मार्शलों की नौकरी बहाली की मांग, आतिशी ने एलजी को भेजा पत्र, क्या कहा?
दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने मार्शलों की नौकरी बहाली के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना को लिखे पत्र में कहा है कि एक आदेश की वजह से 8 साल से डीटीसी में सेवा दे रहे बस मार्शलों की नौकरी चली गई।
दिल्ली की मंत्री आतिशी ने बुधवार को दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना को पत्र लिखकर बस मार्शलों की नौकरी बहाल करने की गुजारिश की। एलजी सक्सेना को संबोधित अपने पत्र में आतिशी ने कहा- इन बस मार्शलों को मुख्य रूप से दिल्ली सरकार के नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों के माध्यम से तैनात किया गया था।
उन्होंने कहा है कि एक आदेश की वजह से 8 साल से डीटीसी में नौकरी कर रहे बस मार्शलों की नौकरी चली गई। उन्होंने मार्शलों की नौकरी बहाली के इस मामले में मानवता के आधार पर निर्णय लेने का आग्रह किया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि डीटीसी की बसों में सीसीटीवी कैमरे और पैनिक बटन लगा दिए जाने का तर्क देकर मार्शलों की जरूरत न होने की बात कही गई है।
उनका कहना है कि सीसीटीवी और पैनिक बटन बसों में महिलाओं और बच्चों की उस तरह से सुरक्षा नहीं कर सकते, जिस तरह से मार्शल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा केजरीवाल सरकार की प्राथमिकता रही है। उन्होंने लिखा है कि बस मार्शलों को अचानक बेरोजगार कर दिया गया है, जबकि अधिकांश मार्शलों का परिवार इसी नौकरी पर आश्रित हैं।
उन्होंने लिखा है कि दिल्ली सरकार इस मामले में पूरा सहयोग करने के लिए तैयार है। उन्होंने उपराज्यपाल से भी इस मामले में मानवता के आधार पर जल्द से जल्द निर्णय लेने का आग्रह किया है।
वहीं बड़ी संख्या में बस मार्शल उपराज्यपाल से मिलने के लिए बुधवार को चंदगी राम अखाड़े के पास एकत्र हुए। उनके निमंत्रण पर दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज और कई अन्य विधायक भी पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उनको राजनिवास पर जाने से रोक दिया। इससे मार्शलों में आक्रोश है। दरअसल, 10,792 मार्शलों की नौकरी बहाली का रास्ता साफ नहीं हो रहा है। दिल्ली सरकार का कहना है कि उनकी फाइल उपराज्यपाल कार्यालय में अटकी हुई है। उनकी स्वीकृति मिल जाए तो बहाली हो जाएगी।
इसके बाद मार्शलों ने आम आदमी पार्टी के मंत्री सौरभ भारद्वाज, विधायकों और दिल्ली के सभी भाजपा सांसदों को उपराज्यपाल के पास चलकर इस मसले का हल कराने के लिए निमंत्रण दिया था। बुधवार को हजारों की संख्या में मार्शल चंदगी राम अखाड़े के पास इकट्ठा हुए। करीब 12:30 बजे आम आदमी पार्टी के पांच विधायक और तकरीबन दो बजे मंत्री सौरभ भारद्वाज उनके बीच पहुंचे। धरना स्थल पर पुलिस ने पहले से बैरिकेडिंग कर रखी थी। इसके चलते मार्शल आगे नहीं बढ़ सके।
वहीं मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी कहा कि दिल्ली सरकार सभी मार्शलों की नौकरी बहाली चाहती है और अपने स्तर पर सभी प्रक्रिया को पूरा कर चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल कार्यालय में फाइल यह कहकर रोक दी गई है कि बसों में सीसीटीवी कैमरे लग गए हैं और अब मार्शलों की तैनाती की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि बुधवार को पुलिस ने उपराज्यपाल कार्यालय नहीं जाने दिया, लेकिन भविष्य में मार्शल जब कहेंगे, वे उनके साथ जाकर उपराज्यपाल से आमने-सामने वार्ता करने के लिए तैयार हैं।
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