कोचिंग सेंटर मौत मामले में HC ने पूछी जलभराव की वजह, CBI ने बताया कब तक दाखिल होगी चार्जशीट?
- सीबीआई ने आरोपियों की जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा कि जांच अभी शुरुआती चरण में है और स्वतंत्र गवाहों की जांच होने तक कोई राहत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि उन्हें प्रभावित किया जा सकता है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने सीबीआई से 27 जुलाई को शहर के ओल्ड राजिंदर नगर में हुए जलभराव की वजह बताने को कहा है, जिसके चलते कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में डूबने से तीन UPSC अभ्यर्थियों की मौत हो गई थी। कोर्ट ने गुरुवार को बेसमेंट मालिकों की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी को इस बारे में निर्देश दिए। कोर्ट के पूछने पर सीबीआई के वकील ने बताया कि वर्तमान आरोपियों के खिलाफ 10 दिनों में आरोप पत्र दाखिल किए जाने की उम्मीद है।
बेसमेंट के मालिकों- परविंदर सिंह, तजिंदर सिंह, हरविंदर सिंह और सरबजीत सिंह ने पिछले महीने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई है, उनका कहना है कि वे तो केवल बेसमेंट के मालिक हैं, जिसे उन्होंने कोचिंग सेंटर को किराए पर दे रखा था और इसलिए इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में उनकी कोई भूमिका नहीं है।
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की पीठ ने सुनवाई करते हुए पूछा, 'उस दिन हुए जलभराव के पीछे क्या खास वजह थी? दिल्ली में भारी बारिश तो हुई थी, लेकिन उसी दिन इतना ज्यादा जलभराव क्यों था? क्या यह बारिश की वजह से था या कुछ और कारण था?'
पीठ ने गुरुवार को बेसमेंट के सह-मालिकों की जमानत याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित रख लिया और जांच एजेंसी से इलाके में जलभराव का कारण, घटना के दिन हुई बारिश की मात्रा और सड़क के पानी को कोचिंग सेंटर में घुसने से रोकने के लिए प्रवेश द्वार पर भारी गेट लगाने के पहलू पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।
चारों आरोपी भाइयों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील ने उनकी ओर से कहा, 'हम हिरासत में हैं। हमने बहुत कुछ सहा है। कृपया विचार करें... इस समय, हम केवल आजादी की मांग कर रहा हूं। हम मुकदमे का सामना करेंगे।' सुनवाई के दौरान, अदालत ने आरोपियों के वरिष्ठ वकील से पूछा कि क्या वे मृतक अभ्यर्थियों के परिवार को कोई हर्जाना या मुआवजा देंगे। जिसके बाद चारों आरोपियों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने कहा कि वे इस नेक काम में योगदान देने को तैयार हैं, जैसा कि कुछ कोचिंग सेंटरों ने किया है, जिन्होंने आर्थिक मुआवजे की घोषणा की है।
आरोपियों की जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए सीबीआई ने कहा कि जांच अभी शुरुआती चरण में है और स्वतंत्र गवाहों की जांच होने तक कोई राहत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि उन्हें प्रभावित किया जा सकता है। हादसे में मृतक नेविन डाल्विन के पिता के वकील ने भी जमानत याचिकाओं को खारिज करने के पक्ष में दलीलें दीं और कहा कि कोचिंग सेंटर भवन और सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन करते हुए चल रहा था और मालिकों को पता था कि नियमों का पालन नहीं करने से मौतें भी हो सकती हैं।
आरोपियों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मोहित माथुर ने इस बात पर जोर दिया कि सड़क पर बारिश के पानी की निकासी का नाला काम नहीं कर रहा था और लापरवाही के आरोपों के बावजूद, सीबीआई ने अभी तक दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि सुरक्षा मंजूरी प्राप्त करने के लिए धोखाधड़ी के आरोप उनके मुवक्किल के लिए प्रासंगिक नहीं हैं क्योंकि जब उन्होंने परिसर खरीदा था, तो ऐसी सभी मंजूरी पहले के मालिक द्वारा ली जा चुकी थी।
सीबीआई के वकील ने कहा कि गवाहों के बयान के अनुसार, घटना के समय बेसमेंट में 35-40 छात्र मौजूद थे और गेट टूटने के कुछ ही सेकंड बाद पानी इस तरह अंदर आया जैसे कोई बांध टूट गया हो। उन्होंने कोर्ट को यह भी कहा कि घटना के दिन 58 मिमी बारिश हुई थी। अदालत ने सीबीआई से कहा कि वह एक बहुत महत्वपूर्ण मामले की जांच कर रही है और उससे पूछा कि क्या राव आईएएस स्टडी सर्किल के पास की अन्य इमारतों में भी बाढ़ आई थी।
27 जुलाई की शाम को मध्य दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर में भारी बारिश के बाद राव आईएएस स्टडी सर्किल की इमारत के बेसमेंट में पानी भर जाने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन अभ्यर्थियों उत्तर प्रदेश की 25 वर्षीय श्रेया यादव, तेलंगाना की 25 वर्षीय तान्या सोनी और केरल के 24 वर्षीय नेविन डेल्विन की डूबने से मौत हो गई थी।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।