दिल्ली की हवा बिगड़ी, पूरे NCR में क्यों लागू हुआ GRAP-1, क्या हैं इसके प्रतिबंध?
दिल्ली की आबोहवा फिर से बिगड़ते ही वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीक्यूएएम) ने पूरे एनसीआर में ग्रैप-1 के प्रतिबंध लागू कर दिए हैं। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में सुधार के पूर्वानुमानों के बावजूद प्रदूषण का स्तर अब भी हाई बना हुआ है।

दिल्ली की आबोहवा फिर से बिगड़ते ही वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीक्यूएएम) ने पूरे एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप-1) के प्रतिबंध लागू कर दिए हैं। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में सुधार के पूर्वानुमानों के बावजूद प्रदूषण का स्तर अब भी हाई बना हुआ है।
सीएक्यूएम सब-कमेटी की शुक्रवार को हुई बैठक में विस्तृत समीक्षा के बाद यह फैसला लिया गया। पैनल ने कहा कि तेज हवाओं के कारण दूर-दराज के इलाकों से धूल उड़कर शहर में आ गई, जिससे हवा की गुणवत्ता खराब हो गई। विशेषज्ञों ने इसे अल्पकालिक लेकिन गंभीर प्रदूषण की घटना बताया।
15 मई को दिल्ली के एक्यूआई में तेजी से गिरावट आई और 16 मई को एक्यूआई 278 पर 'खराब' श्रेणी में पहुंच गया। मौसम विभाग (आईएमडी) और इंडियन इंस्टियूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी (IITM) का अनुमान है कि 17 मई को वायु गुणवत्ता संभवतः 'खराब' श्रेणी के निचले स्तर पर रहेगी।
धूल नियंत्रण, पब्लिक वार्निंग प्रभावी
अधिकारियों को धूल नियंत्रण उपाय बढ़ाने, निर्माण स्थलों की बारीकी से निगरानी करने और प्रदूषण नियंत्रण नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है।इसके साथ ही लोगों को सलाह दी गई है कि वे बाहरी एक्टिविटीज को सीमित करें और जहां तक संभव हो सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें।
ग्रैप-1 के तहत प्रमुख प्रतिबंध
ग्रैप का पहला चरण प्रदूषण को उसके स्रोत पर ही कम करने पर केंद्रित है, विशेष रूप से धूल, वाहनों और औद्योगिक उत्सर्जन से। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अब निम्नलिखित प्रतिबंध लागू हैं:-
- सभी कंस्ट्रक्शन और डेमोलिशन साइट्स पर धूल नियंत्रण अनिवार्य है। 500 वर्ग मीटर से बड़ी परियोजनाओं के लिए स्वीकृत धूल प्रबंधन योजना होनी चाहिए।
- खुले में कचरा, पत्ते और अन्य अपशिष्ट जलाना प्रतिबंधित है।
- सड़क किनारे खाने के स्टॉल और कॉमर्शियल किचन में कोयले या लकड़ी के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है। होटल, रेस्तरां और खुले में खाने-पीने की जगहों पर खाना पकाने के लिए केवल बिजली, गैस या अन्य स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल करना होगा।
- आवश्यक या आपातकालीन इस्तेमाल को छोड़कर, डीजल जनरेटर पर प्रतिबंध है।
- हवा को प्रदूषित करने वाले वाहनों पर जुर्माना लगाया जा सकता है या उन्हें जब्त किया जा सकता है।
- ट्रैफिक नियमों में प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती तथा वाहन चालकों को लाल बत्ती पर गाड़ी बंद करने के निर्देश शामिल हैं।
- दिल्ली में 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहन और 15 वर्ष से अधिक पुराने पेट्रोल वाहन प्रतिबंधित रहेंगे।
- लोगों को सलाह दी जाती है कि वे लाल बत्ती पर गाड़ी का इंजन बंद कर दें और धुंआ कम करने के लिए हाइब्रिड या इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता दें।
- 1 जनवरी 2026 तक पूरे एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध रहेगा - जिसमें उत्पादन, बिक्री और भंडारण शामिल है।
- दिल्ली के 300 किलोमीटर के भीतर प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों और थर्मल पावर प्लांट्स पर कार्रवाई की जाएगी।
- ग्रीन दिल्ली ऐप, समीर ऐप या 311 डायल करके प्रदूषण संबंधी समस्याओं की रिपोर्ट करें।
सीक्यूएएम हर दिन वायु गुणवत्ता और मौसम के पूर्वानुमान की निगरानी करेगा। यदि प्रदूषण का स्तर बढ़ता रहा, तो ग्रैप स्टेज-II या उससे ऊपर के सख्त उपाय लागू किए जा सकते हैं। सभी विभागों को अलर्ट रहने और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद दिसंबर 2024 में जारी संशोधित ग्रैप की गाइडलाइंस के अनुसार एक्टिव कदम उठाने को कहा गया है।