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सैनिकों के लिए फुट ओवर ब्रिज पर बताएं प्लान; दिल्ली हाईकोर्ट ने अधिकारियों को दिए आदेश

दिल्ली हाईकोर्ट ने राजपूताना राइफल्स के सैनिकों के लिए फुट-ओवर-ब्रिज (एफओबी) के निर्माण पर अंतिम योजना पेश करने के आदेश अधिकारियों को दिए हैं। अदालत ने एक अखबार की रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लेते हुए उक्त आदेश जारी किए हैं।

Krishna Bihari Singh पीटीआई, नई दिल्लीWed, 18 June 2025 08:54 PM
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सैनिकों के लिए फुट ओवर ब्रिज पर बताएं प्लान; दिल्ली हाईकोर्ट ने अधिकारियों को दिए आदेश

दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को अधिकारियों से राजपूताना राइफल्स के सैनिकों के लिए फुट-ओवर-ब्रिज (एफओबी) के निर्माण की अंतिम योजना पेश करने को कहा है। इसके साथ ही अदालत ने पीडब्ल्यूडी, ट्रैफिक पुलिस और दिल्ली छावनी बोर्ड को एफओबी के निर्माण को अंतिम रूप देने के लिए एक बैठक बुलाने को कहा है।

दरअसल, इस मामले में सैनिकों को परेड ग्राउंड तक पहुंचने के लिए एक गंदे नाले को पार करने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा विचार किया जा रहा है। जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह एवं जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ ने एक समाचार पत्र की खबर पर स्वतः संज्ञान लेते हुए इस मामले की सुनवाई शुरू की है।

मामले में कहा गया है कि राजपूताना राइफल्स के सैनिकों को अपने बैरक से परेड ग्राउंड तक बदबूदार रास्ते से गुजरना पड़ता है। पीठ ने पीडब्ल्यूडी, यातायात पुलिस व दिल्ली छावनी बोर्ड को एफओबी के निर्माण को अंतिम रूप देने के लिए एक संयुक्त बैठक आयोजित करने को कहा है।

पीठ ने कहा है कि एफओबी के निर्माण के लिए एक योजना को अंतिम रूप दिया जाए। पीठ ने इसके डिजाइन, बजट व समयसीमा पर रिपोर्ट मांगी है। पहले पीठ को जानकारी दी गई थी कि सैनिकों के गुजरने वाले रास्ते को साफ किया गया है। इस रिपोर्ट पर पीठ ने असंतुष्टि जताते हुए कहा था कि यह नाकाफी प्रयास हैं।

इस बीच दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वीडिश वाहन निर्माता वोल्वो के ट्रेडमार्क के उल्लंघन पर रोक लगाते हुए दो ट्रांसपोर्टरों को इसकी बसों के चिह्न के अनधिकृत उपयोग से मना कर दिया है। न्यायमूर्ति अमित बंसल की पीठ ने कहा कि प्रतिवादी उदयपुर स्थित गणेश मोटर बॉडी रिपेयर्स वोल्वो जैसी बसें बना रहा था, जबकि दिल्ली की ऋषभ बस प्राइवेट लिमिटेड ने इन बसों को वोल्वो ब्रांड बताकर अंतरराज्यीय सेवाएं शुरू की थीं।

याचिका में वोल्वो ने कहा कि उसके ग्रिल स्लैश ट्रेडमार्क का स्थान बस की पहचान से जुड़ा होता है। प्रतिवादी ग्राहकों को भ्रमित कर यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वोल्वो ने सस्ती नई बसें लॉन्च की हैं। अदालत ने माना कि प्रतिवादियों ने वोल्वो के प्रसिद्ध ट्रेडमार्क की बेईमानी से नकल की और नकली उत्पाद तैयार किए।