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बांग्लादेशियों पर दिल्ली पुलिस का ताबड़तोड़ ऐक्शन, 7 और दबोचे, यह था प्लान

दिल्ली में अवैध बांग्लादेशियों की धरपकड़ को लेकर चलाए जा रहे अभियान के बीच दिल्ली में घुसपैठियों की लगातार पहचान की जा रही है। दिल्ली पुलिस ने रविवार को सात और बांग्लादेशियों को दबोचा है।

Krishna Bihari Singh लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 29 Dec 2024 06:10 PM
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बांग्लादेशियों पर दिल्ली पुलिस का ताबड़तोड़ ऐक्शन, 7 और दबोचे, यह था प्लान

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अवैध बांग्लादेशियों की धरपकड़ को लेकर अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के बीच दिल्ली में लगातार अवैध बांग्लादेशियों की पहचान की जा रही है। पुलिस ने रविवार को सात और बांग्लादेशियों को पकड़ा है। इसमें 5 महिलाएं और 2 पुरुष शामिल हैं। डीसीपी साउथ दिल्ली अंकित चौहान ने बताया कि साउथ डिस्ट्रिक्ट दिल्ली पुलिस को इन अवैध घुसपैठियों के पास से बांग्लादेशी आईडी मिली है। कुछ निर्माण स्थलों पर काम कर रहे थे जबकि अन्य ब्यूटी पार्लर में काम करने की योजना बना रहे थे।

एक अधिकारी ने रविवार को यह भी बताया कि हाल ही में दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी के रंगपुरी इलाके में अवैध रूप से रह रहे 8 बांग्लादेशी नागरिकों को डिपोर्ट किया है। इनमें जहांगीर और उसकी पत्नी और उसके छह बच्चे शामिल हैं। ये बांग्लादेश के मदारीपुर जिले के केकरहाट गांव के रहने वाले थे। जहांगीर ने चोरी से भारत में दाखिल होने और उसके बाद अपने परिवार को दिल्ली शिफ्ट करने की बात कबूल की थी।

पुलिस की पूछताछ में जहांगीर ने यह भी बताया था कि पकड़े जाने के डर से उसने बांग्लादेशी पहचान पत्र नष्ट कर दिए थे। वह अपनी मूल पहचान छिपाकर दिल्ली में रह रहा था। पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) सुरेन्द्र चौधरी ने इस ऑपरेशन की जानकारी देते हुए बताया कि वसंत कुंज दक्षिण पुलिस थाने की एक टीम को अवैध प्रवासियों की पहचान करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उसने बेहद कारगर रणनीति से इन अवैध घुसपैठियों की पहचान की।

पुलिस की टीम ने रंगपुरी में 400 परिवारों का घर-घर जाकर लोगों का सत्यापन किया। पश्चिम बंगाल में संदिग्ध व्यक्तियों के पते पर सत्यापन पत्र भेजे गए। इसके बाद उनके दस्तावेजों की जांच के लिए एक विशेष टीम लगाई गई। सत्यापन अभियान के दौरान टीम ने जहांगीर और उसके परिवार की पहचान कर ली। इसके बाद जब सख्ती से पूछताछ की गई तो जहांगीर ने तोते की तरह अपने बांग्लादेशी होने की बात कबूल कर ली। घुसपैठियों को बांग्लादेश वापस डिपोर्ट करने की प्रक्रिया विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) के साथ मिलकर की गई।