दिल्ली में सर्दी से पहले ही प्रदूषण पर सियासी खींचतान, गोपाल राय का क्लाउड सीडिंग पर जोर
दिल्ली में सर्दियों से पहले ही प्रदूषण के मसले पर सियासी संग्राम छिड़ता नजर आ रहा है। दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्र सरकार को साथ मिलकर काम करने की नसीहत दी है। पढ़ें यह रिपोर्ट…
राष्ट्रीय राजधानी में सर्दी के सीजन से पहले ही प्रदूषण के मुद्दे को लेकर सियासत गर्म है। दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्र सरकार को साथ मिलकर काम करने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण की समस्या का समाधान सभी के साथ मिलकर ही किया जा सकता है। उन्होंने केंद्र सरकार से सर्दियों के दौरान कृत्रिम बारिश कराने की अनुमति देने की मांग की। वहीं भाजपा ने दिल्ली सरकार पर राजनीतिक चालबाजियां करने का आरोप लगाया।
गोपाल राय ने नवंबर में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में आपात स्थिति पैदा हो जाती है। दिल्ली सरकार प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए काम कर रही है। जब से हमारी सरकार सत्ता में आई है, प्रदूषण के स्तर में कमी आई है। पिछले साल आईआईटी-कानपुर ने एक प्रस्ताव पेश किया था कि दिल्ली में कृत्रिम बारिश (क्लाउड सीडिंग) का प्रयोग किया जा सकता है।
गोपाल राय ने कहा कि इसके लिए सुरक्षा अनुमति की आवश्यकता है। पिछले साल समय बहुत कम था, इसलिए अनुमति नहीं मिल सकी थी। हमने विशेषज्ञों के साथ बैठक की और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखकर केंद्र से मदद मांगी थी। मैंने कृत्रिम बारिश के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए केंद्रीय एजेंसियों और आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों के साथ बैठक की गुजारिश की है।
गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली में क्लाउड सीडिंग के लिए रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, एसपीजी, दिल्ली सरकार, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, आईएमडी, सीपीसीबी, एएसआई, बीसीएएस और उत्तर प्रदेश सरकार से अनुमति की जरूरत है। हम अपनी तरफ से धन और अनुमति देने के लिए तैयार हैं, लेकिन हमें केंद्र के सहयोग की आवश्यकता है। प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए सबके साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। इसमें केंद्र और पड़ोसी राज्यों के सहयोग की दरकार है।
इसके साथ ही गोपाल राय ने दावा किया कि 2012 से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 45 फीसदी कम हो गया है। अगर अन्य दलों (भाजपा, कांग्रेस) के पास प्रदूषण को कम करने के लिए कोई सुझाव है, तो उसे लागू करके हमें खुशी होगी। इसके साथ ही दिल्ली सरकार के मंत्री ने आरोप लगाया कि बीते पांच वर्षों में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से मिलने के उनके बार-बार के अनुरोध का कोई जवाब नहीं मिला।
गोपाल राय ने कहा- हम सभी जानते हैं कि ये अनुमतियां देना अकेले दिल्ली सरकार के हाथ में नहीं है। दिल्ली सरकार को जो भी अनुमति देनी चाहिए, हम उसे देने के लिए तैयार हैं। हमने जब इसके लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखा तो वह नाराज हो गए और कहने लगे कि आपने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र कैसे लिख दिया। इसके साथ ही उन्होंने केन्द्र से राजनीतिक मतभेदों के बजाए सामूहिक तौर पर काम करने को प्राथमिकता देने का आग्रह किया।
वहीं भाजपा ने शनिवार को इस मसले पर दिल्ली सरकार की जमकर आलोचना की। भाजपा ने दिल्ली सरकार पर स्वास्थ्य संबंधी खतरे से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने के बजाय वायु प्रदूषण के मुद्दे पर केंद्र के साथ राजनीतिक चालबाजियां करने का आरोप लगाया था। भाजपा ने दिल्ली सरकार पर केवल लेटर बाजी यानी पत्र-व्यवहार में लिप्त होने का आरोप लगाया।
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