
निवेश के बहाने लाखों का हेरफेर, दिल्लीवालों को ठगने वाले पकड़ाए, चीन से भी कनेक्शन
संक्षेप: बाटला हाउस में और छापेमारी की गई, जिससे मोहम्मद सरफराज और मोहम्मद दिलशाद को गिरफ्तार किया गया। लगातार पूछताछ के दौरान, दिलशाद ने खुलासा किया कि वह टेक्नोलॉजी की अच्छी जानकारी रखता है और लगभग एक साल पहले टेलीग्राम के माध्यम से एक चीनी नागरिक के संपर्क में आया था।
दिल्ली पुलिस को आज ऑनलाइन नौकरी धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने इस केस में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों का चीनी कनेक्शन भी सामने आया है। सभी आरोपी टेलीग्राम और व्हाट्सएप के माध्यम से एक चीनी नागरिक से जुड़े थे और भारतीय बचत औरचालू बैंक खातों में धोखाधड़ी से प्राप्त राशि को आगे भेजते थे। आरोपियों के पास से स्मार्टफोन,पास बुक, चेक बुक और 5 लाख रुपये भी मिले हैं।
इस केस से जुड़े तार
दरअसल, इस केस के तार पिछले महीने शिकायत लिखाने आई एक महिला से जुड़े हैं। 11 सितंबर को दिल्ली पुलिस के पास एक महिला जॉब के बहाने धोखाधड़ी की शिकायत लिखाने आई थी। तिलक नगर, दिल्ली की रहने वाली महिला शिकायतकर्ता सेंट्रल हॉस्पिटल, तिलक नगर में नर्स के रूप में काम करती हैं,। उन्होंने बताया कि इंस्टाग्राम पर एक पेज "Alos12" देखते समय, उन्हें पार्ट-टाइम नौकरी के ऑफर मिले। बाद में उन्हें एक टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ दिया गया और ऊंचे रिटर्न के वादे के साथ, टास्क-आधारित नौकरियों में पैसे निवेश करने के लिए राजी किया गया। उन्होंने 15.94 लाख का निवेश किया, लेकिन उन्हें लगातार अलग-अलग बहाने बनाकर और पैसे जमा करने के लिए मजबूर किया जाता था।
शिकायत के आधार पर, FIR संख्या 45/2025, धारा 318(4)/319(2) BNS के तहत थाना साइबर/पश्चिम जिला में एक मामला दर्ज हुआ और जांच शुरू की गई। पैसे के लेन-देन (मनी ट्रेल) और तकनीकी सुराग (टेक्निकल लीड्स) दोनों पर काम करने के लिए एक समर्पित टीम को यह जिम्मेदारी सौंपी गई। इंस्टाग्राम और टेलीग्राम चैनलों के तकनीकी विश्लेषण और पैसे के लेन-देन की समानांतर जांच के दौरान, यह पाया गया कि ज्यादातर राशि आरोपी सब्बीर अहमद से जुड़े बैंक खातों में ट्रांसफर की गई थी। इन पैसों को बाद में चेक के माध्यम से निकाल लिया गया। आगे की जांच से पता चला कि ये खाते कम समय के लिए चलाए जा रहे थे, जिनका मुख्य उद्देश्य धोखाधड़ी की गई राशि प्राप्त करना और फिर उसे निकालना था।
गिरफ्तार हुए आरोपी, किए ये खुलासे
उत्तम नगर इलाके में छापेमारी की गई, जिसके परिणामस्वरूप सब्बीर अहमद को गिरफ्तार कर लिया गया। बैंकों से मिली सीसीटीवी फुटेज में धोखाधड़ी की गई राशि निकालने में शामिल दो अन्य व्यक्तियों को देखा गया। इसके आधार पर, बाटला हाउस में और छापेमारी की गई, जिससे मोहम्मद सरफराज और मोहम्मद दिलशाद को गिरफ्तार किया गया। इन तीनों के पास से 5,00,000 नकद, 5 मोबाइल फोन, 10 पासबुक और 14 चेक बुक बरामद की गई हैं।
लगातार पूछताछ के दौरान, दिलशाद ने खुलासा किया कि वह टेक्नोलॉजी की अच्छी जानकारी रखता है और लगभग एक साल पहले टेलीग्राम के माध्यम से एक चीनी नागरिक के संपर्क में आया था। उस चीनी नागरिक ने उसे धोखाधड़ी की गई राशि प्राप्त करने के लिए भारतीय बैंक खाते का इंतजाम करने का काम दिया, जिसके बदले में 5% कमीशन देने की पेशकश की गई। दिलशाद और सरफराज मिलकर बैंक खातों का इंतजाम करते थे, धोखाधड़ी की गई राशि निकालते थे, उसे यूएसडीटी (क्रिप्टोकरेंसी) में बदलते थे, और फिर विकेन्द्रीकृत एक्सचेंज वॉलेट्स के माध्यम से चीनी नागरिकों को ट्रांसफर कर देते थे। शब्बीर अहमद 1% कमीशन पर नकद राशि निकालने में उनकी सहायता करता था। पुलिस ने बताया कि अन्य सहयोगियों की पहचान करने और चीनी हैंडलर्स को ट्रांसफर की गई मनी ट्रेल (पैसे के लेन-देन का रास्ता) का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं।





