दिल्ली पर स्मॉग का खतरा, 17 इलाकों में AQI 400 के पार, सख्त पाबंदियों के आसार
Delhi Air Pollution: दिल्ली के 17 इलाकों में AQI 400 के पार पहुंच गया है।मौसम विभाग की मानें तो दिल्ली पर स्मॉग छाने का खतरा मंडराने लगा है। विस्तृत जानकारी के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट…
दिल्ली पर अब स्मॉग का खतरा मंडराने लगा है। सोमवार सुबह और दोपहर बाद वायुमंडल में स्मॉग का असर देखा गया। हालांकि, अभी इसकी परत मोटी नहीं है, लेकिन दृश्यता का स्तर प्रभावित हुआ है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि हवा की रफ्तार कम होने और ठंड का असर बढ़ने के चलते हल्का स्मॉग बनने लगा है। बढ़ते प्रदूषण के बीच दिल्ली एनसीआर में पाबंदियां बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मंगलवार को विभिन्न विभागों और एजेंसियों की समीक्षा बैठक बुलाई है।
क्या होता है स्मॉग?
तापमान में गिरावट आने पर हवा में मौजूद नमी के कण ठोस होने लगते हैं, जिससे कोहरा यानी फॉग बनता है। जब हवा में धुएं आदि के प्रदूषक कण मौजूद होते हैं तो वे नमी के इन कणों के साथ मिल जाते हैं। इस स्मॉग और फॉग के मिलने से ही स्मॉग बनता है। चूंकि, इसमें तमाम किस्म के हानिकारक प्रदूषक होते हैं, इसलिए इसे सेहत के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है।
सीजन में पहली बार हल्का स्मॉग
दिल्ली के लोग पहले से ही प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं, परंतु प्रदूषण का खतरा अब और बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक, पालम और सफदरजंग मौसम केंद्र में सोमवार को पहली बार हल्का स्मॉग देखा गया, जिससे सुबह के समय पालम मौसम केंद्र में दृश्यता का स्तर 1300 मीटर और सफदरजंग मौसम केंद्र में 1500 मीटर तक गिर गया।
घटी दृश्यता
दिन चढ़ने के साथ दृश्यता के स्तर में इजाफा हुआ। दोपहर दो बजे के दृश्यता का स्तर लगभग दो हजार मीटर तक पहुंच गया। दोपहर बाद धूप कमजोर होने के साथ ही दृश्यता का स्तर फिर गिरने लगा और तीन बजे के आसपास यह 1500 मीटर के स्तर पर रहा। सामान्य तौर पर दृश्यता का स्तर दो हजार मीटर से ऊपर रहता है।
क्यों बढ़ी परेशानी?
मौसम निगरानी संस्था स्काईमेट के विज्ञानी महेश पालावत बताते हैं कि हवा कमजोर होने और तापमान में आई गिरावट के चलते हल्का स्मॉग बन रहा है। दृश्यता का स्तर एक किलोमीटर से कम होने पर ही उसे पूरी तरह से स्मॉग कहा जाता है। अगले दो-तीन दिन में मौसम के कारकों के लगभग ऐसा ही बने रहने के आसार हैं।
एक्यूआई 380 पार
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) जो रोजाना शाम 4 बजे दर्ज किया जाता है, सोमवार को 381 रिकॉर्ड किया गया। रविवार को यह 382 था। इस स्तर की हवा को बेहद खराब श्रेणी में रखा जाता है। सीपीसीबी के अनुसार, सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में प्रमुख प्रदूषक पीएम 2.5 था। पीएम 2.5 सूक्ष्म कण हैं जो श्वसन प्रणाली में गहराई तक दाखिल होकर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकते हैं।
गंभीर श्रेणी में 17 इलाकों की हवा
दिल्ली की हवा में प्रदूषण का जहर बढ़ता जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, 17 निगरानी स्टेशनों में AQI 'गंभीर' श्रेणी में रिकॉर्ड किया गया। इन इलाकों में एक्यूआई 400 से अधिक था, जबकि रविवार को 15 इलाकों में एक्यूआई 4 सौ के पार दर्ज किया गया था। अशोक विहार, अलीपुर, बवाना, द्वारका, जहांगीरपुरी, मुंडका, मोती बाग, एनएसआईटी द्वारका, नजफगढ़, नेहरू नगर, ओखला फेज 2, पटपड़गंज, पंजाबी बाग, सोनिया विहार, आनंद विहार, रोहिणी, वजीरपुर और विवेक विहार में AQI गंभीर श्रेणी में रिकॉर्ड किया गया।
मानकों से तीन गुना ज्यादा प्रदूषण
दिल्ली की हवा में इस समय सामान्य से तीन गुना ज्यादा प्रदूषण है। हवा में पीएम 10 का स्तर 100 से कम होने और पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम होने पर ही उसे स्वास्थ्यकारी माना जाता है, लेकिन दिल्ली-एनसीआर की हवा में सोमवार की शाम तीन बजे पीएम 10 का स्तर 318 और पीएम 2.5 का स्तर 177 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर रहा। यानी दिल्ली-एनसीआर की हवा में मानकों से तीन गुना से ज्यादा प्रदूषण मौजूद है।
हवा की गति कम होने से बढ़ रही परेशानी
वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली के मुताबिक, सोमवार को दिल्ली में हवा की गति चार से आठ किलोमीटर प्रतिघंटा तक की रही। इसके चलते प्रदूषक कणों का बिखराव धीमा रहा। अगले तीन-चार दिन के बीच भी हवा की औसत गति 10 के कम रहने और वेंटीलेशन इंडेक्स छह हजार से कम रहने के आसार हैं। इसके चलते प्रदूषक कणों का बिखराव धीमा होगा और हवा बेहद खराब श्रेणी में ही बनी रहेगी।
सख्त पाबंदियों के आसार
बढ़ते प्रदूषण और मौसम विभाग के पूर्वानुमानों को देखते हुए दिल्ली एनसीआर में पाबंदियों में बढ़ोतरी की आशंकाएं गहराने लगी हैं। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली सरकार के विंटर ऐक्शन प्लान के तहत उठाए गए कदमों की समीक्षा के लिए मंगलवार को सभी संबंधित विभागों की बैठक बुलाई है। इसमें कड़े फैसले लिए जा सकते हैं। सनद रहे वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की पिछली समीक्षा बैठक में ग्रैप के दूसरे चरण की पाबंदियां लगाई गई थीं। यह कहा गया था कि आने वाले दिनों में पूर्वानुमानों पर विचार के लिए समय समय पर समीक्षा बैठकें होती रहेंगी और अगले चरण की पाबंदियों पर विचार विमर्श किया जाएगा।
(पीटीआई का इनपुट भी शामिल)
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।