Hindi Newsएनसीआर Newsdelhi high court says 4316 cases settled due to mediation in high court and district courts
दिल्ली में इस पहल का कमाल; 3 माह में हाईकोर्ट और जिला अदालतों में निपटे 4316 केस

दिल्ली में इस पहल का कमाल; 3 माह में हाईकोर्ट और जिला अदालतों में निपटे 4316 केस

संक्षेप: दिल्ली हाईकोर्ट ने जानकारी दी है कि दिल्ली हाईकोर्ट और राजधानी की जिला अदालतों में एक पहल की वजह से महज तीन महीने में ही 4,316 मामलों का निपटारा कर दिया गया है। विस्तृत जानकारी के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट…

Tue, 7 Oct 2025 03:44 PMKrishna Bihari Singh लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली, हेमलता कौशिक
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दिल्ली हाईकोर्ट ने जानकारी दी है कि 1 जुलाई से 30 सितंबर तक चलाए गए तीन महीने के मध्यस्थता अभियान को बड़ी सफलता मिली है। इस अभियान में दिल्ली हाईकोर्ट और राजधानी की जिला अदालतों में उच्च न्यायालय की ओर से चलाए गए अभियान के दौरान 28 हजार से अधिक मामलों को मध्यस्थता के लिए भेजा गया। इनमें से 4,316 मामलों का निपटारा कर दिया गया है जबकि 13,938 मामले निपटारे के लिए लंबित हैं। दिल्ली हाईकोर्ट ने इन आंकड़ों को जारी किया है।

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इसके साथ ही दिल्ली हाईकोर्ट ने यह भी कहा है कि ये आंकड़े दर्शाते हैं कि मध्यस्थता अभियान एक बड़ी सफलता थी। यह अभियान राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) द्वारा मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति (एमसीपीसी) के सहयोग से भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई एवं एनएएलएसए के कार्यकारी अध्यक्ष, उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति सूर्यकांत के मार्गदर्शन में शुरू की गई एक राष्ट्रव्यापी पहल का हिस्सा था।

दिल्ली में इस अभियान का मार्गदर्शन मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय ने किया। इसमें न्यायमूर्ति नवीन चावला व न्यायमूर्ति सी हरिशंकर का सहयोग रहा। दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से जारी एक सूचना के अनुसार इस अभियान का दिल्ली उच्च न्यायालय, जिला न्यायालयों व समाधान (दिल्ली उच्च न्यायालय मध्यस्थता केन्द्र) की वेबसाइटों पर विज्ञापनों, पोस्टरों, बैनरों व सार्वजनिक सूचनाओं के माध्यम से व्यापक प्रचार किया गया।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि उच्च न्यायालय का सामान्य कामकाज प्रभावित न हो, दिल्ली उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार और संयुक्त रजिस्ट्रार को मध्यस्थता के लिए उपयुक्त मामलों की पहचान करने व रेफरल कार्यवाही करने का कार्य सौंपा गया था। अभियान के प्रभावी समन्वय और सुचारू प्रबंधन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए थे।

मध्यस्थता केन्द्रों में पक्षकारों, अधिवक्ताओं व प्रशिक्षित मध्यस्थों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई, जो नागरिक, पारिवारिक और व्यावसायिक विवादों के प्रभावी समाधान को सुनिश्चित करने के लिए सहयोगात्मक भावना से काम कर रहे थे।

ऑनलाइन मध्यस्थता सत्र, केन्द्रित निपटान अभियान व व्यक्तिगत केस फॉलो-अप जैसे नवीन उपायों ने इस परिणाम को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मध्यस्थता केन्द्रों में प्रतिदिन बड़ी संख्या में मामले सूचीबद्ध होने के कारण मामलों की भारी संख्या को प्रबंधित करने व पूरे अभियान के दौरान वादियों की सुविधा के लिए प्रभावी रणनीतियां लागू की गईं। जिससे सकारात्मक परिणाम सामने आए।

Krishna Bihari Singh

लेखक के बारे में

Krishna Bihari Singh
पत्रकारिता में करीब 14 वर्षों से केबी उपनाम से पहचान रखने वाले कृष्ण बिहारी सिंह लाइव हिन्दुस्तान में कार्यरत हैं। वह लोकमत, राष्ट्रीय सहारा, अमर उजाला और दैनिक जागरण अखबार में विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। उन्होंने साल 2019 में जागरण डॉट कॉम से डिजिटल मीडिया में कदम रखा। मूलरूप से यूपी के मऊ जिले से ताल्लुक रखने वाले केबी महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली में पत्रकारिता कर चुके हैं। लॉ और साइंस से ग्रेजुएट केबी ने महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में एमफिल किया है। वह भारतीय राजनीति और वैश्विक मामलों के साथ जन सरोकार और क्राइम की खबरों पर पैनी नजर रखते हैं। और पढ़ें
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