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दिल्ली में एक और ‘घोटाला’? अब नालों की सफाई में भ्रष्टाचार की जांच करेगी ACB, LG ने दी मंजूरी

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पालम इलाके में नालों की सफाई में कथित पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों के भ्रष्टाचार की एसीबी से जांच कराने के आदेश दिए हैं। इस कदम से राष्ट्रीय राजधानी में सियासी टकराव का नया फ्रंट खुल सकता है।

Krishna Bihari Singh हिन्दुस्तान टीम, नई दिल्लीMon, 9 Sep 2024 01:12 PM
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दिल्ली के पालम क्षेत्र में नालों की सफाई में पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों द्वारा किए गए कथित भ्रष्टाचार की जांच भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) करेगी। दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने सोमवार को इसके आदेश जारी किए। राजनिवास के मुताबिक, नजफगढ़ क्षेत्र के निगम पार्षद एवं अधिवक्ता अमित खरखरी ने 11 अगस्त को उप राज्यपाल को दी गई शिकायत में आरोप लगाया था कि नालों की सफाई के काम में लगे अधिकारी गंभीर भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। उन्होंने जनता के धन के दुरुपयोग, तय निविदा मानदंडों की अवहेलना और भ्रष्ट आचरण के आरोप लगाए थे।

एक ही ठेकेदार को भुगतान

नगर पार्षद और अधिवक्ता अमित खरखरी की ओर से एलजी वीके सक्सेना को दी गई शिकायत में आरोप लगाया गया था कि पीडब्ल्यूडी इंजीनियरों और अधिकारियों की मिलीभगत से चार साल यानी 2021-22 से 2024-25 के दौरान पीडब्ल्यूडी के महज 2 डिवीजनों में एक ही ठेकेदार को करीब 80 करोड़ रुपये का फर्जी भुगतान किया गया।

फर्जी बिलिंग के जरिए भुगतान

दिल्ली के नजफगढ़ के वार्ड 127 के नगर पार्षद अमित खरखरी की ओर से एलजी वीके सक्सेना को दी गई शिकायत में दिल्ली सरकार द्वारा कथित फर्जी भुगतान (टेंडर दरों में बढ़ोतरी, नालों की सफाई में कथित फर्जी बिलिंग) का आरोप लगाया गया था। अमित खरखरी का यह भी आरोप था कि सुपर-सकर मशीनों की कमी के कारण ठेकेदार ने मैनुअल स्कैवेंजरों को काम पर रखा है। एलजी ने मुख्य सचिव को इन आरोपों की एसीबी से गहन जांच कराने के साथ ही जल्द एक्शन टेकन रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है।

80 करोड़ रुपये के दुरुपयोग का आरोप

लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार और लगभग 80 करोड़ रुपये के कथित दुरुपयोग के गंभीर आरोपों का मुद्दा कुछ समय से चर्चा में है। कथित भ्रष्टाचार का यह मामला पालम क्षेत्र में पीडब्ल्यूडी के साउथवेस्ट रोड-I और साउथवेस्ट रोड-II डिवीजनों में गए गाद हटाने के काम से जुड़ा है। एलजी के प्रधान सचिव ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर एसीबी जांच के बारे में उपराज्यपाल के आदेशों से अवगत कराया है।

शिकायत में ये आरोप

1. 2022 के मानसून के दौरान नालों की सफाई में भ्रष्टाचार

2. जाफरपुर में विभिन्न स्थानों पर सीवरेज पंपों की स्थापना में गड़बड़ी

3. कार्य की माप में अनियमितता, एक ही काम के लिए डबल पेमेंट

4. काम था नहीं लेकिन उसकी जरूरत दिखाई गई

5. सब-डिवीजन टेंडरों का दुरुपयोग

6. टेंडर नियमों का उल्लंघन और मैला ढोने की प्रथा को बढ़ावा देना

7. टेंडर दरों में भारी बढ़ोतरी और धन का दुरुपयोग

8. लगातार चार वर्षों तक धोखाधड़ी से बिल बनाना

9. आरटीआई आवेदनों में बाधा डालना और कवर-अप की कोशिशें

10. एनआईटी प्रक्रिया में हेराफेरी और अधिक बिल बनाना

11. धोखाधड़ी से भुगतान और एक ही ठेकेदार को ठेका दिया गया

अधिकारियों पर गंभीर आरोप

अमित खरखरी की ओर से 11 अगस्त को एलजी को दी गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि परियोजना में शामिल अधिकारी गंभीर अनियमितताओं में लिप्त हैं। अधिकारी सरकारी धन का दुरुपयोग, निविदा मानदंडों की अवहेलना समेत गंभीर भ्रष्ट आचरण शामिल हैं। शिकायत में कहा गया है कि एक ही ठेकेदार को निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन करते हुए नालों की सफाई का ठेका देकर अनुचित रूप से लाभ पहुंचाया गया, जिससे सरकारी खजाने को क्षति पहुंची।

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