
8वीं पास युवक ने देशभर में सैकड़ों पढ़े-लिखे लोगों को लगाया चूना, सबको ऐसे बनाया शिकार
संक्षेप: देशभर के सैकड़ों पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं को एयरपोर्ट पर आकर्षक नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगने वाले एक शातिर ठग मनोज को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। महज आठवीं पास यह आरोपी दर्जनों वारदातों को अंजाम दे चुका था।
देशभर के सैकड़ों पढ़े-लिखे बेरोजगार युवाओं को एयरपोर्ट पर आकर्षक नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगने वाले एक शातिर ठग मनोज को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। महज आठवीं पास यह आरोपी दर्जनों वारदातों को अंजाम दे चुका था और हर बार अपना ठिकाना बदल लिया करता था। आरोपी को दक्षिण पश्चिम जिला की साइबर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसके पास से एक स्मार्टफोन बरामद किया है, जिसका इस्तेमाल वह वारदात में करता था।

डीसीपी अमित गोयल ने बताया कि आरकेपुरम सेक्टर 7 में रहने वाले एस सिंह ने पुलिस को अपने साथ ठगी की शिकायत दी थी। पीड़ित ने बताया कि उसके पास एक अज्ञात नंबर से फोन आया था और फोन करने वाले अपना नाम मनोज बताया और पीड़ित को बीडब्ल्यूएफएस कम्पनी में 35 हजार रुपये प्रतिमाह सैलरी पर नौकरी का प्रस्ताव दिया। पीड़ित को नौकरी की जरूरत थी, ऐसे में उसने नौकरी के लिए हां कर दी।
इस पर आरोपी ने पीड़ित से 55 सौ रुपए पंजीकरण शुल्क के रूप में गूगल-पे करने के लिए कहा, पीड़ित ने पैसे दे दिए। 26 जुलाई को पीड़ित के मेल पर एक पहचान पत्र और अन्य दस्तावेज आए हुए थे। पीड़ित से 15 हजार रुपए का भुगतान करने के लिए कहा गया। पीड़ित ने पैसे ट्रांसफर कर दिए, लेकिन उसके बाद मनोज का नंबर बंद हो गया और फिर पीड़ित को न कभी फोन और न ही नौकरी के बारे में कोई जानकारी मिली। पीड़ित को ठगी का अहसास होने पर उसने पुलिस को इसकी शिकायत दी। इंस्पेक्टर प्रवेश कौशिक की टीम ने संबंधित धारा में केस दर्ज कर जांच शुरू की।
मोबाइल से पकड़ा गया आरोपी
एसआई प्रियंका, हेड कॉन्स्टेबल जय प्रकाश और कॉन्स्टेबल जीतू राम की टीम ने जिस खाते में ठगी की रकम जमा की गई थी। उसका सत्यापन नहीं हो पाया और खाता किसका था, यहां जानकारी पुलिस को नहीं मिली। पुलिस ने आरोपी के मोबाइल की जानकारी निकाली। तकनीकी निगरानी की मदद से पुलिस टीम ने महिपालपुर, रंगपुरी, पालम और बिजवासन के उन स्थानों पर छापेमारी की, जहां मोबाइल चलाया गया था। तीन दिन तक लगातार छापेमारी के बाद पुलिस ने आरोपी मनोज को दबोच लिया।
सोशल मीडिया से लेता था डेटा
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह सोशल मीडिया से ऐसे लोगों का डेटा लेता था जो नौकरी की तलाश कर रहे होते थे। उसके बाद वह उनसे सम्पर्क करता था। आरोपी ने बताया कि वह 20 से 25 हजार रुपये की ठगी करता था। रकम कम होने के कारण, शिकायतकर्ता अक्सर पुलिस को रिपोर्ट करने से बचते थे और इस तरह वह लोगों को ठगने में सफल हो जाता था।





