दिल्ली में वायु प्रदूषण WHO की निर्धारित सीमा से 65 गुना अधिक; AQI 500 के पार
दिल्ली-एनसीआर में दिन-प्रतिदिन बिगड़ती आबोहवा के बीच सांसों पर संकट और गहराता जा रहा है। दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में गिरावट लगातार जारी है, जो दिवाली के दो दिन बाद रविवार को 500 के पार पहुंच गया।
दिल्ली-एनसीआर में दिन-प्रतिदिन बिगड़ती आबोहवा के बीच सांसों पर संकट और गहराता जा रहा है। दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में गिरावट लगातार जारी है, जो दिवाली के दो दिन बाद रविवार को 500 के पार पहुंच गया। सुबह 5 बजे तक राजधानी में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक 'खतरनाक' श्रेणी में है, जो दिल्ली और उसके आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
आईक्यू एयर वेबसाइट के आंकड़ों के अनुसार, राजधानी में धुंध की मोटी परत छाई हुई है और एक्यूआई 507 दर्ज किया गया, जिससे दिल्ली-एनसीआर का पीएम2.5 स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सीमा से 65 गुना अधिक खतरनाक हो गया।
एक्यूआई किसी क्षेत्र में वायु की गुणवत्ता को दर्शाता है। शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को "अच्छा", 51 और 100 के बीच को "संतोषजनक", 101 और 200 के बीच को "मध्यम", 201 और 300 के बीच को "खराब", 301 और 400 के बीच को "बहुत खराब", 401 और 450 के बीच को "गंभीर" और 450 से ऊपर को "बेहद गंभीर" माना जाता है। यह लोगों के लिए हानिकारक स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं पैदा कर सकता है।
दिल्ली में 12 घंटों में एक्यूआई में 150 से अधिक अंक का इजाफा
दिल्ली में 12 घंटों के भीतर एक्यूआई का आंकड़ा 327 से बढ़कर 507 हो गया। शनिवार को रात 9 बजे, दिल्ली के अधिकांश क्षेत्रों में एक्यूआई 327 दर्ज किया गया था।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के समीर ऐप के अनुसार, अलीपुर, आनंद विहार, अशोक विहार, आया नगर, बवाना, बुराड़ी, मथुरा रोड, आईजीआई एयरपोर्ट, द्वारका, जहांगीरपुरी, मुंडका, नरेला, पटपड़गंज, रोहिणी, शादीपुर, सोनिया विहार, वजीरपुर, मंदिर मार्ग, नेहरू नगर, नजफगढ़ और अन्य मौसम-निगरानी स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता बहुत खराब दर्ज गई।
दिल्ली वायु प्रदूषण और दिवाली
सीपीसीबी के अनुसार, दिवाली के एक दिन बाद शुक्रवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई। राजधानी के अधिकांश क्षेत्रों में एक्यूआई 350 से अधिक दर्ज किया गया, जिससे लोगों के लिए स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बढ़ गईं।
'लोकल सर्किल्स' द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वे से पता चला है कि दिल्ली के अधिकांश लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है क्योंकि पटाखों के धुएं ने राजधानी में वायु प्रदूषण को और खराब कर दिया है।
दिल्ली और एनसीआर क्षेत्रों से सर्वे में भाग लेने वाले 21,000 लोगों में से 69 प्रतिशत ने बताया कि हर परिवार में कम से कम एक सदस्य को गले में खराश और खांसी जैसी सांस संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा, जबकि 62 प्रतिशत लोगों को खराब वायु गुणवत्ता के कारण आंखों में जलन का सामना करना पड़ा।
दिल्ली-एनसीआर में पहले से ही ग्रैप-2 लागू
चौंकाने वाली बात यह है कि दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-II) जैसे सभी संभावित उपायों के लागू होने के बावजूद दिल्ली की हवा हर दिन खराब होती जा रही है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने 21 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप-2 को लागू करने का आदेश दिया था, जब क्षेत्र में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 'बहुत खराब' श्रेणी में आ गया था।