
फरीदाबाद में अरावली वन क्षेत्र का सेफ्टी प्लान रेडी, कब्जे से बचाने को मलबे से होगी चारदीवारी
संक्षेप: फरीदाबाद में अरावली में अवैध निर्माणों को तोड़ने के बाद पड़े मलबे का निस्तारण करना प्रशासन का सिरदर्द बना हुआ है। अब इस मलबे से अरावली के वन क्षेत्र की चारदीवारी करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। मंजूरी मिलते ही इस पर काम शुरू हो जाएगा।
फरीदाबाद में अरावली में अवैध निर्माणों को तोड़ने के बाद पड़े मलबे का निस्तारण करना प्रशासन का सिरदर्द बना हुआ है। अब इस मलबे से अरावली के वन क्षेत्र की चारदीवारी करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। मंजूरी मिलते ही इस पर काम शुरू हो जाएगा।

अरावली पहाड़ी में वन विभाग ने नगर निगम प्रशासन की मदद इस वर्ष मई माह में तोड़फोड़ शुरू की थी। करीब पौने दो माह तक चली इस तोड़फोड़ की कार्रवाई के दौरान यहां बने 241 निर्माणों को तोड़ दिया था। बड़े पैमाने पर हुई तोड़फोड़ के बाद अरावली वन क्षेत्र में भारी पैमाने पर मलबा बिखरा पड़ा है। अब प्रशासन को इस मलबे का निस्तारण करना है।
सैकड़ों की संख्या में तोड़े गए अवैध निर्माणों की वजह से यहां काफी मलबा है। प्रशासन इस मलबे को अरावली से बाहर करने पर मंथन करने में जुटा है। पहले इस मलबे को यहां से बाहर डालने पर विचार किया गया था, लेकिन इस मलबे को बाहर डालने पर प्रशासन को ट्रांसपोर्ट के लिए बड़ी राशि खर्च करनी पड़ेगी। प्रशासन ने दूसरी वैकल्पिक योजना तैयार की है। इसके तहत अरावली में पड़े मलबे से वन क्षेत्र की चारदीवारी की जाएगी। इससे मलबे का भी निस्तारण हो जाएगा और वन क्षेत्र की सुरक्षित हो सकेगा।
780 एकड़ में अवैध निर्माण
वन विभाग सर्वे के मुताबिक, अरावली में 780.26 एकड़ क्षेत्र में अवैध निर्माण बने हुए हैं। अनंगपुर गांव में 286 एकड़ में 5948, अनखीर गांव में 250 एकड़ में 339, लक्कड़पुर गांव 197 एकड़ में 313 और मेवला महाराजपुर में 46 एकड़ में 193 में अवैध निर्माण बने हुए हैं। वन विभाग 261.06 एकड़ क्षेत्र में पहले 88 स्थानों पर 241 अवैध निर्माणों को तोड़ा गया था।
सलोनी शर्मा,अतिरिक्त आयुक्त, नगर निगम, ''अरावली के वन क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए मलबे से चारदीवारी करने की योजना है। अरावली से मलबे को बाहर डालना चारदीवारी के मुकाबले अधिक खर्चीला होगा। ''





