दिल्ली वन विभाग ने परिवहन से मांगे ₹40 लाख, 50 हजार वर्ग मीटर जमीन की भी डिमांड, क्या है मामला?
एनजीटी के आदेश के बाद राष्ट्रीय राजधानी में दो विभाग आमने-सामने हैं। दिल्ली वन विभाग ने परिवहन विभाग से 50,895 वर्ग मीटर जमीन उसे सौंपने और बुराड़ी में एक क्लस्टर बस डिपो में काटे गए पेड़ों के बदले में पौधारोपण के लिए 40 लाख रुपये से अधिक मांगे हैं।
एनजीटी के आदेश पर कार्रवाई करते हुए, दिल्ली वन विभाग ने परिवहन विभाग से 50,895 वर्ग मीटर जमीन उसे सौंपने और बुराड़ी में एक क्लस्टर बस डिपो में काटे गए पेड़ों के बदले में प्रतिपूर्ति के तौर पर पौधारोपण करने के लिए 40 लाख रुपये से अधिक का भुगतान करने को कहा है। इसको लेकर वन विभाग, परिवहन विभाग को पत्र भी लिख चुका है।
पत्र वन विभाग की ओर से 23 अगस्त को परिवहन विभाग को भेजा गया था। पत्र एनजीटी के उस आदेश के बाद भेजा गया था जिसमें उप वन संरक्षक (केंद्रीय) को वनीकरण का पालन नहीं करने की एवज में परिवहन विभाग की सिक्योरिटी डिपॉजिट जब्त करने का निर्देश दिया गया था। अधिकारियों ने बताया कि वन विभाग का यह कदम पेड़ों की कटाई और पर्यावरण नियमों का पालन सुनिश्चित करने के प्रयास का हिस्सा है।
आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार, परिवहन विभाग को निर्देश दिया गया था कि वह काटे गए पेड़ों की संख्या से 10 गुना पौधे लगाए। यही नहीं इस पौधारोपण को वह सात वर्षों तक बनाए रखे। पौधारोपण को पूरा करने की प्रारंभिक डेड लाइन 18 दिसंबर, 2019 से नौ महीने थी, लेकिन मौके पर जाने से पता चला कि पौधारोपण या तो अपर्याप्त रूप से किया गया था या जमीन पर काम ही नहीं किया गया।
पत्र में परिवहन विभाग को नुकसान की भरपाई के लिहाज से पौधारोपण के लिए सात साल के लिए 50,895 वर्ग मीटर जमीन सौंपने और एनजीटी के निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया है। यही नहीं पौधारोपण के लिए 40.18 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए भी कहा गया है। पत्र के मुताबिक, 2.82 करोड़ रुपये की सिक्योरिटी राशि पहले ही जब्त कर ली गई है।
पत्र में परिवहन विभाग से कहा गया है कि आपसे फिर से अनुरोध है कि आप जमीन सौंप दें और तत्काल आधार पर अतिरिक्त राशि जमा करें ताकि जल्द से जल्द पौधारोपण किया जा सके क्योंकि मानसून सीजन जल्द ही समाप्त होने वाला है। पत्र में यह भी कहा गया है कि न्यायालय की अवमानना से बचने के लिए माननीय एनजीटी के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें।
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