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पीएम मोदी की डिग्री से जुड़ी जानकारी नहीं होगी आम, हाईकोर्ट ने खारिज किया CIC का आदेश

पीएम मोदी की डिग्री से जुड़ी जानकारी नहीं होगी आम, हाईकोर्ट ने खारिज किया CIC का आदेश

संक्षेप: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्रीय सूचना आयोग के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें डीयू को पीएम मोदी की स्नातक डिग्री के संबंध में जानकारी का खुलासा करने का निर्देश दिया गया था। विस्तृत जानकारी के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट…

Mon, 25 Aug 2025 03:55 PMKrishna Bihari Singh पीटीआई, नई दिल्ली
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दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की स्नातक की डिग्री से संबंधित जानकारी को सार्वजनिक करने का निर्देश दिया गया था। जस्टिस सचिन दत्ता की अदालत ने सीआईसी के आदेश को चुनौती देने वाली दिल्ली विश्वविद्यालय की याचिका पर यह फैसला सुनाया।

इसी अदालत ने 27 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि नीरज नामक के शख्स की ओर से दाखिल की गई आरटीआई आवेदन के बाद केंद्रीय सूचना आयोग ने 21 दिसंबर 2016 को 1978 में बीए परीक्षा पास करने वाले सभी छात्रों के अभिलेखों की जांच की अनुमति दी थी। इसी वर्ष प्रधानमंत्री मोदी ने भी यह परीक्षा पास की थी। मामला आने पर हाईकोर्ट ने 23 जनवरी 2017 को सीआईसी के आदेश पर रोक लगा दी थी।

बीते बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की याचिका पर अपना फैसला टाल दिया था। याचिका में प्रधानमंत्री मोदी की स्नातक डिग्री के संबंध में सूचना का खुलासा करने के निर्देश देने वाले सीआईसी के आदेश को चुनौती दी गई थी। डीयू की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी थी कि केंद्रीय सूचना आयोग का आदेश रद्द किया जाना चाहिए क्योंकि यह निजता के अधिकार से ऊपर है।

दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलें रखी थी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी दलील में कहा था कि केंद्रीय सूचना आयोग उक्त का आदेश रद्द किया जाना चाहिए। हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि विश्वविद्यालय अदालत को अपना रिकॉर्ड दिखा सकता है। इसमें उसे कोई आपत्ति नहीं है।

दिल्ली विश्वविद्यालय का कहना था कि केवल जिज्ञासा के आधार पर किसी को भी आरटीआई कानून के जरिए निजी जानकारी मांगने का अधिकार नहीं है। वहीं आरटीआई आवेदकों की ओर से पेश हुए वकील ने अपनी दलील में कहा था कि सूचना का अधिकार यानी आरटीआई अधिनियम में व्यापक जनहित के तहत प्रधानमंत्री की डिग्री के बारे में खुलासा किए जाने का प्रावधान है।

Krishna Bihari Singh

लेखक के बारे में

Krishna Bihari Singh
पत्रकारिता में करीब 14 वर्षों से केबी उपनाम से पहचान रखने वाले कृष्ण बिहारी सिंह लाइव हिन्दुस्तान में कार्यरत हैं। वह लोकमत, राष्ट्रीय सहारा, अमर उजाला और दैनिक जागरण अखबार में विभिन्न पदों पर काम कर चुके हैं। उन्होंने साल 2019 में जागरण डॉट कॉम से डिजिटल मीडिया में कदम रखा। मूलरूप से यूपी के मऊ जिले से ताल्लुक रखने वाले केबी महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली में पत्रकारिता कर चुके हैं। लॉ और साइंस से ग्रेजुएट केबी ने महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में एमफिल किया है। वह भारतीय राजनीति और वैश्विक मामलों के साथ जन सरोकार और क्राइम की खबरों पर पैनी नजर रखते हैं। और पढ़ें
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