दिल्ली-NCR वालों को राहत देने की कोशिश, यहां आधे दाम पर मिल रही प्याज
- केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बढ़ते प्याज के दामों से लोगों को राहत देने की कोशिश की है। केंद्र सरकार ने दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए लगभग आधे दाम में प्याज की व्यवस्था की है। आइए जानते हैं ये सस्ता प्याज कहां मिलेगा…
केंद्र सरकार ने दिल्ली-एनसीआर के उपभोक्ताओं को प्याज की बढ़ती कीमतों से राहत देने का निर्णय लिया है। सरकार ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के लिए 35 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर प्याज की खुदरा बिक्री का पहला चरण शुरू किया है। एनसीसीएफ और नेफेड की तरफ से यह सुविधा दी जा रही है। ये दोनों ही सरकार की ओर से 4.7 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक बनाए हुए हैं, अपने खुद के स्टोर और मोबाइल वैन के माध्यम से खुदरा बिक्री करेंगे। इसके तहत दिल्ली-एनसीआर में खुदरा दुकानों पर प्याज बेचा जाएगा।
प्याज को प्रमुख खपत वाले क्षेत्रों में ई-कॉमर्स मंच और केंद्रीय भंडार और मदर डेयरी के सफल के बिक्री केन्द्रों पर भी रियायती दर पर बेचा जाएगा। दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमतें गुणवत्ता और स्थानीयता के आधार पर 60 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक चल रही हैं।
केंद्र सरकार की इस पेशकश के बाद, खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि प्याज की कीमतों के रुझान के अनुसार प्याज की मात्रा और निपटान चैनलों को बढ़ाया, गहरा, तीव्र और विविधीकृत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में और शहरों में भी इस तरह की बिक्री की जाएगी। अगले सप्ताह से शुरू होने वाले दूसरे चरण में कोलकाता, गुवाहाटी, हैदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरु, अहमदाबाद और रायपुर जैसे प्रमुख राजधानी शहरों को इसके दायरे में लाया जाएगा। पूरे भारत में बिक्री सितंबर के तीसरे सप्ताह से होगी। प्रह्लाद जोशी का मानना है कि खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखना सरकार की प्राथमिकता है और मूल्य स्थिरीकरण उपायों के माध्यम से विभिन्न प्रत्यक्ष हस्तक्षेपों ने हाल के महीनों में महंगाई को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) ने बफर स्टॉक के लिए 28 रुपये प्रति किलोग्राम की औसत कीमत पर प्याज खरीदा है। उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा कि ये एजेंसियां भारत भर में अन्य सहकारी समितियों और बड़ी खुदरा श्रृंखलाओं के साथ भी गठजोड़ कर रही हैं।
खरे ने कहा कि आने वाले महीनों में प्याज की उपलब्धता और कीमतों का पूर्वानुमान सकारात्मक बना हुआ है, क्योंकि खरीफ (गर्मी) की बुवाई का रकबा पिछले महीने तक तेजी से बढ़कर 2.9 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह रकबा 1.94 लाख हेक्टेयर था। इसके अलावा, किसानों और व्यापारियों के पास अब भी लगभग 38 लाख टन प्याज के भंडारण की सूचना है। उन्होंने कहा कि हम उपभोक्ताओं और किसानों दोनों के हित में आवश्यक कदम उठाने के लिए प्याज की फसल की उपलब्धता और कीमतों पर कड़ी नजर रख रहे हैं।
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