Hindi Newsएनसीआर न्यूज़Delhi high court denies bail to father sexually assault 8 year old daughter

8 साल की बेटी से दरिंदगी करने वाले पिता ने लगाई जमानत की गुहार, दिल्ली HC ने क्या कहा?

दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा, एक मां अपनी बेटी के जीवन को खतरे में नहीं डालेगी।

Aditi Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली, भाषाTue, 10 Sep 2024 01:54 PM
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दिल्ली हाई कोर्ट ने उस आरोपी को जमानत देने से इंकार कर दिया है जिसने आठ साल की अपनी बेटी का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया था । जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि आरोपी ने कथित तौर पर ‘अपनी ही बेटी के साथ बहुत जघन्य अपराध किया है’ और उसे राहत देने से यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम का मूल उद्देश्य ही विफल हो जाएगा, जिसका उद्देश्य बच्चों को यौन उत्पीड़न, उत्पीड़न और शोषण से बचाना है।

जस्टिस ने आरोपी के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि उसकी पत्नी ने वैवाहिक कलह के कारण उसके खिलाफ झूठी शिकायत की है । जस्टिस प्रसाद ने कहा कि एक मां अपनी बेटी के जीवन को खतरे में नहीं डालेगी। अदालत ने कहा कि यौन उत्पीड़न का घटना बच्चों को मानसिक आघात पहुंचा सकता है और आने वाले सालों में उनकी विचार प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है, उनके सामान्य सामाजिक विकास में बाधा पैदा कर सकता है और ऐसी समस्याएं पैदा कर सकता है जिनके लिए मनोवैज्ञानिक हस्तक्षेप की आवश्यकता हो सकती है।

कोर्ट ने हाल ही में दिए गए आदेश में कहा, ‘‘बच्चे की भलाई को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी जानी चाहिए, जिसकी मानसिक स्थिति कमजोर, संवेदनशील और विकासशील अवस्था में है। बचपन में यौन शोषण के दीर्घकालिक प्रभाव कई बार असहनीय होते हैं।’’

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ लगाए गए आरोप पॉक्सो अधिनियम के तहत गंभीर यौन उत्पीड़न की परिभाषा के अंतर्गत आते हैं, जिसके लिए कम से कम 20 साल के कठोर कारावास या यहां तक ​​कि मृत्युदंड भी हो सकता है।

कोर्ट ने कहा, पॉक्सो अधिनियम बच्चों को यौन उत्पीड़न, उत्पीड़न और शोषण से बचाने के लिए लाया गया है। अपनी ही बेटी पर अपराध करने के आरोपी याचिकाकर्ता को इस समय जमानत देने से इस कानून को लागू करते समय ध्यान में रखे गए उद्देश्य को नुकसान पहुंच सकता है। इन टिप्पणियों के साथ, याचिका खारिज की जाती है।

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