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कचरा पैदा करने वालों ने की नियमों की अनदेखी, एमसीडी ने लगा दिया 85 लाख का जुर्माना

संक्षेप: एक वरिष्ठ नगर निगम अधिकारी ने बताया कि अब तक केवल 3,749 BWGs ने ही MCD के पास अपना रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर निगम ने 32,000 से ज्यादा चालान जारी किए हैं, जिनकी कुल राशि 85 लाख से ज्यादा है।

Wed, 1 Oct 2025 09:52 AMUtkarsh Gaharwar लाइव हिन्दुस्तान, दिल्ली
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कचरा पैदा करने वालों ने की नियमों की अनदेखी, एमसीडी ने लगा दिया 85 लाख का जुर्माना

दिल्ली नगर निगम (MCD) ने पिछले एक साल में कई बार चेतावनी और सार्वजनिक नोटिस जारी किए, इसके बावजूद शहर में बड़े पैमाने पर कचरा पैदा करने वाले (Bulk Waste Generators - BWGs) अभी भी कचरा निस्तारण (वेस्ट प्रोसेसिंग) के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। कचरे के ढेर पर ताजे कचरे को डंप होने से रोकने के लिए, MCD अब उन संस्थानों पर जुर्माना लगाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है जो रोजाना 100 किलोग्राम से ज्यादा नगरपालिका कचरा (municipal waste) पैदा करते हैं।

एक वरिष्ठ नगर निगम अधिकारी ने बताया कि अब तक केवल 3,749 BWGs ने ही MCD के पास अपना रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर निगम ने 32,000 से ज्यादा चालान जारी किए हैं, जिनकी कुल राशि ₹85 लाख से ज्यादा है। अधिकारी ने आगे कहा कि बड़े कचरा उत्पादक (BWGs) वे संस्थाएं हैं, जैसे व्यावसायिक प्रतिष्ठान, RWA, होटल, बैंक्वेट हॉल, अस्पताल, आवासीय सोसाइटियां और अन्य संस्थान, जो रोजाना 100 किलोग्राम से अधिक कचरा पैदा करते हैं।" "शहर में ऐसे BWGs की वास्तविक संख्या बहुत ज्यादा है। यदि ये BWGs अपने परिसर में ही खाद बनाना (composting) और कचरे को प्रोसेस करना शुरू कर दें, तो इससे कचरे के ढेर (लैंडफिल) पर पड़ रहे भारी बोझ को काफी हद तक कम किया जा सकता है।"

बड़े कचरा उत्पादकों को नियम मानने में भारी लापरवाही

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (Solid Waste Management) नियमों के अनुसार, बड़े कचरा उत्पादकों (BWGs) की यह जिम्मेदारी है कि वे:

➤कचरे को उसके स्रोत पर ही अलग-अलग (गीला, सूखा) करें।

➤गीले कचरे को अपने परिसर के अंदर ही प्रोसेस करें (जैसे खाद बनाना)।

➤केवल सूखा कचरा ही आगे (MCD को) सौंपें।

ऐसे समय में जब शहर कचरे के भरे हुए ढेरों (oversaturated landfill sites) पर ताज़े नगरपालिका कचरे के ढेर लगने से जूझ रहा है, कचरे के इन बड़े उत्पादकों द्वारा नियमों का पालन न करना बेहद निराशाजनक है। दिल्ली नगर निगम (MCD) के अंतर्गत 12 ज़ोन (क्षेत्र) हैं। रजिस्टर्ड 3,749 BWGs में से सबसे अधिक संख्या साउथ जोन में है (1,023), जिसके बाद सेंट्रल (522), नजफगढ़ (439), वेस्ट (406), केशवपुरम (309), शाहदरा साउथ (284), रोहिणी (230), सदर पहाड़गंज (205), करोल बाग (188), सिविल लाइंस (59), नरेला (55), और शाहदरा नॉर्थ (29) आते हैं। MCD की कार्रवाई रिपोर्ट के अनुसार, इस साल अप्रैल से जुलाई के बीच नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ 32,095 चालान जारी किए गए, जिनकी कुल राशि 85,36,539 है।

महीनाजारी किए गए चालानजुर्माने की राशि (लाख रुपये में)
अप्रैल3,542₹6.9 लाख
मई13,121₹31.19 लाख
जून7,941₹26.28 लाख
जुलाई7,491₹20.97 लाख

पिछले साल नवंबर में MCD ने इन बड़े कचरा उत्पादकों के रजिस्ट्रेशन और कचरा निस्तारण की निगरानी के लिए एक समर्पित पोर्टल भी शुरू किया था। इसी साल 17 फरवरी को निगम ने फिर से दोहराया था कि शहर के BWGs के लिए MCD में रजिस्ट्रेशन कराना और SWM नियमों के अनुसार कचरे का निस्तारण सुनिश्चित करना अनिवार्य है, ताकि कचरे के ढेरों पर बोझ कम किया जा सके।