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AAP खेल रही फर्जी मतों का खेल, BJP ने ‘सुबूत’ दिखा लगाए आरोप, शुरू हुई जांच

दिल्ली भाजपा ने AAP पर दिल्ली में वोटर लिस्ट में हेरफेर करने का आरोप लगाया। वीरेंद्र सचदेवा ने पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मतदाताओं के आंकड़े साझा करते हुए दावा किया कि लाखों अल्पसंख्यक मतदाताओं को मतदाता सूची में जोड़ा गया है।

Krishna Bihari Singh पीटीआईSun, 29 Dec 2024 12:45 AM
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AAP खेल रही फर्जी मतों का खेल, BJP ने ‘सुबूत’ दिखा लगाए आरोप, शुरू हुई जांच

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाया है कि चुनाव जीतने के लिए फर्जी लोगों के फर्जी आधार कार्ड से वोट बनवा रही है। भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कुछ दस्तावेज और मकान मालिकों को सामने सुबूत के तौर पर पेश किए। उन्होंने दावा कि इन मकान मालिकों के घरों पर फर्जी तरीके से वोटर बनाए गए हैं। एक घर में महज 5 लोग हैं लेकिन उनके घर में 60 मतदाता जोड़ दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि ये एक समुदाय के लोग हैं। अब दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के जिला चुनाव अधिकारी सह जिला मजिस्ट्रेट ने कहा है कि भाजपा की ओर से उठाए गए मुद्दों की संबंधित अधिकारियों द्वारा जांच की जा रही है।

वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आम आदमी पार्टी चुनाव जीतने के लिए ना सिर्फ झूठ घोषणाएं करके लोगों को बरगला रही है बल्कि फर्जी तरीके से मतदाता में खास समुदाय के लोगों का नाम भी जुड़वाने का काम कर रही है। इसके लिए उनके ऑनलाइन आवेदन किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि 2014 लोकसभा चुनाव में वोटर्स की संख्या लगभग 1.19 करोड़ थी, जो 2015 विधानसभा चुनाव में 14 लाख बढ़कर 1.33 करोड़ हो गई। यानी 8 महीने में 14 लाख मतदाता बढ़ गए।

फिर 2019 लोकसभा में 6 लाख मतदाता बढ़कर 1.39 करोड़ हो गए। फिर 2020 विधानसभा चुनाव में यानी महज 8 महीने के भीतर वोटर्स संख्या 1.48 करोड़ तक पहुंच गई, यानि 9 लाख मतदाता बढ़ गए। एक बार फिर यही खेल खेला जा रहा है। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मतदाताओं के नाम मतदाता सूची में जुड़वाए जा रहे हैं। चुनाव आयोग ने खुद ऐसे ही एक मामले में शाहीन बाग पुलिस स्टेशन में चार लोगों के खिलाफ फर्जी दस्तावेज जमा कराने पर केस दर्ज कराया है।

भाजपा ने चुनाव आयोग से दिल्ली में इन नए मतदाता आवेदनों की गहन जांच करने की मांग की है। वीरेंद्र सचदेवा ने दावा किया कि नए पंजीकृत मतदाताओं में से अधिकांश 40 साल के जबकि एक की उम्र 80 वर्ष है। ये पहले मतदाता के रूप में पंजीकृत क्यों नहीं हुए? ये लोग कौन हैं और कहां रहते थे। इतना ही नहीं दिल्ली से चले गए या मर चुके कई मतदाताओं के नाम अभी भी मतदाता सूची में मौजूद हैं। सचदेवा ने कहा कि वो लोग जो दिल्ली के मतदाता नहीं है, जिनकी मृत्यु हो गई है या जो लोग घर छोड़कर चले गए उनका मतदाता सूची में क्या काम है।

वहीं इस मसले पर दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के जिला चुनाव अधिकारी सह जिला मजिस्ट्रेट ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि भाजपा की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठाई गई शिकायतों की संबंधित निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों की ओर से जांच की जा रही है। जन प्रतिनिधित्व अधिनियम और ईसीआई के निर्देशों/दिशानिर्देशों के अनुसार, मामले में कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। सचदेवा ने यह भी आरोप लगाया कि केजरीवाल AAP सरकार के साथ मिलकर कथित तौर पर फर्जी वोटर लिस्ट के साथ चुनावों में धांधली करने की कोशिश कर रहे हैं।

(हिन्दुस्तान संवाददाता का इनपुट भी शामिल)