लंदन समेत कई एयरपोर्टों पर साइबर अटैक, दिल्ली में भी सेम सॉफ्टवेयर; कितना असर?
संक्षेप: लंदन और ब्रुसेल्स समेत कई यूरोपीय एयरपोर्टों पर साइबर अटैक से परिचालन बाधित होने से भारत सरकार भी चौकन्नी हो गई है। दिल्ली एयरपोर्ट पर भी इसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल होता है। क्या भारत पर भी इस हमले का कोई असर हुआ है? क्या बोली सरकार…
लंदन और ब्रुसेल्स समेत कई यूरोपीय एयरपोर्टों पर साइबर अटैक से कामकाज ठप होने और परिचालन बाधित होने की खबरों पर भारत सरकार भी सतर्क है। दिल्ली एयरपोर्ट पर भी इसी सॉफ्टवेयर ( MUSE) का इस्तेमाल होता है। राहत की बात यह है कि अभी तक भारत पर इस साइबर अटैक का कोई असर नहीं हुआ है। सरकार का कहना है कि यूरोप के विभिन्न एयरपोर्टों पर हुए इस हमले के बारे में जैसे ही पता चला भारत में गहन जांच की गई।
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोप के कई एयरपोर्टों जैसे लंदन और ब्रसेल्स में साइबर हमले से काम-काज ठप होने की खबरें हैं। यूरोप में हुए इस बड़े साइबर अटैक के जरिए MUSE नाम के सॉफ्टवेयर को निशाना बनाया था। इस साइबर अटैक पर भारत के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट पर भी इसी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल होता है, लेकिन राहत की बात यह है कि अब भारत में इसका कोई असर नहीं हुआ है।
सरकार ने बताया कि यूरोप में साइबर हमले की खबर जैसे ही मिली भारत में तुरंत इसको लेकर सघन छानबीन की गई। भले ही भारत में अभी तक इस साइबर हमले का कोई असर नहीं हुआ है लेकिन सरकार चौकन्नी है। देश के बाकी एयरपोर्टों को इस बारे में बेहद सतर्क रहने को कहा गया है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बताया कि देश में कई संस्थाओं से मिली जानकारी के मुताबिक, इस अटैक का अभी तक कोई असर नहीं देखा गया है।
इस साइबर अटैक के जरिए शनिवार को लंदन के व्यस्त हीथ्रो एयरपोर्ट समेत यूरोप के कई हवाई अड्डों को निशाना बनाया गया। इस साइबर हमले के कारण एयरपोर्टों पर व्यवधान देखा गया। हवाई अड्डा सेवा प्रदाता कॉलिन्स एयरोस्पेस के अनुसार, साइबर हमले में MUSE सॉफ्टवेयर बाधित हो गया। इससे चेक-इन सिस्टम पर असर पड़ा। इसके कारण यात्रियों की उड़ानें रद्द हो गईं जबकि कुछ में लंबी देरी देखी गई।





