अमित शाह ने गिनाए दिल्ली के लिए किए मोदी सरकार के काम, बोले- अगर केंद्र काम ना करता तो...
- शाह ने कहा- काम करना और वादे करना, भाजपा और AAP की अलग-अलग संस्कृति है। भाजपा की संस्कृति है, जो कहते हैं, वो करते हैं। आम आदमी पार्टी की संस्कृति है, वादे करके सत्ता में आओ और भूल जाओ।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र का तीसरा भाग भी जारी कर दिया। पार्टी ने इसे 'विकसित दिल्ली संकल्प पत्र 2025' नाम दिया है। इस दौरान गृहमंत्री ने आम आदमी पार्टी की सरकार पर झूठे वादे करके दिल्ली की जनता को ठगने का आरोप लगाया। साथ ही केंद्र की मोदी सरकार द्वारा दिल्ली के लिए किए गए कामों को भी गिनाया। शाह ने कहा कि अगर दिल्ली में नरेंद्र मोदीजी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार काम ना करती तो आज हम इस कगार पर पहुंच गए होते कि दिल्ली रहने लायक भी ना रहती।
दिल्ली में केंद्र सरकार की तरफ से किए गए कामों की जानकारी देते हुए शाह ने बताया दिल्ली के इंफ्रास्ट्रक्चर की जिम्मेदारी हमारे पास थी, जिसके चलते हमने यहां अलग-अलग सड़कें बनाने पर 41,000 करोड़ रुपए, रेलवे के कामों पर 15,000 करोड़ रुपए और हवाई अड्डे के लिए 21,000 करोड़ रुपए खर्च किए।
उन्होंने बताया कि दिल्ली में केंद्र सरकार की गरीब कल्याण अन्न योजना के 73 लाख लाभार्थी हैं। पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत ढाई लाख रेहड़ी-पटरी वाले लोगों को लोन देने का काम किया गया। साथ ही राज्य सरकार की सहायता के बिना आवाज योजना का जितना फायदा लोगों तक पहुंचाया जा सकता था वो पहुंचाया गया।
गृहमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की पीएम उज्ज्वला योजना के तहत 2 लाख 60 हजार परिवारों को गैस का कनेक्शन दिया गया। प्रधानमंत्री जनऔषधि परियोजना के तहत लगभग 488 दुकानों पर से लोगों को सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराईं। श्रमयोगी मानव धन में लगभग 11 हजार सब्सक्राइबर बने। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम से लगभग 1500 करोड़ रुपए सीधे ट्रांसफर किए।
इसके अलावा उन्होंने बताया कि जनधन योजना के तहत 65 लाख खाते खोले गए, दिल्ली में रहने वाले सभी 17,450 किसानों तक किसान सम्मान निधि का फायदा पहुंचाया गया। मुद्रा योजना के 35 लाख लाभार्थी बने। सुकन्या समृद्धि योजना के करीब 8 लाख खाते खुले, साथ ही उजाला योजना के अंतर्गत 1 करोड़ 30 लाख बल्ब बांटे गए।
इस मौके पर गृहमंत्री ने कहा कि काम करना और वादे करना, भाजपा और AAP पार्टी की अलग-अलग संस्कृति है। भाजपा की संस्कृति है, जो कहते हैं, वो करते हैं। आम आदमी पार्टी की संस्कृति है, वादे करके एकबार सत्ता में आ जाओ, बाय-बाय टाटा गुडबाय करके फिर अगले साल चुनाव में फिर भोला सा चेहरा बनाकर लोगों के सामने खड़े हो जाओ।