अब पुराने घंटे-घंटे की निगरानी को अलविदा कहकर रीयल-टाइम ट्रैकिंग की ओर कदम बढ़ा रहा है। नई तकनीक, ड्रोन और IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) के साथ यमुना की हर हलचल पर नजर रहेगी, ताकि बाढ़ जैसे हालात में तेजी से कदम उठाए जा सकें।

LiveHindustan को अपना पसंदीदा Google न्यूज़ सोर्स बनाएं – यहां क्लिक करें।

यमुना पर अब हाई-टेक निगरानी

दिल्ली में यमुना का जलस्तर मापने का केंद्र रहा है पुराना रेलवे ब्रिज। यहां हर घंटे जलस्तर की जांच होती थी, लेकिन अब विभाग इसे रीयल-टाइम निगरानी में बदलने की तैयारी में है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'हम पुराने रेलवे ब्रिज पर गेज स्टेशन के साथ-साथ हाइड्रोलॉजिकल ऑब्जर्वेशन स्टेशनों के नेटवर्क का इस्तेमाल करते हैं। अब हम सेंसर और सॉफ्टवेयर की मदद से हर सेकंड जलस्तर की जानकारी हासिल करेंगे।'

इस नई व्यवस्था से यह अनुमान लगाना आसान होगा कि अगले कुछ घंटों में जलस्तर कितना बढ़ सकता है। इससे बाढ़ की चेतावनी और बचाव के कदम पहले से ज्यादा सटीक और तेज होंगे।

IoT और ड्रोन, भविष्य की निगरानी का हथियार

विभाग अब IoT तकनीक को अपनाने की योजना बना रहा है। इस तकनीक में सेंसर पानी के स्तर को डिजिटल सिग्नल में बदलकर नेटवर्क पर भेजेंगे, जिससे रीयल-टाइम डेटा मिलेगा। एक अधिकारी ने बताया, 'IoT सेंसर के जरिए हमें हर पल की जानकारी मिलेगी। यह तकनीक हमें बाढ़ के खतरे को पहले से भांपने में मदद करेगी।' इतना ही नहीं, बाढ़ प्रभावित इलाकों की निगरानी के लिए ड्रोन भी उतारे जाएंगे। ये ड्रोन वीडियो फुटेज रिकॉर्ड करेंगे और प्रशासन को हालात का सटीक जायजा लेने में मदद करेंगे। सेंट्रल सर्वर से जुड़े ड्रोन जरूरत पड़ने पर जोखिम वाले इलाकों में चेतावनी और अलर्ट मैसेज भी भेज सकेंगे।

क्या हैं जलस्तर के मानक?

दिल्ली के I&FC विभाग ने यमुना के जलस्तर के लिए कुछ मानक तय किए हैं। पुराने रेलवे ब्रिज पर 204.50 मीटर का जलस्तर चेतावनी का संकेत है, जबकि 205.33 मीटर को खतरे का स्तर माना जाता है। अगर जलस्तर 206 मीटर को पार करता है, तो तुरंत निकासी शुरू कर दी जाती है। रीयल-टाइम निगरानी से इन स्तरों पर पहले से ज्यादा सटीक नजर रखी जा सकेगी।

क्यों जरूरी है यह बदलाव?

दिल्ली में यमुना का जलस्तर अक्सर बाढ़ का कारण बनता है और समय पर सटीक जानकारी न मिलने से बचाव कार्यों में देरी हो सकती है। नई तकनीक के साथ विभाग का मकसद है कि बाढ़ जैसे हालात में तुरंत कदम उठाए जाएं और लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित हो। ड्रोन और IoT से न सिर्फ निगरानी आसान होगी, बल्कि आपदा प्रबंधन में भी क्रांति आएगी।

Anubhav Shakya

लेखक के बारे में

Anubhav Shakya
भारतीय जनसंचार संस्थान नई दिल्ली से पत्रकारिता की पढ़ाई करने के बाद जी न्यूज से करियर की शुरुआत की। इसके बाद नवभारत टाइम्स में काम किया। फिलहाल लाइव हिंदुस्तान में बतौर सीनियर कंटेंट प्रोड्यूसर काम कर रहे हैं। किताबों की दुनिया में खोए रहने में मजा आता है। जनसरोकार, सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों में गहरी दिलचस्पी है। एनालिसिस और रिसर्च बेस्ड स्टोरी खूबी है। और पढ़ें
लेटेस्ट Hindi News , Delhi Blast, बॉलीवुड न्यूज , बिजनेस न्यूज , क्रिकेट न्यूज , धर्म ज्योतिष , एजुकेशन न्यूज़ , राशिफल और पंचांग पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।